मणिपुर में तीन शव मिले, मैतेई समुदाय का उग्र प्रदर्शन:इंफाल में विधायकों के घर तोड़फोड़-आगजनी; 7 जिलों में इंटरनेट बैन, 5 में कर्फ्यू
मणिपुर में शुक्रवार को एक महिला और दो बच्चों के शव जिरी नदी में बहते मिले थे। इसके बाद से राज्य के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ, जो अब हिंसक हो गया है।
मैतेई समुदाय के लोगों ने इंफाल में आठ विधायकों के घर हमला किया। प्रदर्शनकारियों ने यहां पथराव और आगजनी की। इंफाल में टायर जलाकर सड़कों को ब्लॉक किया।
दरअसल, 11 नवंबर को वर्दी पहने हथियारबंद उग्रवादियों ने बोरोब्रेका थाना परिसर और सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया था। इसमें 10 उग्रवादी मारे गए थे।
इस दौरान जिरीबाम जिले के बोरोब्रेका थाना परिसर स्थित राहत शिविर से 6 लोगों को अगवा किया गया था। शुक्रवार को मिले तीन शव इन लापता हुए लोगों के बताए जा रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन के चलते मणिपुर के पांच घाटी जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है। जबकि सात जिलों में शनिवार शाम 5:15 बजे से दो दिन के लिए इंटरनेट बैन कर दिया गया है।
ये जिले हैं- इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर।
इंफाल में प्रदर्शन की 5 तस्वीरें…
इन विधायकों के घर पर हुआ हमला…
1. राजकुमार इमो सिंह, सागोलबंद विधानसभा
2. सपम कुंजकेश्वर, पटसोई विधानसभा
3. सपम निशीकांत, केशमथॉन्ग विधानसभा
4. थांगजम अरुणकुमार, वांगखेई विधानसभा
5. सागोलशेम केबी देवी, नाओरिया पखांगलाकपा विधानसभा
6. ख्वैरखपम रघुमनि सिंह, उरिपोक विधानसभा
7. एसी लोकन, वांगकोई विधानसभा
8. करम श्याम, लांगथाबल विधानसभा
इनके अलावा राज्य कैबिनेट मंत्री सपम रंजन और थोंगम बिस्वजीत सिंह के घरों पर भी हमला हुआ।
मैतेई संस्था ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की मैतेई समुदाय की संस्था कॉर्डेनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी (COCOMI) ने शनिवार से अनश्चितकालीन हड़ताल करने का ऐलान किया है। संस्था के अध्यक्ष खुराइजाम अथौबा ने बताया कि वेस्ट इंफाल जिले के इमा कीथल बाजार में यह हड़ताल की जाएगी। यह एशिया का सबसे बड़ा महिला संचालित बाजार है।
असम में कुकी उग्रवादियों के शवों को लेकर कुकी समुदाय का प्रदर्शन शनिवार सुबह असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (SMCH) के बाहर पुलिस और कुकी समुदाय के लोगों के बीच विवाद हुआ, जिसके बाद पुलिस ने लोगों पर लाठीचार्ज किया।
दरअसल, मणिपुर के जिरीबाम जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए 10 उग्रवादियों के परिजन उनके शव मांगने के लिए अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे।
असम पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि शव मणिपुर पुलिस को सौंपे जाएंगे, लेकिन परिजन शव वहीं सौंपे जाने की मांग करते हुए पत्थरबाजी पर उतर आए।
इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, जिसके बाद हालात काबू में आए और परिजन मणिपुर पुलिस से शव लेने पर सहमत हुए। इसके बाद शवों को मणिपुर के चुराचांदपुर एयरलिफ्ट किया गया। पूरी खबर यहां पढ़ें…