एक देश-एक चुनाव बिल सोमवार को लोकसभा में पेश होगा:केंद्रीय कानून मंत्री सदन में रखेंगे, जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने वाला बिल भी आ सकता है
नई दिल्ली16 मिनट पहले
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जन राम मेघवाल एक देश-एक चुनाव के लिए 129वां संविधान संशोधन बिल पेश करेंगे।
केंद्र सरकार सोमवार को लोकसभा में एक देश-एक चुनाव को से जुड़े 2 बिल पेश करेगी। इस बिल को 12 दिसंबर को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी भी मिल चुकी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जन राम मेघवाल एक देश-एक चुनाव के लिए 129वां संविधान संशोधन बिल पेश करेंगे।
कोविंद कमेटी ने संविधान के अनुच्छेद 82 में संशोधन करने की सिफारिश की है। इसमें अनुच्छेद 82(A) जोड़कर लोकसभा और विधानसभाओं के कार्यकाल एक साथ समाप्त करने की व्यवस्था की जाएगी। सरकार बिल पर आम सहमति बनाना चाहती है, लिहाजा बिल को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेजे जाने की संभावना है।
इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेशों से जुड़े 3 कानूनों में भी संशोधन किया जाएगा। इनमें द गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट- 1963, द गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली- 1991 और द जम्मू एंड कश्मीर रिऑर्गनाइजेशन एक्ट- 2019 शामिल हैं। इस दौरान जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए भी संशोधन किया जा सकता है।
पूर्व राष्ट्रपति कोविंद सौंप चुके हैं रिपोर्ट…
एक देश-एक चुनाव पर विचार के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में 2 सितंबर, 2023 को एक कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने करीब 191 दिनों में स्टेकहोल्डर्स और एक्सपर्ट्स से चर्चा के बाद 14 मार्च, 2024 को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी थी।
कोविंद कमेटी की 5 सिफारिशें…
सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाया जाए।
हंग असेंबली (किसी को बहुमत नहीं), नो कॉन्फिडेंस मोशन होने पर बाकी के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं।
पहले फेज में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं, उसके बाद दूसरे फेज में 100 दिनों के भीतर लोकल बॉडीज (नगर निकाय) इलेक्शन कराए जा सकते हैं।
चुनाव आयोग लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आईडी कार्ड तैयार करेगा।
कोविंद पैनल ने एक साथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश की है।
एक देश-एक चुनाव क्या है…
भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए अलग-अलग समय पर चुनाव होते हैं। एक देश-एक चुनाव का मतलब लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से है। यानी मतदाता लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए एक ही दिन, एक ही समय वोट डालेंगे।
आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एकसाथ ही हुए थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग कर दी गईं। उसके बाद दिसंबर, 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई। इस वजह से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई।