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अयोध्या बनी दुनिया की धार्मिक राजधानी:48 दिन में ही 1 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे; वेटिकन और मक्का में एक साल में 2.25 करोड़ आए

अयोध्या दुनिया की धार्मिक राजधानी बन चुकी है। राम मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से 10 मार्च तक यहां 1 करोड़ लोग पहुंचे। यानी औसतन 2 लाख लोग यहां रोज दर्शन कर रहे हैं।

दुनिया में इतनी बड़ी संख्या में लोग किसी भी धर्म के धर्मस्थल पर नहीं पहुंच रहे। ईसाइयों के सबसे बड़े धार्मिक स्थल वेटिकन सिटी में सालभर में करीब 90 लाख लोग आते हैं। जबकि मुस्लिमों के पवित्र स्थल मक्का में पिछले साल 1.35 करोड़ लोग पहुंचे।

यूपी-उत्तराखंड के 9 धार्मिक स्थल

यूपी में 4 धार्मिक केंद्रों पर हर साल 20 करोड़ लोग आ रहे
उत्तर प्रदेश में अयोध्या के अलावा काशी-मथुरा और प्रयागराज प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। यहां हर साल करीब 20 करोड़ से ज्यादा लोग पहुंच रहे हैं। पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में हरिद्वार, केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। यहां हर साल करीब 6 करोड़ लोग आ रहे हैं।

अयोध्याः 2019 में 5 हजार लोग रोज आते थे, अब 2 लाख
22 जनवरी को भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा हुई। तब से 48 दिन (22 जनवरी से 10 मार्च तक) में यहां 1 करोड़ लोग दर्शन कर चुके हैं। यूपी पर्यटन विभाग के मुताबिक इस साल तकरीबन 8 करोड़ से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं।

धार्मिक स्थलों पर बिजनेस मॉनिटरिंग करने वाली एजेंसी ह्युमन कैपिटल सास प्लेटफॉर्म बेटरप्लेस के मुताबिक अगले 4-5 सालों में यहां डेढ़ से दो लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।

अयोध्या में मंदिर निर्माण के साथ यहां जमीन का रेट 10 गुना बढ़ गए। करीब 700 लोगों ने अपने घरों को होम स्टे में बदल लिया। पिछले 2 साल में करीब 100 होटल बनकर तैयार हुए। 50 से ज्यादा होटलों का कंस्ट्रक्शन चल रहा है।

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आकलन किया था कि मंदिर निर्माण से यहां व्यापार का आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपए पहुंच सकता है। प्राण प्रतिष्ठा से पहले 50 हजार करोड़ का अनुमान जताया था।

नव्य अयोध्या और एयरपोर्ट के दूसरे व तीसरे फेज का काम भी शुरू
यूपी सरकार ने 2047 तक नव्य अयोध्या बनाने का टारगेट रखा है। 1400 एकड़ में रामायण की थीम पर ग्रीन फील्ड टाउनशिप डेवलप करने का प्लान बनाया है। साथ ही 2025 तक अयोध्या एयरपोर्ट का दूसरे व तीसरे फेज का काम पूरा कर लिया जाएगा। तब यहां बोइंग प्लेन भी लैंड हो सकेंगे।

11 हजार स्क्वायर मीटर में रेलवे स्टेशन का विकास हो रहा। तीन मंजिला टर्मिनल बिल्डिंग बन रही। पहले फेज का निर्माण पूरा हो चुका है। 19 जनवरी से रोज 10 ट्रेनें श्रद्धालुओं को लेकर यहां आ रही हैं। 100 दिनों यहां 1 हजार ट्रेनें चलेंगी। इसमें 2 अमृत भारत ट्रेन व 2 वंदे भारत भी है। इसके अलावा यहां 3,935 करोड़ के बजट से रिंग रोड और मल्टी लेवल पार्किंग तैयार हो रही।

काशीः कॉरिडोर बनने के बाद हर साल 7 करोड़ लोग आ रहे
8 मार्च 2019 को पीएम नरेंद्र मोदी ने विश्वनाथ कॉरिडोर बनाने की शुरुआत की। 900 करोड़ के बजट से काशी विश्वनाथ को बदलने का लक्ष्य था। कॉरिडोर 5 लाख स्क्वायर फिट में बनाया गया। इसके अंतर्गत 23 इमारतें और 25 मंदिरों का कायाकल्प हुआ।

13 दिसंबर 2021 को पीएम ने ही इसका उद्धाटन किया। कॉरिडोर से पहले यहां हर साल करीब 1 करोड़ लोग आते थे। 13 दिसंबर 2023 को मंदिर प्रशासन के जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 2 सालों में यहां 13 करोड़ श्रद्धालु आ चुके हैं। मतलब कॉरिडोर बनने के बाद यहां श्रद्धालुओं की संख्या 7 गुना बढ़ गई।

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