18वीं लोकसभा के लिए 19 अप्रैल से आम चुनाव होने जा रहे हैं। इस बीच चुनाव आयोग (EC) ने शुक्रवार (29 मार्च) को कहा कि आयोग का सी-विजिल ऐप आचार संहिता उल्लंघन करने वालों के खिलाफ बड़ा हथियार बन चुका है।
चुनाव आयोग ने 16 मार्च को लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। उसके बाद से लेकर अब तक सी-विजिल ऐप पर 79 हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं।
EC ने कहा कि अब तक मिली शिकायतों में 99% समाधान कर दिया गया है। इनमें से 89% का समाधान 100 मिनट के अंदर किया गया है। चुनाव आयोग ने ये भी बताया कि 58,500 से ज्यादा शिकायतें अवैध होर्डिंग्स और बैनर के खिलाफ हैं। 1400 से ज्यादा शिकायतें पैसे, तोहफे से जुड़ी थीं।
लगभग 3% शिकायतें (2,454) संपत्ति में गड़बड़ी से जुड़ी हैं। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि 535 शिकायतें धमकियों के बारे में थीं। इनमें से 529 का निपटारा हो चुका है। समय सीमा के बाद स्पीकर बजाने की भी 100 शिकायतें दर्ज कराई गई थीं।
7 चरण में होगा लोकसभा चुनाव
लोकसभा की 543 सीटों के लिए चुनाव सात फेज में होगा। पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को और आखिरी फेज की वोटिंग 1 जून को होगी। 4 जून को नतीजे आएंगे। आचार संहिता से लेकर नतीजे तक इसमें 80 दिन लगेंगे।
लोकसभा के साथ 4 राज्यों- आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के विधानसभा चुनाव की तारीखें भी जारी कर दी गई हैं। ओडिशा में 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को वोटिंग होगी। बाकी तीन राज्यों में एक फेज में चुनाव होंगे। अरुणाचल और सिक्किम में 19 अप्रैल, आंध्र प्रदेश में 13 मई को वोट डाले जाएंगे।
इलेक्शन शेड्यूल में सीटों की संख्या 543 से बढ़कर 544 सीटें हो गई है। इसकी वजह मणिपुर की आउटर मणिपुर लोकसभा सीट है। इस लोकसभा सीट में 28 विधानसभा सीटें है। 15 विधानसभा सीटों में 19 अप्रैल को और 13 विधानसभा सीटों में 26 अप्रैल को मतदान होगा।
चुनाव आयोग की राजनीतिक पार्टियों के लिए गाइडलाइन
- पार्टियों को कैंपेन के दौरान स्पीच, सोशल मीडिया पोस्ट, विज्ञापन और प्रेस रिलीज को रिव्यू करना होगा।
- पार्टियां को अपनी वेबसाइट पर बताना होगा कि उनकी पार्टी दिव्यांगों को भी सामान्य लोगों की तरह सम्मान से देती है।
- पार्टियों को अपने कार्यकर्ताओं को दिव्यांगों से संपर्क करने के लिए ट्रेनिंग मॉड्यूल जारी करना होगा।
- पार्टियों को दिव्यांगों की शिकायत सुनने के लिए अथॉरिटी भी अपॉइंट करनी चाहिए।
- पार्टियों को दिव्यांग लोगों को कार्यकर्ता या मेंबर बनाना चाहिए। इससे दिव्यांगों की चुनाव में भागीदारी बढ़ेगी।
दिव्यांगों के लिए वोट फ्रॉम होम की सुविधा
चुनाव आयोग ने बीते कुछ समय से दिव्यांगों का वोट प्रतिशत बढ़ाने की कई कोशिशें की हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 से दिव्यांगों के लिए खास सुविधा शुरू हुई है। इसमें 40% से ज्यादा दिव्यांग लोग घर से वोट डाल सकते थे। इसके लिए उन्हें चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होने के 5 दिन के अंदर एक फॉर्म भरना होता था। इसके बाद सरकारी कर्मचारी वोटिंग के लिए दिव्यांगों के घर पहुंचे थे। इस प्रोसेस की वीडियोग्राफी भी की गई थी। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी ये सुविधा थी।
प्रचार में बच्चों के इस्तेमाल पर भी आयोग सख्त
चुनाव आयोग ने सोमवार 5 फरवरी को सभी राजनीतिक दलों को सलाह दी है कि चुनाव प्रचार अभियानों में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी रूप में न करें। पार्टियों को भेजी गई एडवाइजरी में चुनाव पैनल ने पार्टियों और उम्मीदवारों से चुनावी प्रक्रिया के दौरान बच्चों से पोस्टर और पर्चे बांटने, नारेबाजी करने को लेकर जीरो टॉलरेंस जाहिर किया है। आयोग ने कहा कि राजनीतिक नेता और उम्मीदवार प्रचार के दौरान बच्चों को गोद में लेने और गाड़ियों में में न बैठाएं, न उन्हें रैली में शामिल करें।
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