भारतीय जनता पार्टी 370 सीटें और NDA यानी नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस 400 सीटों के आंकड़े को पार करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह टारगेट 2024 लोकसभा चुनाव के लिए तय कर दिया है। खबरें ये भी हैं कि पीएम मोदी ने अगली सरकार के लिए कैबिनेट के सदस्यों से 100 दिनों का प्लान तैयार करने के लिए भी कह दिया है। हालांकि, अब अगर बड़ी तस्वीर देखें, तो भाजपा के पास एक और बड़ा लक्ष्य नजर आता है।
फिलहाल, भाजपा नए गठबंधन और नेताओं को जोड़ने में जुटी हुई है। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह, एमएस स्वामीनाथन और कर्पूरी ठाकुर को देश का सर्वोच्च भारत रत्न पुरस्कार देने का सिलसिला भी जारी है। इस पुरस्कार को सियासी संदेश भी माना जा रहा है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के प्रतिद्वंदी मानते हैं कि ये प्रयास आंकड़ों के लिए पार्टी की हताशा को दिखा रहे हैं। जबकि, नेताओं का कहना है कि यह एक मेथड है, जिसके जरिए बहुमत ही हासिल नहीं किया जाना है, बल्कि वोट शेयर के मामले में 50 फीसदी के आंकड़े के भी करीब आना है।
कांग्रेस से आगे निकलने की तैयारी
कहा जा रहा है कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 के चुनाव में कांग्रेस को मिले 46.86 फीसदी वोट के आंकड़े को भाजपा पार करने की कोशिश में है। उस दौरान कांग्रेस ने 414 सीटें जीती थीं। भाजपा ने साल 2019 चुनाव में 37.36 वोट हासिल किए थे। अब अगर पार्टी 50 प्रतिशत के आसपास पहुंचना चाहती है, तो उसे लगभग हर राज्य में वोट शेयर बढ़ाना होगा।
कैसे बढ़ेगा आंकड़ा?
अब भाजपा पहले ही साल 2019 में राजस्थान, हरियाणा और गुजरात की सभी सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है। उसे सिर्फ मध्य प्रदेश की एक और छत्तीसगढ़ की दो सीटों पर नुकसान हुआ था। बिहार में एनडीए ने एक छोड़कर सभी सीटें जीत ली थीं। लोकसभा सीटों के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी भाजपा 80 में से 62 सीटें जीतने में सफल हुई थी।
कर्नाटक में भाजपा ने 29 में से 28 सीटें अपने नाम की थीं। इसके अलावा एकमात्र निर्दलीय सांसद ने भी मोदी सरकार को समर्थन दे दिया था। हालांकि, 2023 विधानसभा में भाजपा को कर्नाटक में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन पार्टी को अब राज्य में जनता दल सेक्युलर का साथ मिला है। इसके अलावा पार्टी को ओडिशा और तेलंगाना में भी सीटें बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, इन आंकड़ों के बाद भी 370 पार करने की संभावनाएं कम नजर आती हैं।
आंध्र प्रदेश में भाजपा टीडीपी, जनसेना और पंजाब में शिरोमणि अकाली दल से बातचीत जारी होने की अटकलें हैं।