उत्तराखंड के सिल्क्यारा टनल में पिछले साल नवंबर में 41 मजदूर फंस गए थे। उन मजदूरों को रैट माइनर्स की मदद से बाहर निकाला गया था। इन रैट माइनर्स में से एक वकील हसन भी थे, जो दिल्ली में रहते हैं।
28 फरवरी को दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने वकील हसन के अवैध घर को गिरा दिया। हसन ने कहा- मुझे समझ नहीं आ रहा कि मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है। हमने इतना अच्छा काम किया, लेकिन बदले में घर उजाड़ दिया गया है। मैं अपने बच्चों को कहां ले जाऊंगा। जीविका कमाना बहुत मुश्किल है, मैं घर कैसे खरीदूंगा? हमारे लिए एकमात्र विकल्प मरना है।
उन लोगों ने हमें पुलिस स्टेशन भेज दिया। मेरे बच्चों, मेरी पत्नी और मुझे पुलिस स्टेशन में रखा गया। मेरे बेटे को पीटा गया और वह घायल हो गए है। पूरी दुनिया हमारी प्रशंसा कर रही है। उत्तराखंड सरकार ने हमें 50,000 रुपए दिए थे, लेकिन आज के समय में यह कुछ भी नहीं है।