Headlines

केरल के कासरगोड में भाषाई विविधता:हजारों लोग मलयालम-कन्नड़ नहीं जानते; हिंदी, कोंकणी समेत 5 भाषाएं सीखो, तब कहीं जाकर वोट मिलते हैं

केरल के उत्तरी लोकसभा क्षेत्र कासरगोड में एक महिला प्रत्याशी धाराप्रवाह हिंदी में वोट देने के लिए आग्रह करती दिखती हैं। अगले कुछ ही पलों में वह मूल मलयालम में बातें करने लगती हैं। इसके बाद कन्नड़, और तुलु जैसी भाषाओं में भी उन्हें संवाद करते देखा जा सकता है।

भाजपा उम्मीदवार एमएल अश्विनी को लगता है कि भाषाओं के प्रति उनका जुनून एक आशीर्वाद है। वे सात भाषाओं में बात कर सकती हैं।

भाषा से जुड़ी यह क्वालिटी जरूरी क्यों
कासरगोड भाषाई ​विविधता वाला क्षेत्र है। जिले में हजारों मलयालम और कन्नड़ दोनों नहीं जानते। वे मराठी, तुलु, कोंकणी, उर्दू, हिंदी और ब्यारी (केरल और कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों में एक स्थानीय भाषा) बोलते हैं। इसी के चलते प्रत्याशियों को चुनाव से पहले खासी तैयारी करनी पड़ती है। इसके बाद ही प्रत्याशी 5-7 भाषाओं में वोट मांग पाते हैं।

जबकि त्रिक्करीपुर, होसदुर्ग और कान्हांगद क्षेत्रों की मातृभाषा मलयालम है, वहीं कासरगोड, उप्पला, कुंबले और मंजेश्वर क्षेत्रों में कन्नड़ बोली जाती है। हजारों मराठी परिवारों के यहां बसने से मुंबई से जुड़ाव भी है। मुसलमान उर्दू बोलते हैं, जबकि तटीय कर्नाटक और गोवा के लोग कोंकणी और तुलु बोलते हैं।

38 वर्षीय अश्विनी बताती हैं कि कासरगोड संस्कृतियों का एक विविध मिश्रण है। हालांकि वे घर में तुलु और मलयालम में ही बात करती हैं। केरल और कर्नाटक के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा तुलु है, लेकिन इन क्षेत्रों में चुनावी सूचनाएं कन्नड़ भाषा में प्रसारित की जाती हैं। इसके लिए जरूरी है कि सभी उम्मीदवारों के पास कई भाषाओं में मतदाताओं के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने की क्षमता हो।

कांग्रेस सांसद ने चुनाव जीतने के बाद तुलु-कोंकणी सीखी
अश्विनी बेंगलुरु से हैं। उन्हें देशभर के लोगों के साथ जुड़कर तमिल, हिंदी, कन्नड़ और मलयालम में दक्षता हासिल करने के मौके मिले। मौजूदा कांग्रेस सांसद राज मोहन उन्नीथन पहले मलयालम, हिंदी व अंग्रेजी जानते थे। जीतने के बाद, उन्होंने कन्नड़, तुलु, कोंकणी, मराठी व उर्दू सीखी। एलडीएफ प्रत्याशी एमवी बालकृष्णन कासरगोड से हैं, इसलिए उन्हें समस्या नहीं होती।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Budget 2024