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यूपी पुलिस भर्ती का पेपर अहमदाबाद से लीक हुआ था:ट्रांसपोर्ट कंपनी में रखे सील्ड बॉक्स तोड़ने पटना से स्पेशलिस्ट डॉक्टर को बुलाया, फोटो खींचकर भेजे

यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक का खुलासा हो गया है। STF की जांच में पता चला है कि अहमदाबाद में पेपर छपे। इसके बाद यूपी भेजने के लिए पेपर सील्ड बॉक्स में अहमदाबाद की ट्रांसपोर्ट कंपनी में भेजे गए। यहीं से कर्मचारियों ने पेपर लीक कर दिया।

DGP प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी कि इन कर्मचारियों ने सील्ड बॉक्स को तोड़ने के लिए पटना से स्पेशलिस्ट को बुलाया। बॉक्स तोड़ने के बाद पेपर निकालकर फोटो खींचे और नकल माफिया को भेज दिया। फिलहाल, STF ने ट्रांसपोर्ट कंपनी के 2 कर्मचारियों और डॉक्टर सहित सहित 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

दरअसल, यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा 17-18 फरवरी को हुई थी। इसमें करीब 40 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। पेपर लीक की बात सामने आने के बाद राज्यभर में प्रदर्शन हुए। CM योगी ने भर्ती परीक्षा रद्द कर दी। इसके साथ ही सरकार ने 6 महीने में फिर से परीक्षा कराने का फैसला किया।

DGP प्रशांत कुमार ने पेपर लीक मामले में शुक्रवार को मीडिया से बात की।

DGP ने बताया- राजीव नयन मास्टरमाइंड, RO-ARO पेपर लीक में भी यह शामिल था

DGP प्रशांत ने बताया कि राजीव नयन मिश्रा पेपल लीक का मास्टरमाइंड है। वह अभी फरार है। RO-ARO पेपर लीक में भी यह शामिल था। इसके अलावा राजस्थान में भी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करता रहा है। उसकी भूमिका के बारे में पुलिस ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी के बाद जानकारी दी जाएगी। पुलिस भर्ती पेपर लीक केस में 178 FIR दर्ज कराई गई हैं। इनमें से 15 STF ने दर्ज कराई हैं। अब तक 396 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

अब पढ़िए पेपर लीक कैसे किए

  • DGP प्रशांत ने बताया कि यूपी पुलिस भर्ती पेपर की छपाई अहमदाबाद की एडुटेस्ट सोल्यूशन प्रेस में हुई। छपे पेपर यूपी भेजने के लिए ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (TCI ) को ठेका दिया गया। TCI में काम करने वाले शिवम गिरि और रोहित पांडे नकल माफिया से मिल गए। पहले TCI में काम कर चुका प्रयागराज का अभिषेक भी नकल माफिया गैंग में था। अभिषेक ने शिवम और रोहित से संपर्क किया और पेपर आउट कराने के बदले उन्हें पैसे देने का ऑफर दिया।
  • 2 फरवरी को TCI कंपनी के दोनों कर्मचारियों शिवम और रोहित ने अभिषेक को फोन करके बताया कि पेपर प्रिंट होकर ट्रांसपोर्ट कंपनी में आ चुके हैं। दोनों ने सील्ड पेपर बॉक्स के फोटो खींचकर अभिषेक को भेजे। इसके बाद अभिषेक, पटना के डॉक्टर शुभम मंडल और अन्य लोगों के साथ 5 फरवरी को अहमदाबाद पहुंचा।
  • डॉक्टर शुभम मंडल और TCI के दोनों कर्मचारी ट्रांसपोर्ट कंपनी के गोदाम में अंदर गए, जहां पेपर रखे हुए थे। कर्मचारी एक बॉक्स को उठाकर ऐसी जगह पर ले गए, जहां CCTV कैमरा की कवरेज नहीं थी। उन्होंने उस बॉक्स को पीछे की तरफ से तोड़ा, क्योंकि आगे की तरफ सील लगी हुई थी। इसके बाद 18 फरवरी को होने वाले पेपर के 2 सेट निकाले। मोबाइल से उनकी फोटो खींच ली। इसी तरह 8 फरवरी को भी एक बॉक्स तोड़ा गया और पेपर का फोटो खींचा गया।
  • इस काम के बदले शिवम को 3 लाख और रोहित को ढाई लाख रुपए दिए गए। कुछ पैसे बाद में देने की बात भी तय हुई। अब STF ने रोहित पांडेय निवासी मिर्जापुर, शिवम गिरि निवासी भदोही और अभिषेक शुक्ला निवासी प्रयागराज को गिरफ्तार कर लिया है। उनके मोबाइल से पेपर के फोटो बरामद हुए हैं। इसके अलावा पटना के डॉक्टर शुभम मंडल को भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। मामले से जुड़े 2-3 लोग फरार हैं।

कौन हैं चारों आरोपी

फोटो में आरोपी रोहित पांडेय (बाएं) , अभिषेक शुक्ला (बीच में) और शिवम गिरी (दाएं) हैं।

1. अभिषेक शुक्ला– बीएससी पास है। 2021 में ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन ऑफ इंडिया कंपनी (TCI) में ट्रेनिंग एग्जीक्यूटिव के पद पर नौकरी जॉइन की थी। 6 महीने बाद उसने ये कंपनी छोड़ दी थी।
2. शिवम गिरि– 2020 में TCI कंपनी दिल्ली में करीब 10-11 महीने काम किया। दिसंबर-2020 में उसका ट्रांसफर वेयर हाउस अहमदाबाद में हो गया।
3. रोहित पांडेय- कानपुर यूनिवर्सिटी से बीएससी किया है। नवंबर-2021 में TCI कंपनी में अहमदाबाद में जॉइन किया था। दो महीने पहले ही रोहित की मुलाकात शिवम पांडेय से हुई थी। शिवम और अभिषेक पहले से एक-दूसरे को जानते थे।
4. शुभम मंडल- पटना का रहने वाला है। पेशे से डॉक्टर है। सील्ड बॉक्स खोलने में एक्सपर्ट है। यही 5 फरवरी को फ्लाइट से अहमदाबाद पहुंचा और बारीकी से सील्ड बॉक्स खोला। शुभम मंडल को भी STF ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है।

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