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हरियाणा के आर्मी कैप्टन ने एक रुपया लेकर शादी की:असिस्टेंट प्रोफेसर संग लिए फेरे, ललित ने पहले अटेम्प्ट में क्रैक किया था CDS एग्जाम

हरियाणा के रेवाड़ी में सेना के कैप्टन की शादी सुर्खियों में है। इसकी वजह यह है कि उनकी शादी बिना दहेज के असिस्टेंट प्रोफेसर के साथ हुई। उन्होंने शगुन में सिर्फ एक रुपया लिया। कैप्टन ललित यादव (29) रेवाड़ी जिले के खालेटा गांव के रहने वाले हैं।

वह कुमाऊं रेजिमेंट में बरेली में पोस्टेड हैं। ललित ने 12वीं के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था। इसके बाद 2018 में कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (CDS) एग्जाम पहले ही अटेम्प्ट में क्लियर कर लिया। 2019 में पास आउट होने के बाद सेना में लेफ्टिनेंट बने।

इसके बाद उनका कैप्टन के पद पर प्रमोशन हुआ। कैप्टन ललित यादव की एक बड़ी बहन भी हैं। जिनकी शादी हो चुकी है। ललित के पिता महेंद्र सिंह भी सेना में कैप्टन के पद से रिटायर्ड हैं।

कैप्टन ललित यादव और उनकी पत्नी अनीषा राव परिवार के सदस्य से आशीर्वाद लेने जाते हुए।

महेंद्र सिंह के मुताबिक, वह वर्तमान में सेक्टर-3 में रहते हैं। ललित यादव का विवाह 12 नवंबर को रेवाड़ी शहर के ही मोहल्ला आदर्श नगर निवासी पंकज यादव की बेटी अनीषा राव के साथ हुआ है।

रिश्ता तय होते ही ठाना था कि बिना दहेज के शादी करेंगे अनीषा राव अभी जयपुर के सरकारी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। उन्होंने जूलॉजी सब्जेक्ट में MSC की है। इसके अतिरिक्त B.Ed M.Ed भी उन्होंने किया हुआ है। सीटेट, एचटेट, नेट, गेट जैसे तमाम कंपीटेटिव एग्जाम भी पास किए हैं। उनकी एक बहन और एक भाई है। बहन डॉक्टर है, जबकि भाई पढ़ाई कर रहा है।

कैप्टन के परिवार के सदस्य के मुताबिक ललित और अनीषा राव का रिश्ता करीब 3 महीने पहले ही तय हुआ था। इस दौरान दोनों ने तय कर लिया था कि वह बिना दहेज के शादी करेंगे।

दूल्हा-दुल्हन के साथ फोटो खिंचवाते हुए परिवार के सदस्य।

दूल्हा बोला- दहेज एक कुरीति है कैप्टन ललित का कहना है कि दहेज एक कुरीति है। जिसे हर शिक्षित वर्ग के युवा को मिलकर समाप्त करना होगा। वहीं उनके पिता महेंद्र सिंह और माता सरिता यादव ने कहा कि उनके लिए बेटी ही दहेज है। अनीषा का घर में आगमन खुशहाली लेकर आया है।

कैप्टन ललित ने पहले अटेम्प्ट में CDS एग्जाम क्लियर कर लिया था।

चौथी पीढ़ी सेना में सेवाएं दे रही ललित के परिवार की चौथी पीढ़ी सेना में सेवाएं दे रही है। उनके परदादा भी सेना में ही थे। दादा उमराव सिंह सूबेदार के पद से रिटायर्ड हुए हैं और उनकी अभी 99 साल उम्र है। उमराव सिंह ऐसे सैनिक रहे हैं, जिन्होंने सेकंड वर्ल्ड वॉर से लेकर 1971 तक पांच लड़ाइयों में हिस्सा लिया।

इसके अलावा ललित के बड़े ताऊ चंदन सिंह कैप्टन के पद से रिटायर्ड हुए। दूसरे ताऊ विरेंद्र सिंह इंस्पेक्टर के पद से रिटायर्ड हैं।

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