भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और एलन मस्क की कंपनी SpaceX ने एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत, SpaceX, ISRO के GSAT-20 संचार उपग्रह को लॉन्च करेगा। यह पहली बार है जब दोनों संगठन मिलकर किसी उपग्रह को लॉन्च कर रहे हैं। GSAT-20 उपग्रह को अगले सप्ताह SpaceX के Falcon 9 रॉकेट से अमेरिका के केप कैनावेरल से लॉन्च किया जाएगा। यह उपग्रह अगले 14 साल तक काम करेगा और पूरे भारत में, खासकर दूरदराज के इलाकों में, इंटरनेट सेवाएं प्रदान करेगा।
ISRO के पास GSAT-20 जैसे भारी उपग्रहों को लॉन्च करने की क्षमता नहीं है। इसके अलावा, यूक्रेन युद्ध के कारण रूस लॉन्चिंग सेवाएं उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। ऐसे में SpaceX एक अच्छा विकल्प बनकर उभरा है। यह समझौता डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद हुआ है। ट्रम्प और एलन मस्क के बीच अच्छे संबंध हैं और माना जाता है कि ट्रम्प ने इस समझौते को बढ़ावा दिया है।
इस लॉन्चिंग की अनुमानित लागत 60 से 70 मिलियन डॉलर है। भारत और SpaceX दोनों ही कम लागत में लॉन्चिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। भारत ने SpaceX के साथ एक और समझौता किया है जिसके तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजा जाएगा। ISRO के चेयरमैन राधाकृष्णन दुराइराज ने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष सहयोग को मजबूत करेगा।