गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार 15 मार्च को कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) भारत का हिस्सा है। वहां रहने वाले सभी लोग भारतीय हैं, चाहे वे हिंदू हों या मुस्लिम। शाह ने ये बातें इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बातचीत के दौरान कही।
शाह ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर भी बात की। उन्होंने इस कानून के दायरे से मुस्लिमों को बाहर रखने पर कहा- CAA के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी। ये तीनों इस्लामिक देश हैं। वहां मुस्लिमों का उत्पीड़न नहीं होता है।
गृह मंत्री बोले- कांग्रेस का किया वादा हमने पूरा किया
गृह मंत्री ने कहा- भारत-पाक के विभाजन के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सहित कांग्रेस के कई नेताओं ने कहा था कि पाकिस्तान से आए अल्पसंख्यकों का भारत में स्वागत किया जाएगा। तब पाकिस्तान में हिंदू आबादी 23 फीसदी थी। अब यह घटकर दो फीसदी हो गई है।
शाह ने कहा- बांग्लादेश में हिंदुओं की संख्या 22 फीसदी से घटकर 10 फीसदी हो गई है। अफगानिस्तान में पहले सिखों की संख्या करीब दो लाख थी। अब वहां सिर्फ 378 सिख बचे हैं। हमने कांग्रेस का किया वादा पूरा किया है।
शाह बोले- मुस्लिम पर्सनल लॉ का समर्थन करने वाले CAA का विरोध कर रहे
अमित शाह ने CAA का विरोध कर रहे नेताओं पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा- जो लोग यह कहकर CAA का विरोध कर रहे हैं कि ये कानून धर्म पर आधारित है, वही लोग मुस्लिम पर्सनल लॉ जैसे कानूनों का समर्थन करते हैं।
CAA में नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है। विपक्षी पार्टियां CAA के नाम पर मुस्लिमों को भड़का रही है। CAA के कारण किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। मैं मुस्लिम भाइयों-बहनों से कहूंगा कि वे विपक्ष की बात न सुनें।
अमित शाह ने इन मुद्दों पर भी अपनी बात रखी…
- वन नेशन-वन इलेक्शन: इस देश में तुरंत-तुरंत चुनाव होते हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलग-अलग होने से जनता व्यस्त रहती है। खर्चा भी बार-बार भी होता है। हर बार कोड ऑफ कंडक्ट लगता है। विकास के सारे काम रुक जाते हैं। एक साथ लोकसभा और विधानसभा के चुनाव होने से खर्चा कम होगा। पॉलिसी मेकिंग में सरलता होगी। जनता भी एक बार केंद्र और राज्य सरकार चुनकर विकास के कामों में लग जाएगी।
- इलेक्टोरल बॉन्ड: भारतीय राजनीति में काले धन को खत्म करने के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड लाया गया था। पहले जब कांग्रेस वाले कैश में चंदा लेते थे, तो 1100 रुपए चंदा लेकर पार्टी को सिर्फ 100 रुपए देते थे।1000 रुपए अपने घर में रखते थे। इलेक्टोरल बॉन्ड से हमने यह करप्शन खत्म किया। मैं बॉन्ड स्कीम खत्म करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं। हालांकि, मुझे डर है कि इससे काला धन वापस आएगा। ऐसी धारणा है कि भाजपा को बॉन्ड से सबसे ज्यादा फायदा हुआ। पार्टी को लगभग 6,000 करोड़ रुपए मिले है। कुल बॉन्ड (सभी दलों के) 20,000 करोड़ रुपए थे। तो 14,000 करोड़ रुपए के बॉन्ड कहां गए।
- राजनीतिक पार्टियां तोड़ने का आरोप: हमने किसी पार्टियों को नहीं तोड़ा है। बहुत सारी पार्टियां पुत्र-पुत्री मोह के कारण टूटी है। महाराष्ट्र में शिवसेना (UBT) चीफ उद्धव ठाकरे चाहते थे कि उनके बेटे आदित्य ठाकरे CM बने, तो उनके यहां से नेताओं का एक कुनबा निकल गया। वे आदित्य को अपना नेता मानने को तैयार नहीं थे। NCP चीफ शरद पवार अपनी बेटी सुप्रिया सुले को आगे करना चाहते थे। इसलिए उनकी पार्टी टूटी।