लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कभी भी हो सकता है। इस बीच बिहार महागठबंधन से बड़ी टूट हुई है। मंगलवार को कांग्रेस के दो और आरजेडी के एक विधायक बागी हो गए। मोहनिया की राजद विधायक संगीता कुमारी, कांग्रेस के विधायक सिद्धार्थ और मुरारी गौतम चलते सत्र के दौरान विधानसभा में सतापक्ष के तरफ बैठ गये। इससे पहले तीनों विधायकों को लेकर सूबे के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी सदन में लेकर पहुंचे थे। इस बड़े राजनीतिक उथल पुथल के बाद एक बार फिर बिहार की राजनीति तेज हो गई है। वहीं कांग्रेस और आरजेडी के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है।
महागठबंधन में हुई टूट को लेकर बीजेपी की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है। बीजेपी नेता निखिल आनंद ने कहा है कि कोई भी डूबते जहाज में नहीं रहना चाहता। बजट सत्र के दौरान जब विपक्ष के नेता (तेजस्वी यादव) को सदन में रहने का समय नहीं मिलता तो विधायकों को अपना हश्र पता होता है। दोनों पार्टियों में पूरी कवायद वंशवाद की राजनीति को आगे बढ़ाने पर लक्षित है।
गौरतलब है कि 12 फरवरी को नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार के शक्ति परीक्षण के दौरान राजद विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्लाद यादव पाला बदलकर सत्ता पक्ष के साथ चले गए थे। मंगलवार को एक बार फिर यही नजारा बिहार विधानसभा में सदन की दूसरी पाली में भी देखने को मिला। करीब चार बजे कांग्रेस के विक्रम विधायक सिद्धार्थ सौरव, चेनारी विधायक मुरारी गौतम के साथ ही राजद की मोहनिया विधायक संगीता देवी सत्ता पक्ष में आकर बैठ गईं।
सूबे में हुए इस प्रमुख राजनीतिक घटनाक्रम को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि बिहार विधान परिषद की 11 सीटों के लिए चुनाव से पहले राजद और कांग्रेस की ताकत कम हो सकती है। यदि ये बागी विधायक बीजेपी में शामिल हो जाते हैं तो आरजेडी विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने का दर्जा भी खो देगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को महागठबंधन के इन विधायकों को बिहार बीजेपी अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के साथ घूमते और उनके कक्ष में जाते देखा गया था।