14 राज्यों की 46 विधानसभा, 2 लोकसभा के नतीजे:UP की मुस्लिम बहुल सीट भाजपा जीती, सपा समेत सभी 11 प्रत्याशियों की जमानत जब्त; प्रियंका 4 लाख+ वोट से जीतीं
नई दिल्ली29 मिनट पहले
जीत के बाद प्रियंका गांधी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने पहुंचीं। – Dainik Bhaskar
जीत के बाद प्रियंका गांधी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने पहुंचीं।
14 राज्यों की 46 विधानसभा और 2 लोकसभा (वायनाड, नांदेड़) सीटों पर काउंटिंग पूरी हो चुकी है। वायनाड लोकसभा सीट पर प्रियंका गांधी ने CPI के सत्यन मोकेरी को 4.10 लाख वोटों से हराया। भाजपा की नव्या हरिदास (1.09 लाख वोट) तीसरे नंबर पर रहीं।
प्रियंका अपने बड़े भाई राहुल गांधी के 5 साल पुराने जीत का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाईं। राहुल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में CPI(M) के पीपी सुनीर को 4.31 लाख वोटों के अंतर से हराया था।
सबसे चौंकाने वाला उलट-फेर उत्तर प्रदेश की कुंदरकी सीट पर हुआ। 60% मुस्लिम वोटर वाली इस सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) समेत सभी 11 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई।
महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर कांग्रेस के रविंद्र चव्हाण ने भाजपा के संतुक हंबार्डे को 1457 वोट से हरा दिया। यहां आखिरी राउंड की गिनती में रात 10 बजे के करीब परिणाम घोषित हुआ।
मध्य प्रदेश की विजयपुर सीट पर कांग्रेस से भाजपा में आए वन मंत्री रामनिवास रावत हार गए। वहीं, उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों में से भाजपा गठबंधन को 7 और सपा को 2 सीटों पर जीत मिली।
46 सीटों में से भाजपा गठबंधन 25, कांग्रेस 7, TMC 6, सपा 2, AAP 3, CPI(M), नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) और भारत आदिवासी पार्टी (BAP) 1-1 सीट जीती। भाजपा गठबंधन में JD(U), हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (HAM), असम गण परिषद (AGP), यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी-लिबरल (UPPL) और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) शामिल हैं।
चुनाव से पहले इन 46 सीटों में से 27 सीटों पर विपक्ष का कब्जा था। इनमें अकेले कांग्रेस के पास 13 सीटें थीं। वहीं, भाजपा की 11 सीटों समेत NDA के पास कुल 17 सीटें थीं। इस तरह से भाजपा गठबंधन को कुल 8 सीटों का फायदा है।
उपचुनाव के राज्यवार नतीजे…
उत्तर प्रदेश: सपा 4 से 2 पर आई, बसपा सिर्फ 2 पर जमानत बचा पाई
उपचुनाव की 9 सीटों में से 7 भाजपा गठबंधन ने जीतीं। दो सीटें सीसामऊ और करहल पर सपा ने जीत हासिल की। पूर्व CM मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सिर्फ 2 सीटों (कटेहरी और मझवां) पर ही अपनी जमानत बचा सकी। इससे पहले भाजपा 4, RLD 1 और सपा 4 सीटों पर काबिज थी।
मुरादाबाद जिले की मुस्लिम बहुत कुंदरकी सीट पर 31 साल बाद भाजपा ने अपना परचम लहराया। रामवीर सिंह ने यहां से 1.44 लाख वोटों से जीत हासिल की। यह इस चुनाव की सबसे बड़ी जीत है। यह तीसरी बार था जब रामवीर सिंह और रिजवान के बीच मुकाबला हुआ था, लेकिन रामवीर को पहली बार जीत मिली। भाजपा के लिए भी यह जीत कई मायनों में ऐतिहासिक है।
राजस्थान: मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के भाई हारे, मीणा बोले- मुझे अपनों ने मारा
राज्य की 7 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को एकतरफा जीत हासिल हुई। पार्टी ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस अपने कब्जे वाली 4 में से सिर्फ एक दौसा सीट पर सिमट गई। भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) ने चौरासी सीट पर कब्जा बरकरार रखा।
खींवसर में हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल भाजपा के रेवंतराम डांगा से हार गईं। पहले कांग्रेस 4 तो भाजपा, BAP और हनुमान बेनीवाल की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के पास 1-1 सीट थी।
दौसा सीट से अपने भाई जगमोहन मीणा की हार पर मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने कहा- मुझे तो सदा ही अपनों ने ही मारा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लगातार छह पोस्ट करके अपनी ही पार्टी पर ही भीतरघात के आरोप लगाए।
बिहार: सभी 4 सीटें NDA ने जीतीं, PK की जनसुराज पार्टी से महागठबंधन को नुकसान हुआ
चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर (PK) की नई-नवेली जनसुराज पार्टी भले ही एक भी सीट न जीत पाई हो लेकिन उसने महागठबंधन को नुकसान पहुंचाया है। इसकी बानगी राज्य की सबसे हॉट सीट इमामगंज पर मिलती है। यहां जनसुराज के खाते में 37,106 वोट पड़े और RJD प्रत्याशी को 47,490 वोट मिले। नतीजा ये हुआ कि पूर्व CM और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी की बहू HAM प्रत्याशी दीपा मांझी 5,945 वोट से जीत गईं।
पंजाब: AAP ने 3 सीटें जीतीं, बरनाला सीट बागी उम्मीदवार की वजह से हारी
कांग्रेस के दोनों सांसदों की पत्नियां चुनाव हार गईं। डेरा बाबा नानक सीट पर गुरदासपुर से सांसद और पूर्व डिप्टी CM सुखजिंदर सिंह रंधावा की पत्नी जतिंदर कौर को गुरदीप सिंह रंधावा ने हराया। वहीं, गिद्दड़बाहा पर लुधियाना सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की पत्नी अमृता वड़िंग को हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों ने हराया।
बरनाला सीट पर AAP को टिकट वितरण के बाद गुरदीप बाठ की बगावत से नुकसान हुआ। बाठ ने टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें 16,899 वोट मिले, जबकि AAP उम्मीदवार की हार का अंतर करीब 2 हजार वोट रहा। यहां से कांग्रेस के कुलदीप सिंह काला ढिल्लों जीत गए।
मध्य प्रदेश: उपचुनाव हारते ही वन मंत्री रामनिवास रावत ने इस्तीफा दिया
पूर्व CM शिवराज सिंह की सीट रही बुधनी में भाजपा प्रत्याशी रमाकांत भार्गव ने जीत दर्ज की। हालांकि, सीट पर 2023 चुनाव के मुकाबले भाजपा की जीत का अंतर घट गया। तब भाजपा के शिवराज सिंह चौहान 1.04 लाख वोट से जीते थे। मगर भार्गव की जीत का अंतर सिर्फ 13,901 रह गया।
इधर, विजयपुर सीट पर कांग्रेस से भाजपा में आकर वन मंत्री बने रामनिवास रावत उपचुनाव हार गए। वे 16वें राउंड तक आगे थे। भाजपा ने यहां री-काउंटिंग की मांग करते हुए निर्वाचन अधिकारियों को आवेदन दिया है। हार के बाद रावत ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
छत्तीसगढ़: पूर्व सांसद बने विधायक, बृजमोहन अग्रवाल के लिए रायपुर लोकसभा छोड़ी थी
रायपुर दक्षिण उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने बड़ी जीत दर्ज की। तस्वीर पहले राउंड से ही साफ हो गई थी। सुनील सोनी शुरुआत से ही बढ़त लिए हुए थे और सभी राउंड में आगे रहे। यह सीट दिग्गज भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल के रायपुर लोकसभा सीट से सांसद बनने से खाली हुई थी।
2019 के लोकसभा चुनाव में सुनील सोनी वहां से सांसद बने थे। पार्टी ने उनका टिकट काटकर अग्रवाल को चुनाव लड़ाया था। अग्रवाल की जीत के बाद विधानसभा सीट खाली हुई तो सोनी को रायपुर दक्षिण उपचुनाव का टिकट मिल गया।
उत्तराखंड: भाजपा की आशा नौटियाल तीसरी बार विधायक बनीं, 2002 और 2007 में इसी सीट से जीती थीं
उपचुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों ने अपने पूर्व विधायकों पर भरोसा जताया था। कांग्रेस ने इसी सीट से 2017 में विधायक बने मनोज रावत को टिकट दिया था। पार्टी ने कई बड़े नामों को दरकिनार कर उन्हें उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वे जीत न सके। भाजपा की पूर्व विधायक आशा नौटियाल ने उपचुनाव में जीत दर्ज की। वे 2002 और 2007 में इसी सीट से विधायक रह चुकी हैं। आशा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष हैं।
गुजरात: भाजपा ने जीता कांग्रेस का गढ़, पहली बार वाव विधानसभा सीट पर कब्जा
वाव सीट कांग्रेस विधायक गिनीबेन ठाकोर के बनासकांठा से सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई थी। यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। अब-तक किसी भी चुनाव में भाजपा यह सीट जीत नहीं सकी थी। लेकिन इस उपचुनाव में ठाकोर स्वरूपजी ने यह कारनामा कर दिखाया और सीट पार्टी की झोली में डाल दी।
अन्य राज्यों में हुए उपचुनाव के नतीजे…
सिक्किम की 2 सीटों पर निर्विरोध चुनाव हो चुका
चुनाव आयोग ने 14 राज्यों की इन 46 विधानसभा और 2 लोकसभा सीट के साथ ही सिक्किम की 2 विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव की घोषणा की थी। चुनाव प्रक्रिया के दौरान दोनों सीटों पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) के प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो गए।
नॉमिनेशन फॉर्म की जांच के समय कुछ उम्मीदवारों के फॉर्म रद्द कर दिए गए थे। इसके बाद 25 साल सत्ता में रही सिक्किम लोकतांत्रिक मोर्चा (SDF) के दोनों उम्मीदवारों ने भी अपने नाम वापस ले लिए। इसके बाद 30 अक्टूबर को आदित्य गोले, सोरेंग-चाकुंग सीट से और सतीश चंद्र राय, नामची-सिंघीथांग सीट से निर्विरोध विजेता घोषित कर दिए गए।
सिक्किम में जून, 2024 में ही विधानसभा चुनाव हुए थे। SKM ने राज्य की सभी 32 सीटों पर जीत हासिल की थी। SKM प्रमुख प्रेम सिंह तमांग ने रेनॉक और सोरेंग-चाकुंग दो सीटों से चुनाव जीता और सोरेंग-चाकुंग सीट छोड़ दी थी। वहीं, नामची-सिंघीथांग सीट पर उनकी पत्नी कृष्णा कुमारी राय ने जीत हासिल की थी। लेकिन विधायक की शपथ लेने के एक दिन बाद ही 13 जून को इस्तीफा दे दिया था।
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