प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज 17 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दो समन जारी किए हैं। दिल्ली शराब नीति मामले में उन्हें नौवीं बार समन भेजकर 21 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया है। इस मामले में ED उन्हें अब तक 8 समन भेज चुकी है। हालांकि, वे एक बार भी पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए हैं।
इसके अलावा दिल्ली जल बोर्ड में हुई मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उन्हें 18 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया है। CBI ने जुलाई 2022 में बोर्ड की टेंडर प्रोसेस में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामले में FIR दर्ज की थी। CBI के FIR को आधार बनाकर ED ने दिल्ली जल बोर्ड की टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं के दो अलग-अलग मामलों की जांच शुरू की थी।
दिल्ली जल बोर्ड के दो मामलों पर ED जांच कर रही है, दोनों मामले सिलसिलेवार समझें..
1. पहला मामला
CBI की FIR में आरोप लगाया गया था कि दिल्ली जल बोर्ड के तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा ने NKG इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को करीब 38 करोड़ रुपए में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटर के इंस्टॉलेशन, सप्लाई और टेस्टिंग का टेंडर जारी किया था।
जुलाई 2023 में ED ने दिल्ली-NCR, केरल और तमिलनाडु में दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी और कुछ निजी संस्थाओं के अधिकारियों के 16 ठिकानों पर छापेमारी की। ED ने 24 जुलाई 2023 और 17 नवंबर 2023 को सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसमें कई अहम दस्तावेज और सबूत जब्त किए।
इस दौरान पता चला कि जो काम NKG इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दिया गया, वह उसके लिए टेक्निकल एलिजिबिलिटी को पूरा नहीं करती थी। NKG इंफ्रास्ट्रक्चर ने फर्जी डॉक्यूमेंट्स बनाकर टेंडर हासिल की। जगदीश कुमार अरोड़ा को इसकी जानकारी थी।
ED की जांच में सामने आया कि टेंडर मिलने के बाद NKG इंफ्रास्ट्रक्चर ने अनिल कुमार अग्रवाल की कंपनी इंटीग्रल स्क्रूज लिमिटेड को भी भागीदार बनाया। अनिल कुमार अग्रवाल ने इसके बदले जगदीश कुमार अरोड़ा को कैश और बैंक खातों में लगभग 3 करोड़ रुपए दिए। कुछ कैश जगदीश कुमार अरोड़ा के एक करीबी को भी मिला।
ED को जगदीश कुमार अरोड़ा की कई बेनामी संपत्तियों की जानकारी भी मिली, जो जगदीश अरोड़ा अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद से मैनेज कर रहा था।
2. दूसरा मामला
दिल्ली जल बोर्ड के बिल पेमेंट के भुगतान के लिए जगह-जगह ऑटोमैटिक मशीन लगाई जानी थी। मशीन लगाई भी गई और बिल के भुगतान भी हुए, लेकिन ये पैसा दिल्ली जल बोर्ड के अकाउंट में कभी जमा नहीं हुआ।
मेसर्स फ्रेशपे आईटी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स ऑरम ई-पेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को पहले 3 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। समय-समय पर कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाया गया। इसके बावजूद कंपनी की तरफ से जल बोर्ड को कभी पेमेंट नहीं दिया गया।
जांच में ये भी सामने आया कि नोटबंदी के दौरान करीब 10 करोड़ 40 लाख का पेमेंट एक साथ किया ग,या लेकिन वो भी जल बोर्ड तक नहीं पहुंचा। इस मामले में जल बोर्ड को करीब 14 करोड़ 41 लाख का घाटा हुआ। ये पैसा अभी भी कंपनी के पास बकाया है।
इंटरपूल एक्सचेंज के तहत केजरीवाल के पर्सनल सेक्रेटरी बिभव कुमार को दिल्ली जल बोर्ड का बंगला दिया गया था, जबकि वो सरकारी कर्मचारी नहीं हैं। इस मामले में 2023 में विजिलेंस ने पूछताछ शुरू की थी।
शराब नीति मामले में केजरीवाल को अब तक ED के 9 समन
शराब नीति घोटाला मामले में ED अरविंद केजरीवार को अबतक 9 समन भेज चुकी है। आज 17 मार्च से पहले केजरीवाल को 27 फरवरी, 26 फरवरी, 22 फरवरी, 2 फरवरी, 17 जनवरी, 3 जनवरी, 21 दिसंबर और 2 नवंबर को समन भेज गया था। हालांकि, वे एक बार भी पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए हैं।
दिल्ली शराब नीति मामले में पेश न होने पर कोर्ट में सुनवाई
शराब नीति घोटाला मामले में पूछताछ के लिए हाजिर नहीं होने के चलते ED ने केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में दो शिकायतें दर्ज करवाईं। मामले में कल ही कोर्ट के सामने केजरीवाल की पेशी हुई थी। पेशी के एक मिनट बाद कोर्ट ने उन्हें 15 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी। कोर्ट ने इस मामले में केजरीवाल को हाजिर होने से भी छूट दे दी है। पूरी खबर पढ़ें…