मणिपुर हिंसा- मंत्री ने घर को कंटीले तारों से घेरा:कहा- संपत्ति की सुरक्षा संवैधानिक हक, 16 नवंबर को 3 मंत्रियों-9 विधायकों के घर हमला हुआ था
इंफाल44 मिनट पहले
16 नवंबर को उपद्रवियों ने 3 मंत्रियों और 9 विधायकों के घर हमला किया था। वाहनों में आग लगाई थी और फयरिंग भी की थी। – Dainik Bhaskar
16 नवंबर को उपद्रवियों ने 3 मंत्रियों और 9 विधायकों के घर हमला किया था। वाहनों में आग लगाई थी और फयरिंग भी की थी।
मणिपुर के फूड और पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन मिनिस्टर एल सुसींद्रो मैतेई ने अपने घर को कंटीले तारों और लोहे के जाल से घेर दिया है। उन्होंने कहा कि 3 मई से अब तक मेरे घर पर 3 बार हमला हुआ है। अगर उपद्रवी मेरे घर पर हमला करते हैं तो अपनी जिंदगी और प्रॉपर्टी की रक्षा करना हमारा संवैधानिक अधिकार है।
16 नवंबर को उपद्रवियों ने 3 मंत्रियों और 9 विधायकों के घर हमला किया था। इनमें सुसींद्रो का घर भी शामिल था। वाहनों में आग लगाई और फायरिंग भी की थी।
सुसींद्रो ने मणिपुर हिंसा के बीच अपने घर पर वेपंस ड्रॉप बॉक्स बनाया था, ताकि उपद्रवी लूटे हुए हथियारों का वहां समर्पण कर सकें। हालांकि, एक बार फिर हमलावर उनके घर से हथियार लूट ले गए हैं।
16 नवंबर को विधायकों के घरों पर हमले हुए थे, प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ और आगजनी की थी।
16 नवंबर को विधायकों के घरों पर हमले हुए थे, प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ और आगजनी की थी।
3000 लोगों ने घर पर हमला किया था- सुसींद्रो
सुसींद्रो ने बताया, “16 नवंबर को मेरे घर पर उपद्रवी आए, उनके पास इलेक्ट्रिक ड्रिल और हथौड़े थे। वे लूटपाट करने के लिए आए थे। मैं उस दिन घर पर नहीं था। दोपहर में बड़ी संख्या में महिलाएं और बुजुर्ग आए थे। उन्होंने मेरे परिवार से बात की और फिर चले गए।
शाम साढ़े छह बजे करीब 3 हजार लोगों की भीड़ आई, इनमें ज्यादातर पुरुष थे। उन्होंने मेरे घर पर गोलियां दागीं। मैंने अपनी सिक्योरिटी से कहा कि भीड़ को कोई नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। सिक्योरिटी फोर्सेस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग की।”
विधायक के घरों से लूटे डेढ़ करोड़ के जेवर
विधायकों के घरों पर हमले के दौरान 1.5 करोड़ रुपए के जेवर लूटे जाने का खुलासा हुआ है। जदयू विधायक के. जॉयकिशन सिंह की मां ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई है। तोड़फोड़ करने वाली भीड़ ने थांगमेइबंद इलाके में विधायक के आवास से 18 लाख रुपए नकद भी लूट लिए। विस्थापितों के लिए रखे कई सामान भी नष्ट कर दिए।
रिलीफ कैंप की वालेंटियर सनयाई ने दावा किया कि हिंसा के दौरान लॉकर, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान और फर्नीचर में तोड़फोड़ की गई। भीड़ 7 गैस सिलेंडर ले गई। विस्थापितों के दस्तावेज नष्ट कर दिए। तीन एसी ले जाने की भी कोशिश की।
सुरक्षाबल हिंसाग्रस्त इलाकों में आने जाने वालों की सख्ती से जांच कर रहे हैं।
सुरक्षाबल हिंसाग्रस्त इलाकों में आने जाने वालों की सख्ती से जांच कर रहे हैं।
NPP बोली मणिपुर CM को हटाएं तभी समर्थन देंगे
मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लेने वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने कहा है कि यदि भाजपा मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाती है तो पार्टी अपने फैसले पर दोबारा विचार कर सकती है।
NPP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युमनाम जॉयकुमार सिंह ने कहा- बीरेन सिंह राज्य में शांति लाने में पूरी तरह विफल रहे हैं। यही कारण है कि NPP के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया।
हालांकि, समर्थन वापस लेने का मणिपुर सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि 60 सदस्यों वाले सदन में BJP के पास 32 विधायकों के साथ पूर्ण बहुमत है। नगा पीपुल्स फ्रंट और जेडीयू भी सत्तारूढ़ गठबंधन में हैं।
भ्रम के कारण शामिल हुए होंगे विधायक- जॉयकुमार
जॉयकुमार ने दावा किया कि CM की अध्यक्षता में 18 नवंबर को हुई बैठक में NPP के तीन विधायक शामिल हुए थे, यह भ्रम के कारण हो सकता है। बैठक NDA विधायकों के लिए थी। हमने केवल बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लिया है, लेकिन हम अभी भी NDA के सहयोगी हैं।
हालांकि, हमने अपने विधायकों को आगाह किया है कि राज्य या राष्ट्रीय अध्यक्ष की पूर्व मंजूरी के बिना ऐसी बैठकों में जाने पर उन पर एक्शन लिया जा सकता है।
4 जिलों में कर्फ्यू में ढील
केंद्र सरकार ने हाल ही में मणिपुर में CAPF की 50 नई कंपनियां तैनात करने की घोषणा की।
केंद्र सरकार ने हाल ही में मणिपुर में CAPF की 50 नई कंपनियां तैनात करने की घोषणा की।
इस बीच, राज्य सरकार ने लोगों को जरूरी चीजें खरीदने के लिए घाटी के चार जिलों में अलग-अलग टाइम पर कर्फ्यू में ढील दी है। इंफाल पूर्व और थौबल के जिला मजिस्ट्रेटों ने सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक छूट दी है। जबकि इम्फाल पश्चिम और बिष्णुपुर जिलों के लिए यह ढील सुबह 5 बजे से शाम 4 बजे तक होगी। इससे पहले चारों जिलों के अधिकारियों ने कहा था कि कर्फ्यू में ढील सुबह 5 बजे से शाम 4 बजे तक होगी।
असम में हुआ लापता 6 लोगों का पोस्टमॉर्टम, परिजन ने शव लेने से इनकार किया
11 नवंबर को सुरक्षा बलों और कुकी-जो उग्रवादियों के बीच गोलीबारी के बाद जिरीबाम से 6 लोग लापता हुए थे। इनके शव पिछले दिनों जिरी नदी और असम के कछार में बराक नदी में पाए गए। मैतेई समुदाय की तीन महिलाओं और बच्चों समेत छह लोग जिरीबाम के बोरोबेकरा इलाके में एक राहत शिविर से लापता हो गए थे। यह कहा गया कि कुकी-ज़ो उग्रवादियों ने उनका अपहरण कर लिया गया था।
हालांकि, पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद भी शव असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसएमसीएच) के मुर्दाघर में ही हैं, क्योंकि परिवार के सदस्य उन्हें अंतिम संस्कार के लिए वापस ले जाने को तैयार नहीं हैं।
मणिपुर में दोबारा हालात क्यों बिगड़े
11 नवंबर: सुरक्षाबलों ने जिरिबाम में 10 कुकी उग्रवादियों को मार गिराया था। मुठभेड़ के दौरान कुकी उग्रवादियों ने 6 मैतेई (3 महिलाओं, 3 बच्चों) को किडनैप किया था।
15-16 नवंबर: किडनैप हुए छह लोगों में से पांच के शव बरामद हुए।
16 नवंबर: CM एन बीरेन सिंह और भाजपा विधायकों के घरों पर हमले हुए थे। वहीं, कुछ मंत्रियों सहित भाजपा के 19 विधायकों ने CM बीरेन सिंह को हटाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को पत्र लिखा
17 नवंबर: रात में जिरिबाम जिले में पुलिस की गोली से मैतेई प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी, जिसके बाद से हालात और बिगड़ गए। CRPF के डीजी अनीश दयाल सिंह 17 नवंबर को हिंसा का जायजा लेने के लिए मणिपुर पहुंचे।
18 नवंबर: अगवा हुई आखिरी महिला का शव मिला।
मणिपुर में नवंबर में हुईं हिंसक घटनाएं
11 नवंबर: मणिपुर के याइंगंगपोकपी शांतिखोंगबन इलाके में खेतों में काम कर रहे किसानों पर उग्रवादियों ने पहाड़ी से गोलीबारी की थी, जिसमें एक किसान की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे।
9-10 नवंबर: इंफाल पूर्वी जिले के सनसाबी, सबुंगखोक खुनौ और थमनापोकपी इलाकों में 10 नवंबर को गोलीबारी की घटना हुई थी। 9 नवंबर को बिष्णुपुर जिले के सैटन में उग्रवादियों ने 34 साल की महिला की हत्या कर दी थी। घटना के वक्त महिला खेत में काम कर रही थी।
8 नवंबर: जिरीबाम जिले के जैरावन गांव में हथियारबंद उग्रवादियों ने 6 घर जला दिए थे। ग्रामीणों का आरोप था कि हमलावरों ने फायरिंग भी की थी। घटना में एक महिला की मौत हुई थी। मृतक महिला की पहचान जोसंगकिम हमार (31) के रूप में हुई थी। उसके 3 बच्चे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि हमलावर मैतेई समुदाय के थे। घटना के बाद कई लोग घर से भाग गए।
7 नवंबर: हमार जनजाति की एक महिला को संदिग्ध उग्रवादियों ने मार डाला था। उन्होंने जिरीबाम में घरों को भी आग लगा दी। पुलिस केस में उसके पति ने आरोप लगाया कि उसे जिंदा जलाने से पहले उसके साथ रेप किया गया था। एक दिन बाद, मैतेई समुदाय की एक महिला की संदिग्ध कुकी विद्रोहियों ने गोली मार दी थी।
मणिपुर में हिंसा के 560 दिन
कुकी-मैतेई के बीच 560 से ज्यादा दिनों से हिंसा जारी है। इस दौरान 237 मौतें हुईं, 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए, 60 हजार लोग घर छोड़कर रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। करीब 11 हजार FIR दर्ज की गईं और 500 लोगों को अरेस्ट किया गया।
इस दौरान महिलाओं की न्यूड परेड, गैंगरेप, जिंदा जलाने और गला काटने जैसी घटनाएं हुईं। अब भी मणिपुर दो हिस्सों में बंटा हैं। पहाड़ी जिलों में कुकी हैं और मैदानी जिलों में मैतेई। दोनों के बीच सरहदें खिचीं हैं, जिन्हें पार करने का मतलब है मौत।