दिल्ली में AQI लगातार 5वें दिन गंभीर कैटेगरी में:37% हिस्सा पराली का; हरियाणा में 5वीं तक स्कूल ऑनलाइन, कश्मीर में बर्फबारी से सड़क बंद
दिल्ली में लगातार 5वें दिन प्रदूषण का स्तर गंभीर कैटगिरी में दर्ज किया गया। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, रविवार सुबह 7 बजे दिल्ली के 14 लोकेशन पर AQI 400+ दर्ज किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में 37% प्रदूषण दिल्ली और आसपास के राज्यों में पराली जलाने से हुआ है। वहीं, 12% पॉल्यूशन की वजह गाड़ियों से होने वाले कार्बन उत्सर्जन है।
दिल्ली के अलावा हरियाणा के भी कई शहरों में AQI 400 के करीब पहुंच गया है। खतरनाक प्रदूषण को देखते हुए हरियामा सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों में 5वीं तक के बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लासेस चलाने का फैसला किया है।
उधर, कश्मीर में बर्फबारी के चलते किश्तवाड़-सिंथन टॉप रोड बंद कर दी गई है। यह सड़क अनंतनाग को किश्तवाड़ नेशनल हाईवे (NH-244) से जोड़ती है। अधिकारियों का कहना है कि सड़क से बर्फ हटाने का काम जारी है। मौसम को देखकर ट्रैफिक मूवमेंट शुरू किया जाएगा।
दिल्ली में प्रदूषण की 6 तस्वीरें
दिल्ली के स्कूलों में 6th क्लास से मास्क अनिवार्य
- सरकारी ऑफिसों की टाइमिंग बदली। केंद्र सरकार के दफ्तर सुबह 9 से शाम 5:30, दिल्ली सरकार के दफ्तर 10 से शाम 6:30 और MCD के दफ्तर 8:30 से शाम 5 बजे तक चलेंगे।
- सभी प्राइमरी (5वीं क्लास तक) स्कूलों में ऑनलाइन क्लास चल रही हैं। छठी से 12वीं तक के स्कूलों के लिए मास्क अनिवार्य किया गया है।
- सरकार ने लोगों से निजी वाहन न चलाने की अपील की है। इसके लिए 106 अतिरिक्त क्लस्टर बसें और मेट्रो के 60 और फेरे बढ़ाए गए हैं, ताकि लोग प्राइवेट व्हीकल का कम इस्तेमाल करें।
- एयर कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने NCR यानी हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से आने वाली बसों के दिल्ली आने पर भी रोक लगा दी है।
- GRAP लागू होने के पहले दिन ट्रैफिक पुलिस ने करीब 550 चालान काटकर 5.85 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला।
दिल्ली-NCR में GRAP-3 लागू, तोड़फोड़ पर रोक, डीजल गाड़ियों पर पाबंदी
- दिल्ली-NCR में निर्माण, खनन और तोड़फोड़ पर रोक है।
- दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल 4 पहिया वाहन पर प्रतिबंध है। उल्लंघन पर 20 हजार रुपए का फाइन लगाया गया है।
- दिल्ली में BS-3 डीजल के इमरजेंसी व्हीकल के अलावा इस स्तर के सभी मीडियम गुड्स व्हीकल पर रोक लगाई गई है।
- मशीन से सड़कों की सफाई की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने और हैवी ट्रैफिक वाले रूट पर पीक आवर से पहले पानी का छिड़काव करने जैसे उपाय किए गए हैं।
दिल्ली में प्रदूषण की 2 सैटेलाइट इमेज
अमेरिकी साइंटिस्ट हीरेन जेठवा ने 14 नवंबर को दिल्ली की सैटेलाइट इमेज शेयर की थीं। इसमें दिल्ली में घना स्मॉग दिखाई दे रहा है। हीरेन अमेरिका की मॉर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी में एरोसोल रिमोट सेंसिंग साइंटिस्ट हैं। हीरेन की फोटोज NASA ने भी शेयर की थी।
दिल्ली सरकार ने कहा था- प्रतिबंध नहीं लगाएंगे
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार सुबह ही कहा था, ‘GRAP-3 के प्रतिबंध लागू नहीं किए जाएंगे।’ इस पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आतिशी सरकार की निष्क्रियता के कारण प्रदूषण की स्थिति दिल्ली के आसपास के इलाकों से भी बदतर हो गई है। राजपथ जैसे इलाकों में भी AQI 450 से ज्यादा है। उन्होंने कहा- दिल्ली के लोग चाहते हैं कि गोपाल राय अपना पद छोड़ दें।
इस पर गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली की खराब एयर क्वालिटी में 35% योगदान भाजपा शासित हरियाणा और उत्तर प्रदेश के NCR में आने वाले जिलों का है।
AQI 400 के पार पहुंचने पर GRAP लगाया जाता है
राजधानी में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए प्रदूषण के स्तर को 4 कैटेगरी में बांटकर देखा गया है। हर स्तर के लिए लिए पैमाने और उपाय तय हैं। इसे ग्रेडेड एक्शन प्लान यानी GRAP कहते हैं। इसकी 4 कैटेगरी के तहत सरकार पाबंदियां लगाती है और प्रदूषण कम करने के उपाय जारी करती है।
- GRAP-1: खराब (AQI 201-300)
- GRAP-2: बहुत खराब (AQI 301-400)
- GRAP-3: गंभीर ( AQI 401 से 450)
- GRAP-4: बहुत गंभीर ( AQI 450 से ज्यादा)
AQI क्या है और इसका हाई लेवल खतरा क्यों AQI एक तरह का थर्मामीटर है। बस ये तापमान की जगह प्रदूषण मापने का काम करता है। इस पैमाने के जरिए हवा में मौजूद CO (कार्बन डाइऑक्साइड ), OZONE, (ओजोन) NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) , PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) और PM 10 पोल्यूटेंट्स की मात्रा चेक की जाती है और उसे शून्य से लेकर 500 तक रीडिंग में दर्शाया जाता है।
हवा में पॉल्यूटेंट्स की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, AQI का स्तर उतना ज्यादा होगा। और जितना ज्यादा AQI, उतनी खतरनाक हवा। वैसे तो 200 से 300 के बीच AQI भी खराब माना जाता है, लेकिन अभी हालात ये हैं कि राजस्थान, हरियाणा दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में ये 300 के ऊपर जा चुका है। ये बढ़ता AQI सिर्फ एक नंबर नहीं है। ये आने वाली बीमारियों के खतरे का संकेत भी है।
क्या होता है PM, कैसे नापा जाता है PM का अर्थ होता है पर्टिकुलेट मैटर। हवा में जो बेहद छोटे कण यानी पर्टिकुलेट मैटर की पहचान उनके आकार से होती है। 2.5 उसी पर्टिकुलेट मैटर का साइज है, जिसे माइक्रोन में मापा जाता है।
इसका मुख्य कारण धुआं है, जहां भी कुछ जलाया जा रहा है तो समझ लीजिए कि वहां से PM2.5 का प्रोडक्शन हो रहा है। इंसान के सिर के बाल की अगले सिरे की साइज 50 से 60 माइक्रोन के बीच होता है। ये उससे भी छोटे 2.5 के होते हैं।
मतलब साफ है कि इन्हें खुली आंखों से भी नहीं देखा जा सकता। एयर क्वालिटी अच्छी है या नहीं, ये मापने के लिए PM2.5 और PM10 का लेवल देखा जाता है। हवा में PM2.5 की संख्या 60 और PM10 की संख्या 100 से कम है, मतलब एयर क्वालिटी ठीक है। गैसोलीन, ऑयल, डीजल और लकड़ी जलाने से सबसे ज्यादा PM2.5 पैदा होते हैं।
दावा- दिल्ली में 69% परिवार प्रदूषण से प्रभावित
NDTV के मुताबिक, प्राइवेट एजेंसी लोकल सर्कल के सर्वे में दावा किया गया कि दिल्ली-NCR में 69% परिवार प्रदूषण से प्रभावित हैं। 1 नवंबर को जारी की गई इस रिपोर्ट में बताया गया कि दिल्ली-NCR में 62% परिवारों में से कम से कम 1 सदस्य की आंखों में जलन है। 46% फैमिली में किसी न किसी मेंबर को जुकाम या सांस लेने में तकलीफ (नेजल कंजेशन) और 31% परिवार में एक सदस्य अस्थमा की परेशानी है। पूरी खबर पढ़ें…