दिल्ली में प्रदूषण, सुप्रीम कोर्ट बोला- पाबंदियां कम नहीं होंगी:4 राज्यों के चीफ सेक्रेटरी से पूछा- कितने कंस्ट्रक्शन मजदूरों को मुआवजा दिया, सबूत दें
नई दिल्ली5 घंटे
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रदूषण के स्तर में कमी आती है तो ग्रैप IV के क्लॉज 5 और 8 को हटाने पर विचार कर सकते हैं।
दिल्ली में प्रदूषण को लेकर लगी पाबंदियां अभी जारी रहेंगी। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने इसे 5 दिसंबर तक बढ़ा दिया।
बेंच ने कहा- अगले तीन दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लेवल में गिरावट देखने के बाद ही GRAP-IV पाबंदियों में ढील दी जाएगी। कोर्ट ने 18 नवंबर से GRAP-IV की पाबंदियां लगाई हैं।
कोर्ट ने दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और यूपी सरकार के चीफ सेक्रेटरी से पूछा कि, ‘ GRAP-IV पाबंदियां लागू होने के बाद कितने कंस्ट्रक्शन मजदूरों को कितना भुगतान किया। 5 दिसंबर को वे सुनवाई में मौजूद रहें।’
दरअसल, GRAP-IV के तहत कंस्ट्रक्शन पर रोक रहती है। कोर्ट ने राज्य सरकारों को आदेश दिया था कि काम बंद होने पर मजदूरों को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ेगा, उन्हें आर्थिक मदद दें।
दिल्ली सरकार ने बताया कि उसने 90,000 कंस्ट्रक्शन मजदूरों को तत्काल 5,000 रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है। कुल 13 लाख मजदूर हैं, फिलहाल समस्या वैरिफिकेशन की है।
कोर्ट रूम LIVE:
याचिकाकर्ता के वकील: अधिकारियों पर मुकदमा न चलाए जाने के कारण GRAP सही से लागू नहीं हो पा रहा है। वैसे भी यह एक आपातकालीन उपाय है। समस्या को रोकने के लिए कोई नीति नहीं है।
वकील: कुछ इलाके नो मैन्स लैंड हैं। लगभग 7-8 ट्रक लकड़ी, सीमेंट ब्लॉक जैसी भारी सामग्री ले जा रहे थे और हमने हरियाणा और दिल्ली के बैरिकेड्स के बीच उन्हें रोका। यह पूछने पर कि वे किस राज्य के अधिकार क्षेत्र में आते हैं, दोनों राज्य के अधिकारियों ने इनकार कर दिया कि यह क्षेत्र उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।
वकील: स्थानीय पुलिस को पहले से सूचित करना भी बेकार है। उनके पास वॉट्सएप ग्रुप हैं जो कोर्ट कमिश्नरों के ठिकाने के बारे में लाइव अपडेट देते हैं।
जस्टिस ओका: प्रत्येक एंट्री पॉइंट पर दिल्ली सरकार के कितने अधिकारी हैं?
वकील: मेरे पास डेटा नहीं है, लेकिन हमने प्रत्येक स्थानीय आयुक्त के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं।
जस्टिस ओका: AQI अभी भी स्टेबल नहीं है। यह बढ़ गया है। हम आपके सुझावों पर गौर करेंगे, लेकिन आज हम इसमें ढील नहीं देंगे।
वकील: यदि GRAP-4 लागू होता है तो मैं उन लोगों के लिए चिंतित हूं जो कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करते हैं।
सरकारी वकील: संबंधित मंत्री ने 90,000 कंस्ट्रक्शन मजदूरों को तत्काल 5,000 रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है। कुल 13 लाख मजदूर हैं, फिलहाल समस्या वैरिफिकेशन की है।
जस्टिस ओका: हमें इस बात का सबूत चाहिए कि भुगतान हो चुका है या नहीं।
सरकारी वकील: निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
आदेश: यह सामने आया है कि NCR राज्यों दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और यूपी में से किसी ने भी कंस्ट्रक्शन मजदूरों को भुगतान के संबंध में आदेश का पालन करने की सूचना नहीं दी है। किसी भी राज्य ने हमें यह नहीं बताया कि अभी तक किसी को भुगतान किया गया है। हम इन राज्यों के मुख्य सचिवों को 5 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहने का निर्देश देते हैं।
पिछली सुनवाई और कोर्ट के बयान…
25 नवंबर: कमीशन बताए कि स्कूल कैसे खुलें अगले दो दिनों में AQI का स्तर फिर देखेंगे, अगर कुछ सुधार होता है तो ग्रैप IV के क्लॉज 5 और 8 को हटाने पर विचार कर सकते हैं। अब सवाल यह है कि क्या ग्रैप IV के मानदंडों में छूट की आवश्यकता है। जब तक कोर्ट इस बात से संतुष्ट नहीं हो जाता कि AQI में लगातार गिरावट हो रही है। हम ग्रैप 3 या ग्रैप 2 में जाने की अनुमति नहीं दे सकते। साथ ही कोर्ट ने दिल्ली में 113 एंट्री पॉइंट पर चेकिंग का क्या स्टेटस है।
22 नवंबर: सरकार ने ट्रकों की एंट्री बैन पर कुछ नहीं किया कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली सरकार की कोशिशों से हम संतुष्ट नहीं हैं। सरकार ने ट्रकों की एंट्री रोकने के लिए भी कुछ नहीं किया है। अदालत ने आगे कहा, ‘113 एंट्री पॉइंट पर सिर्फ 13 CCTV क्यों हैं। केंद्र इन सभी एंट्री पॉइंट्स पर पुलिस तैनात करे। एक लीगल टीम बनाई जाए जो यह देखे कि क्या वाकई में वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई जा रही है या नहीं। इसके लिए हम बार एसोसिएशन के युवा वकीलों को तैनात करेंगे।’
18 नवंबर: 12वीं तक के क्लासेस ऑनलाइन करें सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि 10वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन कर दिए हैं। 11वीं और 12वीं के बच्चों के फेफड़े अलग है क्या। इसके बेंच ने दिल्ली-NCR रीजन में सरकारों को निर्देश दिया था कि AQI का स्तर नीचे लाने के लिए GRAP स्टेज 3 और स्टेज 4 के सभी जरूरी प्रतिबंधों को लागू किया जाए।
14 नवंबर : खतरनाक हालत में पहुंचने से पहले एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए बेंच ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) से पूछा था कि एयर क्वालिटी के सीवियर कैटेगरी में पहुंचने से पहले एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए गए। दरअसल एमिकस क्यूरी ने कहा था- CAQM को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि उन्होंने AQI को खराब होने देने से पहले GRAP-3 को क्यों नहीं लागू किया।
11 नवंबर: कोई धर्म प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधि का समर्थक नहीं, स्वच्छ हवा मौलिक अधिकार दीवाली के दौरान पटाखों पर बैन के आदेश के उल्लंघन पर कहा था कि कोई भी धर्म प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों का समर्थन नहीं करता है। दिल्ली सरकार दो हफ्तों में यह तय करे कि पटाखा बैन को पूरे साल के लिए बढ़ाया जाए या नहीं। कोर्ट ने कहा- स्वच्छ वातावरण में रहना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।
4 नवंबर: कुछ ऐसा करना होगा जिससे अगले साल भी पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश का उल्लंघन न हो बेंच ने कहा कि हमें कुछ ऐसे कदम उठाने होंगे, जिससे अगले साल दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध के आदेशों का उल्लंघन न हो। बेंच ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि बैन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कैंपस सील करने जैसी सख्त कार्रवाई की जरूरत है।
AQI 400 के पार पहुंचने पर GRAP लगाया जाता है
हवा के प्रदूषण स्तर की जांच करने के लिए इसे 4 कैटेगरी में बांटा गया है। हर स्तर के लिए पैमाने और उपाय तय हैं। इसे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) कहते हैं। इसकी 4 कैटेगरी के तहत सरकार पाबंदियां लगाती है और प्रदूषण कम करने के उपाय जारी करती है।
ग्रेप के स्टेज
स्टेज I ‘खराब’ (AQI 201-300)
स्टेज II ‘बहुत खराब’ (AQI 301-400)
स्टेज III’गंभीर’ (AQI 401-450)
स्टेज IV ‘गंभीर प्लस’ (AQI >450)