ओडिशा में अचानक से शंख बजाने वालों की डिमांड बढ़ गई है। ऐसा राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव और राज्य की 21 लोकसभा सीटों पर होने वाले चुनाव के कारण हुआ है।
आमतौर पर राज्य में शंख बजाने वालों की जरूरत हिंदू शादियों, धार्मिक कार्यक्रमों और अन्य शुभ अवसरों पर होती है। लेकिन चुनाव के चलते पॉलिटिकल रैलियों और चुनावी सभाओं में शंख बजाने वालों को बुलाया जा रहा है। राजनीतिक पार्टियां शंख बजाने वालों की बुकिंग कर रही है।
ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल (BJD) का पार्टी सिंबल भी शंख है। ऐसे में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के चुने गए उम्मीदवार शंख बजाने वालों को बुला रहे है।
गंजम जिले में लगभग 25 हजार शंख बजाने वाले बीजेडी प्रत्याशी अपनी रैलियों में शंख बजाने वालों को लेकर जा रहे हैं। इन्हें किराए पर बुलाया जाता है। प्रत्याशी ऐसा इसलिए भी कर रहे हैं क्योंकि उनका चुनावी सिंबल शंख है। ऐसा करने से लोगों अलग प्रभाव पड़ेगा।
गंजम जिले में 25 हजार के करीब शंख बजाने वाले हैं। ये सभी BJD उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं।
नॉमिनेशन बढ़ने के बाद बढ़ेगी शंख बजाने वालों की मांग
शंख बजाने का काम करने वाले राजेंद्र प्रसाद पात्रा ने कहा कि कुछ उम्मीदवार अभियान के लिए हमसे संपर्क कर चुके हैं। नॉमिनेशन बढ़ने के बाद शंख बजाने वालों की मांग और भी बढ़ जाएगी।
शंख बजाने वाले पबित्र कुमार महापात्र ने बताया कि हमने अलग-अलग क्षेत्र में प्रत्याशियों के लिए प्रचार करने के लिए योजना बनाई है। राज्य में चार चरणों में चुनाव होने हैं। इसलिए उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने में कोई परेशानी नहीं होगी।
रौलापल्ली के रहने वाले टूटू राउल का कहना है कि कई उम्मीदवार जोड़ी शंख यानी (जुड़वा शंख बजाने वालों) की मांग करते हैं।
ये खबर भी पढ़ें…
राजभवन में मनाया गया ओडिशा स्थापना दिवस: राज्यपाल कलराज मिश्र बोले- समृद्ध पारंपरिक विरासत के साथ जीवंत संस्कृति वाला प्रदेश है ओडिशा
राजभवन में सोमवार को ओडिशा स्थापना दिवस मनाया गया। राज्यपाल कलराज मिश्र ने इस दौरान ओडिशा के स्थानीय लोगों से संवाद कर उन्हें स्थापना दिवस की बधाई और शुभकामना दी।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि ओडिशा समृद्ध पारंपरिक विरासत के साथ जीवंत संस्कृति वाला प्रदेश है। उन्होंने ओडिशा को भगवान जगन्नाथ की धरती बताते हुए कहा कि अध्यात्म की भारतीय परंपरा से जुड़ी यह भूमि कला की भारतीय परंपरा से भी सर्वाधिक समृद्ध है। पूरी खबर पढ़ें…