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आष्टा कारोबारी सुसाइड केस- बेटे ने कहा, खून में कांग्रेस:राहुल गांधी हमारे साथ हैं; बेटी बोली- पापा ने मौत से पहले ‘दो पल खुशी’ गाना गाया

आष्टा कारोबारी सुसाइड केस- बेटे ने कहा, खून में कांग्रेस:राहुल गांधी हमारे साथ हैं; बेटी बोली- पापा ने मौत से पहले ‘दो पल खुशी’ गाना गाया
आष्टा21 मिनट पहले

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के आष्टा में 13 दिसंबर को कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा का शव घर में फंदे से लटकता हुआ मिला था। परिवार का आरोप है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अफसर मनोज को प्रताड़ित कर रहे थे। वे उन्हें कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन करने और राहुल गांधी के खिलाफ वीडियो बनाने का दबाव बना रहे थे।

मनोज परमार का परिवार कांग्रेस से जुड़ा हुआ है। जनवरी 2023 में न्याय यात्रा के दौरान परमार ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को गुल्लक भेंट की थी। इसके बाद वे चर्चा में थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस घटना के बाद से ही परमार भाजपा के निशाने पर थे।

घटनास्थल पर 5 पेज का सुसाइड नोट भी था। इसमें मनोज ने लिखा- ‘राहुल गांधी जी आप हमारे बच्चों का ख्याल रखना। मनोज के बड़े बेटे जतिन ने बताया कि मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने परिवार की राहुल गांधी से बात करवाई। राहुल ने कहा- हम आपके साथ हैं। आपके परिवार का ख्याल रखेंगे।’

बिहार से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने सुसाइड का मामला शनिवार को संसद में उठाया। उन्होंने खबर’ दिखाते हुए कहा-

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एक व्यक्ति के बच्चे ने गुल्लक तोड़कर राहुल गांधी की यात्रा को पैसे दिए। ED की गुंडागर्दी से उसके मां-बाप को मरना पड़ा। बच्चे कह रहे हैं कि ED के अधिकारियों ने उनसे कहा कि तुम राहुल गांधी के खिलाफ बयान दे दो, उसके बाद तुमको फ्री कर देंगे।

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मनोज और उनकी पत्नी की जिंदगी में सुसाइड से पहले क्या हुआ था। भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी को गुल्लक सौंपने वाले मनोज के बच्चे राजनीति के बारे में अब क्या सोचते हैं, पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट…

मनोज के बच्चों की कई कांग्रेसी नेताओं के साथ तस्वीरें हैं जो उनके घर में लगी हैं।
शुक्रवार सुबह साढ़े 8 बजे आष्टा के कारोबारी मनोज परमार और पत्नी नेहा परमार का शव उनके ऑफिस की बिल्डिंग के तीसरे फ्लोर पर लटका मिला था। मौत के बाद उनका पोस्टमार्टम कराया गया। दोपहर करीब 12.30 बजे आष्टा से करीब 25 किमी दूर पुश्तैनी हसरपुर गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

माता-पिता के अंतिम संस्कार के कुछ देर बाद दैनिक भास्कर की टीम ने मनोज परमार के तीनों बच्चों से बात की। सभी की आंखों से आंसू सूख चुके थे, लेकिन वे अंदर से बिल्कुल टूटे हुए नजर आ रहे थे।

मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा के शव घर में फंदे से लटके मिले थे।
बेटी जिया ने कहा – ED की रेड से परेशान थे पापा
18 साल की बेटी जिया ने बताया, मेरे पिता धार्मिक थे वो हर साल मां बगलामुखी के दर्शन करने परिवार के साथ जाते थे। वो ED की रेड के बाद से परेशान थे। इसीलिए 12 तारीख को माता के दर्शन करने गए। हम सब ने वहां हवन किया। देर शाम वापस आए।

खाना होटल से ही पैक करा लिया था। रात में हम साथ में टीवी देख रहे थे और बातें कर रहे थे। उस समय उन्होंने जो बातें कीं तब तो समझ नहीं आईं, लेकिन अब सब समझ आ रहा है कि मम्मी पापा ऐसा क्यों कह रहे थे।

जिया ने कहा कि उस समय थोड़ा अजीब लगा था, लेकिन ये नहीं सोचा था कि वो इतना बड़ा कदम उठा लेंगे। पापा पिछले 7 साल से परेशान चल रहे थे, लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक हो रहा था। ED की रेड और उनके द्वारा की गई बदतमीजी के चलते वो शायद ज्यादा सदमे में आ गए थे।

मम्मी ने उनके साथ यह कदम क्यों उठाया इसके पीछे की शायद यही वजह रही होगी कि उन्होंने सोचा होगा पापा के बिना वो इस दुनिया में क्या करेंगी। वो उनसे बहुत प्यार करती थीं। पापा के साथ वो भी उनको लेकर परेशान थीं।

बेटा जतिन बोला- ED रेड में वीडी शर्मा का हाथ
बड़े बेटे जतिन ने आरोप लगाया कि पापा ने ED रेड के बारे में पता कराया था। उन्हें पता चला था कि इसके पीछे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का हाथ है। जतिन ने कहा कि हम कांग्रेसी हैं। हमारे खून में दादा के समय से कांग्रेस है। हमारे घर में जितनी कांग्रेसी नेताओं की तस्वीरें हैं, वो सब हमारे साथ हैं।

जतिन ने कहा- पिता के साथ एक भी नेता की तस्वीर नहीं। प्रवर्तन निदेशालय की जो टीम आई थी, वो पिताजी से बार-बार यही कह रही थी कि अपने बच्चों को भाजपा जॉइन करा दे तो बच जाएगा। आठ दिन बाद ही पापा की मौत हो गई और हम अनाथ हो गए।

‘राहुल को गुल्लक गिफ्ट करने का आइडिया छोटे भाई का’
बेटी जिया ने कहा, राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान गुल्लक गिफ्ट करने का आइडिया मेरे छोटे भाई यश राज परमार का था। जब भारत जोड़ो यात्रा हमारे यहां से निकली थी तब मेरे छोटे भाई ने उन्हें अपना गुल्लक भेंट करने की बात कही थी।

वो पिछले एक साल से गुल्लक में पैसे जोड़ रहा था। तब हमारे पिता भी यहां नहीं थे, वो दिल्ली गए हुए थे। हम खंडवा-बुरहानपुर के पास से गुजर रही यात्रा में गए तो राहुलजी ने गुल्लक ली और हमसे मुलाकात की। इसके बाद हम लगातार कांग्रेस के नेताओं से मिलते रहे।

भारत जोड़ो यात्रा में मनोज के बच्चों ने राहुल को गुल्लक दी थी।
BJP नेता ने कहा- गुल्लक गैंग कांग्रेस को काला धन दे रही
हम अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मध्य प्रदेश में कई तरह के मुद्दों पर वीडियो बनाते हैं। नेताओं से मिलते हैं। ये बात भाजपा को हजम नहीं हुई। जिस दिन हमारे घर ED की रेड पड़ी थी उसके अगले ही दिन BP के नेता नरेंद्र सलूजा ने कहा था कि हमारे पिताजी गुल्लक गैंग बनाकर कांग्रेस को काला धन दे रहे हैं।

पहले तो मैं ये कहना चाहूंगी कि ये कोई गैंग नहीं है। हम भाई-बहनों की टीम है। जब भी हम भाई बहनों में से किसी का भी गुल्लक भर जाता है, हम देशहित की लड़ाई लड़ रहे लीडर्स को गुल्लक भेंट करते हैं।दूसरी बात BJP नेता को रेड की जानकारी कैसे लगी कि हमारे घर पर ही रेड पड़ी है। ये सब उन्हीं की साजिश है।

राहुल को अपनी गुल्लक गिफ्ट करने वाले मनोज परमार के छोटे बेटे यश (13) ने कहा, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा चल रही थी। सोचा हम भी जॉइन करेंगे। पैसों की भी जरूरत पड़ेगी तो मैं अपना गुल्लक लेकर उनके पास गया था। इसके बाद हमने लगातार कई कांग्रेस लीडर्स को गुल्लक भेंट किया। भाजपा के नेता मेरे भाई बहनों को गैंग कह रहे हैं। झूठ बोलना उनका काम है। वो हमसे चिढ़ते थे, हमारे काम से चिढ़ते थे। इसीलिए पापा पर दबाव बनाया।

मनोज प्रॉपर्टी डीलर थे, IOWF नाम का NGO चलाते थे
छोटे बेटे यश ने बताया, ‘हमारे पापा प्रॉपर्टी डीलर थे। इसके साथ ही वो IOWF नाम का NGO चलाते थे। यह NGO बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप देने का काम करता था। उनका फर्नीचर का भी काम था। वो अलग-अलग बैंकों में फर्नीचर का काम करने का ठेका लेते थे।’

मनोज के मामा नरेश परमार ने बताया, ‘मनोज, गांव से आष्टा 2010 में गया था। पहले उसने लोहे की अलमारी की दुकान खोली थी। इसके बाद बस स्टैंड पर ऑटोपार्ट्स की दुकान खोली। वो प्रॉपर्टी डीलर भी था। उसके ऑफिस वाली बिल्डिंग में सहकारी बैंक भी किराए पर है।’

एक ही मामले में तीन बार केस कैसे लग सकता है
मनोज के बड़े भाई राजेश परमार ने कहा, एक ही मामले में तीन बार केस कैसे लग सकता है, जबकि एक बार वो हाईकोर्ट से बरी हो गया था। पहले बैंक से लोन के मामले में उस पर लोकल पुलिस ने केस किया। फिर CBI ने मामला दर्ज कर उसे जेल भेजा। अब ED ने छापेमारी की। वो इससे परेशान हो गया था। उसने हमसे और कई जानने वालों से भी अपनी परेशानी बताई थी।

मामा के साथ उनका काम संभालने वाले भांजे रोहित ने बताया, ED की रेड के बाद मामा ऐसे ही कहते थे कि अब मरना पड़ेगा, लेकिन तब मुझे उनका कहना इतना सीरियस नहीं लगा कि वो ऐसा कदम उठा लेंगे।

इसी जगह मनोज और उनकी पत्नी नेहा ने खुदकुशी की।
SDOP ने कहा- राजनीतिक दबाव नहीं है
मामले की जांच कर रहे SDOP ने कहा, पहले दिन प्राथमिक कार्रवाई कर ली है। 14 तारीख को परिजन के बयान दर्ज करेंगे। बयान दर्ज होने के बाद हम सभी पहलुओं की जांच करेंगे। उचित कार्रवाई की जाएगी। जांच जारी है।

उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर कोई राजनीतिक दबाव नहीं है। हम निष्पक्ष जांच करेंगे। मनोज के खिलाफ एक ही मामले में 2 प्रकरण दर्ज थे। अभी उसी मामले में तीसरी FIR ED दर्ज करने वाली थी। यह 420 का मामला था।

इससे पहले उन पर 376 का मामला 28 मार्च 2017 में दर्ज हुआ था। उसमें वो तीन महीने में ही बरी हो गए थे। अक्टूबर 2017 में आष्टा पुलिस ने उन पर 420 का मामला दर्ज किया। इसके 15 दिन बाद CBI ने जांच शुरू कर दिसंबर 2018 में FIR दर्ज की। साल 2020 तक वे 3 बार कुल ढाई साल जेल में रहे। अभी जमानत पर थे।

सांसद राजेश रंजन ने लोकसभा में दैनिक भास्कर में छपी खबर दिखाई।

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