दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 16 मार्च को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। 7 मार्च को कोर्ट ने केजरीवाल को समन भेजा था।
शुक्रवार (15 मार्च) को कोर्ट में ED की दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ की गई शिकायतों पर सुनवाई हुई है। स्पेशल जज (CBI) राकेश सयाल ने दोपहर में ED की तरफ से पेश ASG एसवी राजू और अरविंद केजरीवाल के वकील सीनियर एडवोकेट रमेश गुप्ता और एडवोकेट राजीव मोहन की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
दिल्ली सीएम को ED अबतक 8 समन जारी कर चुकी है। केजरीवाल एक बार भी एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं। इसके चलते ED ने कोर्ट में केजरीवाल के खिलाफ दो शिकायतें दर्ज कराई थीं।
ED ने बुधवार (6 मार्च) को कई समन नजरअंदाज करने के आरोप में केजरीवाल के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चलाने की मांग की थी। तब एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने केजरीवाल को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था।
कोर्ट में केजरीवाल के वकीलों की दलीलें..
रमेश गुप्ता ने सुनवाई में कहा कि अरविंद केजरीवाल ने ED के समन की अवज्ञा नहीं थी। किसी व्यक्ति को तभी बुलाया जा सकता है जब वो जानबूझकर गैर-हाजिरी रहा हो। केजरीवाल ने हर एक समन का जवाब दिया।
केजरीवाल यह भी बताया कि CM के रूप में उनकी जिम्मेदारी के कारण वह ED के सामने पेश नहीं हो सके। ED ने शिकायतों करने से पहले केजरीवाल को कारण बताओ नोटिस भी नहीं दिया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल को तीन समन जारी किए गए थे। केजरीवाल एक लोक सेवक हैं, इसलिए उन पर मुकदमा चलाने के लिए पहले से परमिशन लेने की आवश्यकता थी जो ED ने नहीं ली थी।