आज का दिन भारतीय वायुसेना के गौरवशाली इतिहास का एक बेहद खास दिन है। आज यानी 26 फरवरी को ‘बालाकोट एयर स्ट्राइक’ के पूरे पांच साल हो गए हैं। बालाकोट एयरस्ट्राइक 26 फरवरी, 2019 को सुबह लगभग 3.30 बजे हुई थी। भारत ने पुलवामा में शहीद हुए अपने 40 वीर जवानों की शहादत का बदला लिया था। भारत-पाक युद्ध के बाद पाकिस्तान में घुसकर भारत द्वारा की गई यह पहली हवाई बमबारी थी।
बालाकोट एयर स्ट्राइक ने साबित कर दिया कि भारत अपने देश के प्रति किसी भी खतरे का जवाब दे सकता है। 26 फरवरी को भारतीय वायु सेना के विमानों ने नियंत्रण रेखा (LoC) को पार कर पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया था। बालाकोट हवाई हमले में 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमान इस्तेमाल किए गए थे।
इससे पहले 14 फरवरी को पुलवामा में भारतीय सुरक्षाकर्मियों पर किए गए आत्मघाती बम हमले ने पूरे देश का सीना छलनी कर दिया था। हमले में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवानों की मौत हुई और पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले का बदला लेने के लिए भारतीय वायुसेना ने योजना बनाई। बालाकोट एयर स्ट्राइक मिशन का नाम ऑपरेशन बंदर रखा गया था। इस बेहद सफल मिशन की कमान भारतीय वायु सेना के सातवें और नौवें स्क्वाड्रन ने संभाली थी। यह एयर स्ट्राइक पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि थी।
बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविर पर भारतीय वायुसेना के हमलों के जवाब में पाकिस्तान वायु सेना (पीएएफ) ने 27 फरवरी को भारतीय ठिकानों पर हमला करने के लिए विमान भेजकर आक्रामक कार्रवाई की। पाकिस्तान ने एफ-16 लड़ाकू विमानों से जवाबी हवाई हमला किया था, लेकिन भारतीय वायुसेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के एक एफ-16 लड़ाकू विमान को भी मार गिराया था।
इस कारनामे को विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने अंजाम दिया था। भारतीय वायुसेना के जांबाज विंग कमांडर ने पाकिस्तान में घुसकर अपने पुराने मिग-21 लड़ाकू विमान से उसके अत्याधुनिक एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था। इस दौरान अभिनंदन का लड़ाकू विमान मिग-21 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और वो पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में पहुंच गए थे। पाकिस्तान ने अभिनंदन को पकड़ लिया था। हालांकि भारत के दवाब के आगे पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने अभिनंदन को 48 घंटे में छोड़ दिया और एक मार्च 2019 को विंग कमांडर अभिनंदन अटारी वाघा बॉर्डर से वतन लौट आए थे।