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14 राज्य और 65 सीटें… मुस्लिम वोटरों को साधने के लिए क्या है बीजेपी का मास्टर प्लान?

आगामी लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए बीजेपी पूरे दमखम के साथ मैदान में उतर चुकी है. 400 पार के नारों के साथ सियासी मैदान में उतरी बीजेपी की नजर अल्पसंख्यक वोटरों पर है. देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं. ये वो 65 सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है. वहीं, 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है.

देश के मुस्लिम बहुल लोकसभा क्षेत्रों के लिए बीजेपी खास तरह की प्लानिंग भी कर चुकी है. एक तरफ जहां बीजेपी नीतीश कुमार, अजित पवार और जयंत चौधरी सहित अन्य सहयोगी दलों के नेताओं के जरिए (जिनकी छवि सेक्युलर है) मुस्लिम वोटरों को संदेश देने का प्रयास करेगी. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी कार्यकर्ता बूथ स्तर तक जाकर मुस्लिम मतदाताओं, खासकर मुस्लिम महिलाओं का वोट सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे.

बीजेपी नेताओं का यह मानना है कि अब तक सिर्फ बीजेपी को हराने के लिए वोट करने वाले मुस्लिम वोटरों को अब यह लगने लगा है कि बीजेपी को लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता में आने से रोकना संभव नहीं है. इसलिए अब मुस्लिम वोटर भी मोदी की जीत में भागीदार बन सकते हैं. ऐसे में बीजेपी को लग रहा है कि इस बार मुस्लिम सीटों पर बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ेगा इसके लिए वो प्रयास भी तेज कर दी है.

मुस्लिम वोटरों के बीच में पैठ बनाने की कोशिश

पीएम मोदी के निर्देश पर बीजेपी पिछले कुछ सालों से मुसलमानों के बीच अपनी पैठ बनाने की कोशिश में लगी है. इसके लिए बीजेपी ने हाल के दिनों में मुस्लिम समाज के अलग-अलग वर्गों से बातचीत के लिए कई अभियान भी चलाए हैं. बीजेपी का अल्पसंख्यक मोर्चा देशभर में मुस्लिम समाज के बीच इस तरह के 23 हजार के लगभग स्नेह संवाद कार्यक्रम कर चुका हैं. इन संवाद कार्यक्रमों के जरिए मोर्चा ने देश के 1500 के लगभग विधानसभा क्षेत्रों के कवर किया है.

देशभर में इसके जरिए 50 लाख से ज्यादा मुस्लिमों से संवाद किया गया है. देश की सभी लोकसभा सीटों पर कुल मिलाकर 18 लाख से ज्यादा मोदी मित्र बनाए गए हैं. अल्पसंख्यक बहुल बूथों पर मुस्लिम समाज के युवाओं को भी बूथ की टीम में महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है. इतना ही नहीं ‘ना दूरी है ना खाई है, मोदी हमारा भाई है’ के नारे के साथ भी मुस्लिम समाज को पीएम मोदी के साथ जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.

बीजेपी की नजर इन राज्यों की 65 सीटों पर

बीजेपी ने देशभर में 65 ऐसी सीटों को खासतौर से चुना है जहां मुस्लिम वोटरों की आबादी 30 प्रतिशत से ज्यादा है. ये 65 सीटें असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली,गोवा, हरियाणा,जम्मू कश्मीर, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में है. यहां की सीटों को जीतने के लिए पार्टी इस बार पूरी ताकत लगा रही है. इन 65 लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने बूथ स्तर तक जाकर मुस्लिम समाज को साधने की रणनीति बना ली है.

ये हैं वो सीटें-

दिल्ली- नॉर्थ ईस्ट, चांदनी चौक

हरियाणा- गुरुग्राम, फरीदाबाद

जम्मू कश्मीर- बारामुला, श्रीनगर, अनंतनाग, राजौरी, उधमपुर

यूपी- सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर, मेरठ, बरेली, अमरोहा, संभल, बहराइच, श्रावस्ती.

बिहार- अररिया, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज

मध्य प्रदेश- मंदसौर, भोपाल, बैतूल

गोवा- नॉर्थ गोवा, साउथ गोवा

केरल- वायनाड, कासरगोड, कोझिकोड, मल्लापुरम, कोट्टायम, इडुक्की, पतनमथिट्टा , वाडकर

तमिलनाडु- रामनाथपुरम

तेलंगाना- सिकंदराबाद, हैदराबाद

पश्चिम बंगाल- जादवपुर, बशीरहाट, जयनगर, मथुरापुर, डायमंड हार्बर, मालदा उत्तर, मालदा दक्षिण, मुर्शिदाबाद, बहरामपुर, कृष्णा नगर, रायगंज, बीरभूम

असम- करिया बोर, नौगांव, मंगलदोई, धुबरी, बरपेटा, सिलचर, करीमगंज

महाराष्ट्र- औरंगाबाद, भिवंडी

लद्दाख- लद्दाख

बीजेपी मुस्लिम मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा, पार्टी के मुस्लिम कार्यकर्ता इन लोकसभा सीटों पर जोड़े गए सूफी समाज और बनाए गए मोदी मित्रों के जरिए मुस्लिम समाज के लाभार्थियों से संपर्क स्थापित करेंगे. साथ में उन्हें बीजेपी के पक्ष में वोट करने के लिए प्रेरित करने का प्रयास करेंगे.

पार्टी खासतौर से मुस्लिम महिला वोटरों को साधने का प्रयास करेगी जो तीन तलाक की बुराई से निजात दिलाने के लिए पीएम मोदी को पसंद करती हैं. पार्टी को यह भी लगता है कि मुस्लिम समाज का एक बड़ा तबका अब जीत के जश्न में भी शामिल होना चाहता है यानी मोदी की जीत में भागीदार बनना चाहता है और यही मुसलमानों को लुभाने की बीजेपी की योजना का सबसे मजबूत हिस्सा भी है.

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