अयोध्या में 22 जनवरी को बहुप्रतीक्षित भव्य राम मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में 50 देशों के 53 प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने साेमवार को बताया “ अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हमने दुनिया के 50 देशों से एक-एक व्यक्ति को श्रीरामलला के दर्शन के लिए आमंत्रित किया है। एक देश एक रिप्रजेंटेटिव के आधार पर ऐसे 50 देशों के 53 लोग भी आ रहे हैं। प्रयास रहेगा कि जो व्यक्ति जिस दिन आ गया उसी दिन वो वापस जा सके। रात को रहने का दबाव उस पर न पड़े।”
उन्होने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान देश भर के विभिन्न प्रदेशों के प्रसिद्ध वाद्ययंत्रों का भी वादन होगा। इन स्वर लहरियों के बीच श्रीरामलला अपने सिंहासन पर विराजमान होंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा के वादन में जितने प्रकार के वाद्ययंत्र हैं, सभी का मंदिर प्रांगण में वादन होगा। इनमें उत्तर प्रदेश का पखावज, बांसुरी, ढोलक, कर्नाटक का वीणा, महाराष्ट्र का सुंदरी, पंजाब का अलगोजा, ओडिशा का मर्दल, मध्यप्रदेश का संतूर, मणिपुर का पुंग, असम का नगाड़ा और काली, छत्तीसगढ़ का तंबूरा, बिहार का पखावज, दिल्ली की शहनाई, राजस्थान का रावणहत्था, बंगाल का श्रीखोल, सरोद, आंध्र का घटम, झारखंड का सितार, गुजरात का संतार, तमिलनाडु का नागस्वरम,तविल, मृदंग और उत्तराखंड का हुड़का, ऐसे वाद्ययंत्रों का वादन करने वाले अच्छे से अच्छे वादकों का चयन किया गया है। ये वादन ऐसे समय में चलेगा जब प्राण प्रतिष्ठा का मंत्रोच्चार और देश के नेतृत्व का उद्बोधन नहीं हो रहा होगा। बड़े महत्व की बात है कि ऐसे श्रेष्ठ लोग यहां स्वयं प्रेरणा से आ रहे हैं।