Headlines

ED का दावा-मणिपुर में बैन उग्रवादी संगठन फंड जुटा रहा:इसका उपयोग हथियार खरीदने, कैम्प लगाने और सदस्यों की ट्रेनिंग में हो रहा

मणिपुर के इंफाल में बैन उग्रवादी संगठन यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) के सदस्य आम लोगों और व्यापारियों से अवैध वसूली कर फंड जुटा रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को दावा किया कि जांच से बचने के लिए ये रकम कैश में ली जाती है।

ED ने बताया- प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई जांच में सामने आया है कि हथियारबंद UNLF के सदस्य नेशनल हाइवे पर अवैध टोल नाके बनाकर वसूली कर रहे हैं। इस फंड का इस्तेमाल संगठन के सदस्यों की ट्रेनिंग, हथियार खरीदने, कैम्प लगाने में किया जा रहा है।

ईडी ने सितंबर 2023 में UNLF के सचिव एम मुनन का स्क्रीनशॉट शेयर किया था, जिसमें 2 करोड़ रुपए और दूसरा अक्टूबर 2023 में वित्त विभाग के प्रमुख चिंगाचा का था जिसमें 10 करोड़ रुपए दान मांगा गया था।

NIA ने 30 जुलाई को FIR दर्ज कराई
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 30 जुलाई को एक एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें बताया गया कि म्यांमार स्थित आतंकी संगठन मणिपुर हिंसा का फायदा उठाकर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने और आतंकी हमले करने की साजिश रच रहे हैं।

दो सदस्य पहले से गिरफ्तार
ईडी ने बताया कि 16 अक्टूबर को पटियाला हाईकोर्ट में की गई शिकायत के बाद UNLF के दो सदस्यों थोकचोम ज्ञानेशोर उर्फ ​​थोइबा और लाइमायम आनंद शर्मा उर्फ ​​इंगबा को गिरफ्तार किया था। दोनों फिलहाल ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं। इन आरोपियों से जब्त डिजिटल डिवाइस से इनके भी शामिल होने की जानकारी मिली है।

1964 में UNLF की स्थापना हुई
UNLF की स्थापना 1964 में मणिपुर को भारत से आजादी दिलाने के उद्देश्य से की गई थी। ज्ञानेशोर ने खुद को संगठन की सेना का प्रमुख और एक्सटर्नल-रीजनल मामलों का सचिव घोषित कर रखा है। जबकि आनंद शर्मा खुद को इंटेलीजेंस अधिकारी बना रखा है।

——————————

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Budget 2024