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गौतम अडाणी पर न्यूयॉर्क में धोखाधड़ी का आरोप:दावा- सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट के लिए ₹2200 करोड़ की रिश्वत ऑफर की, नेटवर्थ ₹1.02 लाख करोड़ घटी

गौतम अडाणी पर न्यूयॉर्क में धोखाधड़ी का आरोप:दावा- सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट के लिए ₹2200 करोड़ की रिश्वत ऑफर की, नेटवर्थ ₹1.02 लाख करोड़ घटी

न्यूयॉर्क/नई दिल्ली34 मिनट पहले
फोर्ब्स रियल टाइम बिलियनेयर्स लिस्ट के मुताबिक 62 साल के गौतम अडाणी की संपत्ति 57.7 बिलियन डॉलर (4.87 लाख करोड़ रुपए) है। – Dainik Bhaskar
फोर्ब्स रियल टाइम बिलियनेयर्स लिस्ट के मुताबिक 62 साल के गौतम अडाणी की संपत्ति 57.7 बिलियन डॉलर (4.87 लाख करोड़ रुपए) है।
अमेरिका में उद्योगपति गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का कहना है कि अडाणी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपए) की रिश्वत दी या देने की योजना बना रहे थे।

यह पूरा मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है। 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था। बुधवार को इसकी सुनवाई में गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडाणी और सागर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। सागर अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी हैं।

अमेरिकी निवेशकों का पैसा, इसलिए वहां केस

अडाणी पर आरोप है कि रिश्वत के इन पैसों को जुटाने के लिए उन्होंने अमेरिकी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला। अमेरिका में मामला इसलिए दर्ज हुआ, क्योंकि प्रोजेक्ट में अमेरिका के इन्वेस्टर्स का पैसा लगा था और अमेरिकी कानून के तहत उस पैसे को रिश्वत के रूप में देना अपराध है।

अडाणी बोले- सभी आरोप आधारहीन, खंडन करते हैं

अडाणी ग्रुप ने सभी आरोपों को आधारहीन बताया है। एक बयान में ग्रुप ने कहा – ‘अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के डायरेक्टर्स के खिलाफ यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की ओर से लगाए गए आरोप निराधार हैं। हम उनका खंडन करते हैं।

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अमेरिकी न्याय विभाग ने खुद ही कहा कि अभी ये सिर्फ आरोप हैं। आरोपियों को तब तक निर्दोष माना जाता है, जब तक कि वे दोषी साबित न हो जाएं।

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अडाणी ग्रीन एनर्जी ने बॉन्ड की पेशकश रोकी

अडाणी ग्रुप ने बुधवार को ही 20 इयर ग्रीन बॉन्ड की बिक्री से 600 मिलियन डॉलर (5064 करोड़ रुपए) जुटाने की घोषणा की थी। इसके कुछ घंटों बाद उन पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए।

अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा- यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने हमारे बोर्ड मेंबर्स गौतम अडाणी और सागर अडाणी के खिलाफ न्यूयॉर्क डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में क्रिमिनल केस किया है और एक सिविल कम्प्लेन दर्ज की है।

अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने हमारे बोर्ड के सदस्य विनीत जैन को भी इस क्रिमिनल केस में शामिल किया है। इसके मद्देनजर, हमारी सहायक कंपनियों ने फिलहाल प्रस्तावित बॉन्ड पेशकशों को आगे न बढ़ाने का फैसला किया है। अब इस बॉन्ड की पेशकश को भी अडाणी ग्रुप ने टाल दिया है।

गौतम अडाणी की नेटवर्थ एक दिन में ₹1.02 लाख करोड़ घटी

रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप के बाद कंपनियों के शेयर में आई गिरावट से अडाणी ग्रुप के चेयरपर्सन गौतम अडाणी की नेटवर्थ एक दिन में 12.1 बिलियन डॉलर (करीब 1.02 लाख करोड़ रुपए) घटकर 57.7 बिलियन डॉलर (4.87 लाख करोड़ रुपए) रह गई है। इसी के साथ अडाणी फोर्ब्स रियल टाइम बिलियनेयर्स लिस्ट में 25वें नंबर से सीधे 22वें नंबर पर आ गए हैं। हालांकि, इसके बाद भी मुकेश अंबानी के बाद गौतम अडाणी दूसरे सबसे अमीर भारतीय बने हुए हैं।

अडाणी ग्रुप के 10 शेयरों में से 9 में गिरावट रही

अडाणी ग्रुप के 10 शेयरों में से 9 गिरावट और 1 तेजी के साथ बंद हुए। अडाणी एंटरप्राइजेज में सबसे ज्यादा 23.44% गिरा। जबकि, अडाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर 18.95% की गिरावट के साथ बंद हुआ।

एनर्जी बिजनेस को मैनेज करते हैं सागर अडाणी

गौतम अडाणी के भतीजे, सागर ने ब्राउन यूनिवर्सिटी US से इकोनॉमिक्स की डिग्री ली है। सागर 2015 में अडाणी ग्रुप में शामिल हुए। सागर, ग्रुप के एनर्जी बिजनेस और फाइनेंस को मैनेज करते हैं। वह रिन्यूएबल एनर्जी बिजनेस में फोकस करते हैं और 2030 तक कंपनी को दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी प्रोड्यूसर बनाने की योजना बना रहे हैं।

अडाणी ग्रीन एनर्जी के पास 20 गीगावाट से ज्यादा का क्लीन एनर्जी पोर्टफोलियो

अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के पास 20 गीगावाट से ज्यादा का क्लीन एनर्जी पोर्टफोलियो है, जिसमें देश के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में दुनिया के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्रों में से एक शामिल है। अडाणी ग्रुप ने 2030 तक इस सेक्टर में देश की सबसे बड़ी कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है। कंपनी का मार्केट कैप 1.85 लाख करोड़ रुपए है।

अडाणी ग्रीन एनर्जी गुजरात के खावड़ा में एक ही जगह पर 30 हजार मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट लगा रही है।
अडाणी ग्रीन एनर्जी गुजरात के खावड़ा में एक ही जगह पर 30 हजार मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट लगा रही है।
कांग्रेस ने JPC से जांच की मांग की

अमेरिका में रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप के बाद कांग्रेस ने गुरुवार को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) से जांच की मांग की है। अमेरिकी अटॉर्नी कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा -अमेरिकी अटॉर्नी ऑफिस की ओर से अडाणी और उनसे जुड़े अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाना उस मांग को सही ठहराता है जो कांग्रेस जनवरी 2023 से कर रही है।

अडाणी ने पिछले हफ्ते अमेरिका में इन्वेस्टमेंट करने का ऐलान किया था

अडाणी ने हाल ही में अमेरिका में 10 बिलियन डॉलर (84406 करोड़ रुपए) निवेश करने का ऐलान किया था, जिससे 15,000 नौकरियां बढ़ने की उम्मीद जताई थी।

गौतम अडाणी से जुड़े कुछ दिलचस्प फैक्ट और उनका सफर…

डायमंड इंडस्ट्री में आजमाई किस्मत : 24 जून 1962 को जन्मे कॉलेज ड्रॉपआउट गौतम अडाणी गुजरात से हैं। 1980 के दशक की शुरुआत में मुंबई की डायमंड इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमाई थी। इसके बाद 1988 में एक छोटी एग्री ट्रेडिंग फर्म के साथ अडाणी ग्रुप की शुरुआत की।

ये अब एक ऐसे ग्रुप में बदल गया है, जो कोल ट्रेडिंग, माइनिंग, लॉजिस्टिक्स, पावर जेनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन तक फैला हुआ है। अडाणी ग्रुप ग्रीन एनर्जी, एयरपोर्ट्स, डेटा सेंटर्स और सीमेंट इंडस्ट्री में भी है। गौतम अडाणी ने अपने ग्रुप को दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी प्रोड्यूसर बनाने के लिए 2030 तक 70 अरब डॉलर (590848 करोड़ रुपए) का निवेश करने का कमिटमेंट किया है।

1996 में बनाया अडाणी फाउंडेशन : गौतम अडाणी की पत्नी प्रीति की अगुआई में 1996 में अडाणी फाउंडेशन की स्थापना हुई थी। अडाणी फाउंडेशन भारत के ग्रामीण इलाकों में काम कर रहा है। वर्तमान में फाउंडेशन देश के 18 राज्यों में सालाना 34 लाख लोगों की जिंदगी बेहतर करने में मदद कर रहा है। प्रीति पेशे से डॉक्टर हैं, उन्होंने डेंटल सर्जरी (BDS) में ग्रेजुएशन किया है।

गौतम अडाणी से जुड़े विवाद…

पहला विवाद: हिंडनबर्ग रिसर्च ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए : जनवरी 2023 की है। गौतम अडाणी की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज ने 20,000 करोड़ का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर लाने की घोषणा की। 27 जनवरी 2023 को इस ऑफर को खुलना था, लेकिन उससे ठीक पहले 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए।

25 जनवरी तक ग्रुप के शेयरों मार्केट वैल्यू करीब 12 बिलियन डॉलर (करीब 1 लाख करोड़ रुपए) कम हो गई। हालांकि, अडाणी ने किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया। ऐसे में अडाणी ग्रुप ने अपना 20,000 करोड़ का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर भी कैंसिल कर दिया। केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई और सेबी ने भी मामले की जांच की।

कोर्ट के फैसले के बाद अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा था, ‘कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की ग्रोथ स्टोरी में हमारा योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द।’

दूसरा विवाद: लो-ग्रेड कोयले को हाई-ग्रेड में बेचने का आरोप : एक महीने पहले फाइनेंशियल टाइम्स ने ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि जनवरी 2014 में अडाणी ग्रुप ने एक इंडोनेशियाई कंपनी से 28 डॉलर ( करीब 2360 रुपए) प्रति टन की कथित कीमत पर ‘लो-ग्रेड’ कोयला खरीदा था।

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इस शिपमेंट को तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (TANGEDCO) को उच्च गुणवत्ता वाले कोयले के रूप में 91.91 डॉलर (करीब 7750 रुपए) प्रति टन की औसत कीमत पर बेच दिया गया था।

अडाणी ग्रुप पर पहले कोल इम्पोर्ट बिल में हेराफेरी के आरोप लगे थे…

फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में आरोप लगाया कि अडाणी ग्रुप ने इंडोनेशिया से कम रेट में कोयले को इम्पोर्ट किया और बिल में हेराफेरी करके ज्यादा दाम दिखाए। इसी के चलते ग्रुप ने कोयले से जनरेट होने वाली बिजली ग्राहकों को ज्यादा कीमत पर बेची।
फाइनेंशियल टाइम्स ने 2019 से 2021 के बीच 32 महीनों में अडाणी ग्रुप के इंडोनेशिया से भारत इम्पोर्ट 30 कोयले के शिपमेंट की जांच की। इन सभी शिपमेंट के इम्पोर्ट रिकॉर्ड में एक्सपोर्ट डिक्लेरेशन की तुलना में कीमतें ज्यादा मिलीं। रकम करीब ₹582 करोड़ बढ़ाई गई।

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