अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की दोबारा वापसी हो गई। इसके साथ ही तेलंगाना में जनगांव जिले के कोन्ने गांव में उनकी मूर्ति भी एक बंद पड़े घर से बाहर निकल आई। जिस दिन ट्रंप ने अपनी पार्टी की जीत का जश्न मनाते हुए भाषण दिया, उस दिन कोन्ने गांव के लोगों ने उनकी 6 फीट ऊंची प्रतिमा की फूल-माला पहनाकर पूजा की।
एक फैन ने 2018 में बनवाई थी प्रतिमा
दरअसल ट्रंप की यह प्रतिमा गांव में रहने वाले बुस्सा कृष्णा ने 2018 में बनवाई थी। वह ट्रंप का बड़ा फैन था। ट्रंप की मूर्ति बनवाने के लिए उसने पैसे इकट्ठे किए थे। वह रोजाना इस मूर्ति की पूजा भी किया करता था।
हालांकि, 2020 में ट्रंप दूसरी बार चुनाव हार गए थे। उसी साल हार्ट अटैक से कृष्णा की मौत हो गई थी। इसके बाद से ही ट्रंप की यह मूर्ति उसके घर में पड़ी हुई थी।
ट्रंप की जीत पर गांव वालों ने निकाली मूर्ति
डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा अमेरिकन प्रेसिडेंट चुने जाने की खबर दुनिया भर में सुर्खियों में रही। इसी बात पर कृष्णा के बचपन के दोस्त वंचा रेड्डी और गांव वालों ने कृष्णा को याद करते हुए उसके घर से ट्रंप की प्रतिमा निकाली और उसकी पूजा कर कृष्णा को भी याद किया।
ट्रंप के पॉजीटिव होने पर रखा था व्रत रेड्डी के बताए मुताबिक, कृष्णा ने लाखों रुपये खर्च करके प्रतिमा बनवाई थी। वह रोजाना इसकी पूजा करता था और इसकी साफ-सफाई का बहुत ध्यान रखता था। इतना ही नहीं, जब ट्रंप कोरोना पॉजिटिव हुए तो कृष्णा ने उनकी सलामती के लिए व्रत भी रखा था।
ट्रंप की तस्वीरों से भरा पड़ा है कृष्णा का घर
कृष्णा का घर तो ट्रंप की तस्वीरों वाले पोस्टरों से भरा पड़ा है। इतना ही नहीं, उसके घर की खिड़कियों और दीवारों पर भी ट्रंप का नाम लिखा हुआ है। कृष्णा ट्रंप से जुड़ी हरेक खबर पढ़ता था। वह गांव के लोगों से भी कहा करता था कि ट्रंप के आने से भारत और अमेरिका के बीच रिलेशन बहुत मजबूत होंगे।
ट्रंप विलेज नाम से फेमस हो गया है गांव
कृष्णा के बचपन के दोस्त और वार्ड सदस्य वंचा रेड्डी बताते हैं कि ट्रंप के प्रति अपनी भक्ति को चलते ही कृष्णा को लोग ‘ट्रंप कृष्णा’कहकर पुकारने लगे थे। जनगांव जिले के इस छोटे से गांव को भी अब ‘ट्रंप के गांव’ के रूप में पहचाना जाने लगा है।