विदेश मंत्री जयशंकर 20 जनवरी को अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। वे यहां नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथग्रहण में शामिल होंगे। शपथग्रहण आयोजन समिति ने इसके लिए भारत को न्योता भेजा है। विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी X पर पोस्ट कर दी।
इसके साथ ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई और अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले को भी निमंत्रण भेजा गया है। ट्रंप की प्रवक्ता कैरोली लेविट ने चीनी राष्ट्रपति को निमंत्रण भेजने की पुष्टी की है। उन्होंने फॉक्स न्यूज से कहा-
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ट्रम्प सभी देशों के नेताओं से खुलकर बातचीत करना चाहते हैं, फिर वो चाहे हमारे सहयोगी हों या हमारे विरोधी।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रम्प के शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए दुनिया भर के अरबपतियों में होड़ लगी है। हालांकि, इस कार्यक्रम के लिए बड़ा डोनेशन देने के बाद भी कई लोगों को वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया है, क्योंकि सारे VIP टिकट खत्म हो चुके हैं।
शपथ की उद्घाटन समिति ने अभी तक प्रोग्राम के लिए 1400 करोड़ रुपए से ज्यादा की धनराशि जुटा ली है। माना जा रहा है कि जल्द ये आंकड़ा 1700 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
ट्रम्प दूसरे बार राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।
जयशंकर अन्य देशों के डेलिगेशन से भी मिलेंगे
अमेरिका पहुंच कर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ट्रम्प प्रशासन में शामिल हो रहे मंत्रियों और दूसरे तमाम देशों से आए नेताओं के साथ मुलाकात भी करेंगे। ट्रम्प अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे।
उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस को हराकर जीत हासिल की है। डोनाल्ड ट्रम्प ने चुनाव में 312 इलेक्टोरल वोट जीते, जबकि कमला हैरिस को 226 वोट ही मिले। चुनाव में जीत के लिए किसी प्रत्याशी को 270 इलेक्टोरल वोट्स चाहिए होते हैं।
कैसे होगा शपथ ग्रहण
20 जनवरी, सोमवार को अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में दोपहर 12 बजे ट्रम्प का शपथग्रहण होगा। इस दौरान अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाएंगे।
21वीं सदी में ऐसा पहली बार होगा जब कोई अमेरिकी राष्ट्रपति छुट्टी वाले दिन पद की शपथ लेगा। ट्रम्प के अलावा जेडी वेंस को उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई जाएगी। आमतौर पर उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति से पहले शपथ दिलाई जाती है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने शपथ ग्रहण समारोह के लिए करीब 170 मिलियन डॉलर यानी 1400 करोड़ रुपए जुटा लिया हैं। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प को टेक कंपनियों और कई बड़े दानदाताओं ने समारोह के आयोजन के लिए ये रकम दान दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प की टीम आयोजन से पहले 200 मिलियन डॉलर यानी करीब 1700 करोड़ रूपए इकट्ठा करने की कोशिशों में लगी हुई
ये रकम शपथग्रहण समारोह के लिहाज से अब तक सबसे ज्यादा है।
ट्रम्प की जीत पर मुहर लगी
डोनाल्ड ट्रम्प की राष्ट्रपति चुनाव में जीत पर मुहर लग चुकी है। 6 जनवरी को अमेरिकी संसद में राष्ट्रपति चुनाव के इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती हुई। गिनती के बाद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने ट्रम्प की जीत की आधिकारिक घोषणा की।
इससे पहले 5 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी। अगले 24 घंटों में चुनाव के नतीजे साफ हो गए थे। हालांकि चुनाव के 2 महीने बाद ट्रम्प की जीत पर कमला हैरिस ने मुहर लगाई है।
इस महीने के अंत में होने वाले अमेरिकी संसद के जॉइंट सेशन और ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह के लिए कैपिटल हिल के चारों तरफ बाड़ लगाई गई थी और सुरक्षा के भारी भरकम इंतजाम किए गए थे।
ट्रम्प जीत की आधिकारिक घोषणा के 13 दिन बाद यानी 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।
सजा पाने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी इतिहास में सजा पाने वाले पहले राष्ट्रपति बन गए हैं। उन्हें 10 दिसंबर को पोर्न स्टार को पैसे देकर चुप कराने के मामले से जुड़े 34 आरोपों में सजा सुनाई गई। फिलहाल, न्यूयॉर्क की मैनहट्टन कोर्ट ने ट्रम्प को जेल न भेजकर बिना किसी शर्त बरी कर दिया है।
ट्रम्प वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट रूम में 4 बड़ी स्क्रीन लगाई गई, ट्रम्प सजा सुनाए जाने के दौरान इन पर नजर आए। फैसला सुनाते हुए जस्टिस जुआन मर्चेन ने कहा, ‘मैं आपके दूसरे कार्यकाल में सफलता की कामना करता हूं।’
ट्रम्प को मिली ये सजा सिर्फ सांकेतिक है। इसका मतलब ये है कि उन्हें न तो जेल होगी और न ही उन्हें कोई जुर्माना भरना पड़ेगा। हालांकि वे एक अपराधी साबित हो चुके शख्स के तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति की शपथ लेंगे।