पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बांग्लादेश में यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग फोर्स (शांति सेना) तैनात करने की मांग की है। उन्होंने पीएम मोदी से बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए इस संबंध में व्यक्तिगत हस्तक्षेप की भी मांग की है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को ममता ने कहा- बांग्लादेश में हमारे परिवार हैं, करीबी लोग, प्रॉपर्टियां हैं। भारत सरकार इस पर जो भी रुख अपनाएगी, हम मानेंगे, लेकिन हम दुनिया में कहीं भी धार्मिक आधार पर अत्याचार की निंदा करते हैं। केंद्र सरकार और पीएम मोदी से हस्तक्षेप की अपील करते हैं।
उन्होंने कहा कि हमने इस्कॉन की कोलकाता यूनिट के प्रमुख से बात की है। अगर बांग्लादेश में भारतीयों पर हमला किया जाता है, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। हम अपने लोगों को वापस ला सकते हैं। भारत सरकार इस मामले को यूनाइटेड नेशंस में उठा सकती है। जिससे बांग्लादेश में पीसकीपिंग फोर्स भेजी जा सके।
दरअसल, 25 नवंबर को चटगांव इस्कॉन के जुड़े चिन्मय प्रभु को राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था। अगले दिन चटगांव कोर्ट में पेशी के दौरान हंगामे में एक वकील की मौत हुई। इसके बाद से बांग्लादेश में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग जारी है। इधर, चिन्मय प्रभु को रिहा करने की मांग पर उनके समर्थक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
त्रिपुरा में बांग्लादेशी असिस्टेंट हाई कमीशन में घुसपैठ
अगरतला में चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध में रैली निकाली गई थी।
सोमवार को अगरतला में बांग्लादेश असिस्टेंट हाई कमीशन के परिसर में प्रदर्शनकारी घुस गए। वे चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे, साथ ही उनकी रिहाई की भी मांग कर रहे थे।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस घुसपैठ की निंदा की है। मंत्रालय ने कहा- यह घटना बहुत ही अफसोसजनक है। किसी भी हालात में डिप्लोमैटिक और कॉन्सुलर प्रॉपर्टी को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।
पश्चिम बंगाल में डॉक्टर का बांग्लादेशी मरीजों को मैसेज- पहले तिरंगे को सलाम करें
सिलीगुड़ी में डॉक्टर शेखर बंदोपाध्याय ने अपने प्राइवेट क्लिनिक में तिरंगा लगाया है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि मुझे यह देखकर दुख हुआ कि बांग्लादेश में हमारे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हो रहा है।
डॉक्टर ने झंडे के साथ मैसेज में लिखा- भारत का राष्ट्रीय ध्वज हमारी मां की तरह है। कृपया चैंबर में एंट्री करने से पहले तिरंगे को सलाम करें। खासकर बांग्लादेशी मरीज, अगर वे सलाम नहीं करते हैं, तो उन्हें अंदर आने नहीं दिया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें…