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ED के सामने पेश नहीं होंगी महुआ मोइत्रा:एजेंसी से कहा- चुनाव प्रचार करने जा रही हूं; पहले भी 2 समन का जवाब नहीं दिया

BJP सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर कैश फॉर क्वेरी आरोप लगाते हुए लोकसभा से जांच की मांग की थी। इसके बाद 8 दिसंबर को एथिक्स कमेटी ने जांच रिपोर्ट लोकसभा में पेश की। महुआ लोकसभा से निष्कासित हुईं।

कैश फॉर क्वेरी केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने TMC नेता महुआ मोइत्रा को 28 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया था; लेकिन उन्होंने जांच एजेंसी से कहा है कि वे आज अपने लोकसभा क्षेत्र कृष्णानगर में चुनाव प्रचार में शामिल हो रही हैं, जिसके कारण वे ED के सामने पेश नहीं होंगी।

जांच एजेंसी इससे पहले भी मोइत्रा को दो बार समन भेज चुकी है, लेकिन वे पहले भी अपने आधिकारिक काम का हवाला देकर पेश नहीं हुईं।

ED उनसे विदेशी मुद्रा उल्लंघन (FEMA) मामले में पूछताछ करना चाहती है। उनके बयान के बाद कुछ फॉरेन ट्रांजैक्शन और एक NRI खाते से जुड़े लेनदेन भी एजेंसी की जांच के दायरे में हैं।

महुआ के अलावा ED ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी को भी समन जारी कर आज पूछताछ के लिए बुलाया था। इससे पहले दर्शन के पिता निरंजन हीरानंदानी मुंबई में एजेंसी के सामने पेश हुए थे।

महुआ पर लोकसभा में पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप है
दरअसल, पिछले साल BJP सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर महंगे गिफ्ट्स और पैसे लेने के बदले में कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडाणी ग्रुप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था।

महुआ पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का भी आरोप लगा था। इसके बाद यह मामला लोकसभा की एथिक्स कमेटी में भेज दिया गया था, जहां पर महुआ दोषी पाई गई थीं। इसके बाद महुआ को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था।

महुआ मोइत्रा (49) 2019 में पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से TMC के टिकट पर लोकसभा सांसद चुनी गई थीं। दिसंबर 2023 में उन्हें लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया।

कैश फॉर क्वेरी केस में CBI भी जांच कर रही है
केंद्रीय जांच एजेंसी CBI भी TMC सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ प्रारंभिक जांच कर रही है। मामला कैश फॉर क्वेरी केस से ही जुड़ा है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, CBI ने लोकपाल के निर्देश के बाद जांच शुरू की है। एजेंसी इस जांच के आधार पर ही तय करेगी कि मोइत्रा के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज किया जाए या नहीं।

प्रारंभिक जांच के तहत CBI किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती या तलाशी नहीं ले सकती है, लेकिन वह जानकारी मांग सकती है। साथ ही TMC सांसद से पूछताछ भी कर सकती है।

महुआ पर कार्रवाई को 10 पॉइंट्स में समझिए…

  1. सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने महुआ पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए।
  2. BJP सांसद निशिकांत दुबे ने बताया कि महुआ ने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर उनके सवाल लोकसभा में पूछे।
  3. निशिकांत ने इसकी शिकायत लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से की। ओम बिड़ला ने एथिक्स कमेटी को शिकायत भेज दी।
  4. भाजपा सांसद विनोद सोनकर इस कमेटी के अध्यक्ष हैं। 15 मेंबर्स वाली इस कमेटी में सोनकर सहित 7 भाजपा सांसद हैं।
  5. हीरानंदानी ने कमेटी को बताया कि उन्होंने अपने सवाल प्रश्न पोस्ट करने के लिए दुबई में महुआ की संसदीय लॉगिन ID और पासवर्ड का इस्तेमाल किया।
  6. महुआ ने अपने संसदीय लॉगिन क्रिडेंशियल शेयर करने की बात स्वीकार की। साथ ही गिफ्ट के तौर पर एक स्कार्फ, लिपस्टिक और आई शैडो लेने की बात मानी।
  7. एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में महुआ को दोषी माना गया। कमेटी के 15 में से 10 मेंबर्स ने निष्कासन मामले में वोटिंग की। इनमें 6 वोट पक्ष और 4 विपक्ष में पड़े।
  8. कमेटी ने लोकसभा स्पीकर को रिपोर्ट सौंपी। महुआ को लोकसभा से निष्कासित किया गया।
  9. महुआ ने कहा कि उनके खिलाफ कोई कैश या गिफ्ट के सबूत नहीं मिले। एथिक्स कमेटी ने बिना सबूत के मेरे खिलाफ रिपोर्ट बनाई और कंगारू कोर्ट ने मुझे सजा दी।
  10. महुआ ने लोकसभा से निष्कासन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।

कैश फॉर क्वेरी केस से जुड़े 4 मुख्य किरदार…

कैश फॉर क्वेरी केस में मुख्य रूप से चार किरदार रहे हैं। TMC नेता महुआ मोइत्रा, BJP सांसद निशिकांत दुबे, वकील जय अनंत देहाद्राई और रियल एस्टेट कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO दर्शन हीरानंदानी।

1. महुआ मोइत्राः अमेरिका में पढ़ीं, लंदन में नौकरी और बंगाल में राजनीति

इस केस की मुख्य पात्र महुआ मोइत्रा हैं, जिन पर सारे आरोप हैं। TMC सांसद महुआ मोइत्रा मूलत: बैंकर हैं। बेसिक एजुकेशन के बाद मोइत्रा हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका गईं। बाद में उनकी नौकरी लंदन के एक प्रतिष्ठित बैंक में लगी।

कुछ सालों में उनका नौकरी से मोह भंग हुआ और वे राजनीति में कूदीं। उन्होंने 2016 में पहला चुनाव पश्चिम बंगाल के करीम नगर विधानसभा से जीता था। 2019 में वे TMC के टिकट पर कृष्णानगर से लोकसभा चुनाव लड़ी और जीतीं।

2. निशिकांत दुबेः राजनीति में आने से पहले कॉर्पोरेट वर्ल्ड में थे

इस कहानी में दूसरा अहम किरदार भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का है। 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे और तोहफे लिए थे।

गोड्डा झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 2009 में राजनीति में कदम रखा था। इससे पहले वे एस्सार ग्रुप में कॉर्पोरेट हेड थे। उन्होंने 2009 में गोड्डा से पहला चुनाव जीता था। इसके बाद 2014 और 2019 में भी जीत हासिल की।

3. दर्शन हीरानंदानी: रियल एस्टेट कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO, अडाणी ग्रुप के कॉम्पिटिटर

42 वर्षीय दर्शन हीरानंदानी ने एक लेटर लिखकर महुआ पर और आरोप मढ़े हैं। दर्शन मुंबई बेस्ड रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO हैं। उनके पिता रियल एस्टेट टाइकून निरंजन हीरानंदानी हैं।

दर्शन डेटा सेंटर, क्लाउड कम्प्यूटिंग, तेल और गैस, लॉजिस्टिक, वेयरहाउस जैसी कई कंपनियों के प्रेसिडेंट हैं, जो हीरानंदानी ग्रुप के अंडर में हैं। दर्शन ने न्यूयॉर्क के रोचेस्टर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से MBA और BSc की डिग्री ली है। हीरानंदानी ग्रुप अडाणी ग्रुप का कॉम्पिटिटर है।

4. जय अनंत देहाद्राई: महुआ पर आरोप लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील

जय अनंत देहाद्राई सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक जय अनंत देहाद्राई और महुआ मोइत्रा दोनों पहले दोस्त थे, बाद में दोनों में झगड़ा हो गया। मोइत्रा ने पिछले छह महीनों में आपराधिक अतिक्रमण, चोरी, अश्लील संदेश और दुर्व्यवहार के लिए देहाद्राई के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी। दूसरी ओर, अनंत ने CBI में मोइत्रा के खिलाफ सबूत देकर शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद यही सबूत BJP सांसद निशिकांत दुबे के माध्यम से पेश कर संसद में शिकायत दर्ज कराई गई है।

महुआ मोइत्रा के संसद में 62 सवाल, 9 अडाणी से जुड़े
2019 में सांसद बनने के बाद से महुआ मोइत्रा ने पार्लियामेंट में 28 केंद्रीय मंत्रालयों से जुड़े 62 सवाल पूछे हैं। इनमें पेट्रोलियम से लेकर कृषि, शिपिंग, नागरिक उड्डयन, रेलवे आदि शामिल हैं।

sansad.in की वेबसाइट के मुताबिक, 62 सवालों में से सबसे ज्यादा 9 सवाल पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के लिए थे, उसके बाद वित्त के लिए आठ सवाल थे।

कुल 62 में से 9 सवाल अडाणी समूह से संबंधित थे। इनमें से छह सवाल पेट्रोलियम मंत्रालय के लिए और एक-एक सवाल वित्त, नागरिक उड्डयन और कोयला मंत्रालयों के लिए था।

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