अमेरिका के थिंक टैंक ब्रूकिंग्स ने दावा किया है कि भारत में एक्सट्रीम पॉवर्टी अब पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। इसकी वजह सरकार की मजबूत नीति का परिणाम है। सुरजीत भल्ला और करण भासिन की लिखी रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दशक में भारत में बढ़िया ग्रोथ हुई है।
ब्रूकिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत को गरीबी के स्तर में इतनी गिरावट देखने में 30 साल लग जाते थे, लेकिन ये काम अब 11 साल में हो गया। थिंक टैंक ने इसके लिए हाल में जारी 2022-23 के उपभोग व्यय के आंकड़ों का हवाला दिया।
रिपोर्ट में अत्यधिक गरीबी खत्म होने के 3 पॉइंट्स बताए गए…
डेवलपमेंट: 2011-12 से रियल पर कैपिटा इनकम हर साल 2.9% की दर से बढ़ी है। ग्रामीण में शहरों के मुकाबले ज्यादा डेवलपमेंट हुआ है। ग्रामीण क्षेत्र में विकास दर 3.1% रही तो, वहीं शहरी विकास दर 2.6% ही रही।
असमानता: शहरी और ग्रामीण दोनों में ही असमानताओं में बड़ी गिरावट आई है। गिनी इंडेक्स को आमतौर पर आर्थिक असमानता के पैमाने के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, जिसका काम है जनसंख्या के बीच संपत्ति के वितरण को मापना। शहरी गिनी 36.7 से घटकर 31.9 हो गई, वहीं ग्रामीण गिनी 28.7 से घटकर 27.0 हो गई है।
पॉवर्टी: गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली आबादी का अनुपात हेडकाउंट गरीबी अनुपात (HCR) 2011-12 में 12.2 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में केवल 2 प्रतिशत रह गया। ग्रामीण गरीबी 2.5 प्रतिशत थी, जबकि शहरी गरीबी घटकर सिर्फ एक प्रतिशत रह गई।