तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को पीएम मोदी के नाम ओपन लेटर लिखा। इसमें मांग की है कि केंद्र सरकार के मदुरै में टंगस्टन माइनिंग के अधिकार तुरंत कैंसिल किए जाएं। इससे पहले गुरुवार को स्टालिन तमिलनाडु में विश्वकर्मा योजना लागू करने से भी मना कर चुके हैं।
CM स्टालिन ने पीएम को लिखी चिट्ठी में कहा- केंद्र ने जिन इलाकों में माइनिंग के लिए इजाजत दी है वे जगहें आर्कियोलॉजिकल साइट हैं। माइनिंग से इन्हें नुकसान होगा। आस-पास घनी आबादी रहती है। उन लोगों को आजीविका खत्म होने का डर है।
स्टालिन ने चेतावनी दी कि तमिलनाडु सरकार इन इलाकों में माइनिंग की इजाजत कभी नहीं देगी। खान मंत्रालय राज्य सरकार से बात किए बिना माइनिंग के लिए बोली न लगवाए।
केंद्र ने दी माइनिंग की इजाजत
केंद्रीय खान मंत्रालय ने 7 नवंबर को तमिलनाडु के नायकरपट्टी टंगस्टन ब्लॉक में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को ऑक्शन का प्रिफर्ड बिडर बताकर माइनिंग की इजाजत दी थी।
नायकरपट्टी ब्लॉक में कवट्टायमपट्टी, एट्टिमंगलम, ए वल्लालपट्टी, अरिट्टापट्टी, किदारीपट्टी और नरसिंहम पट्टी गाँव शामिल हैं। पिछले एक महीने से इलाके के लोग माइनिंग की इजाजत दिए जाने का विरोध कर रहे हैं।
CM एमके स्टालिन का प्रधानमंत्री मोदी को टंगस्टन माइनिंग रोकने लिखा गया पत्र।
इलाके की हेरिटेज साइट को खतरा
CM स्टालिन ने कहा कि अरिट्टापट्टी एक बायोडायवर्सिटी हेरिटेज साइट है। यहां कई आर्कियोलॉजिकल साइट जैसे- गुफा मंदिर, मूर्तियां, जैन सिम्बल भी हैं। माइनिंग से इन्हें कभी न ठीक होने वाला नुकसान हो सकता है।
इसके अलावा स्टालिन का कहना है कि इस इलाके में कमर्शियल माइनिंग से यहां रहने वाले लोगों की आजीविका पर असर पड़ सकता है। अपनी आजीविका खोने के डर से यहां के लोकल लोगों में टंगस्टन प्रोजेक्ट के खिलाफ बहुत गुस्सा है।
तमिलनाडु सरकार पहले भी 3 अक्टूबर 2023 को केंद्र को पत्र लिखकर माइनिंग अधिकारों के ऑक्शन का विरोध कर चुकी है। लेकिन केंद्र ने माइनिंग अधिकारों के ऑक्शन को रोकने से मना कर दिया था।
विश्वकर्मा योजना लागू करने से मना किया
टंगस्टन माइनिंग का विरोध करने से पहले बुधवार को CM स्टालिन तमिलनाडु में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना लागू करने से भी मना कर चुके हैं। प्रधानमंत्री के लिखे पत्र में उन्होंने विश्वकर्मा योजना को जाति आधारित बताया है।
CM ने बताया कि तमिलनाडु सरकार ने सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय को पत्र लिखकर योजना में कुछ बदलाव सुझाए थे। मंत्रालय से आए जवाब में सुझावों का कोई जिक्र नहीं था। इसलिए तमिलनाडु सरकार योजना को अपने राज्य में लागू नहीं करेगी।
स्टालिन ने कहा है कि तमिलनाडु में उनकी सरकार कारीगरों और शिल्पकारों के लिए ऐसी योजना लाएगी जो जाति आधारित नहीं होगी।