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TMC सांसदों का सेंट्रल एजेंसीज के खिलाफ धरना जारी:ED, CBI और NIA के डायरेक्टर्स को हटाने की मांग पर अड़े, AAP का समर्थन

TMC सांसदों का सेंट्रल एजेंसीज 

TMC के सांसद-विधायक मंगलवार को भी मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठे रहे। कल उन्हें हिरासत में लेने के बाद यहां लाया गया था। बाद में रिहा कर दिया गया।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद और विधायक 8 अप्रैल को चुनाव आयोग के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। दिल्ली पुलिस इन्हें हिरासत में लेकर कल ही रिहा कर दिया था। हालांकि इनका प्रदर्शन अब मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन के बाहर ही जारी है।

कल 10 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल इलेक्शन कमिश्नर से मिलने पहुंचा था। इसके बाद सभी धरने पर बैठ गए। TMC सांसदों और विधायकों की मांग है कि चुनाव आयोग ED, CBI, NIA और इनकम टैक्स के डायरेक्टर्स को फौरन हटाए। आम आदमी पार्टी (AAP) ने TMC की मांग का समर्थन किया है।

दिल्ली सरकार के मंत्री और AAP नेता सौरभ भारद्वाज मंगलवार को मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन पहुंचे और TMC नेताओं से बातचीत कर उनकी मांगों का समर्थन किया। उन्होंने कहा- चुनाव की घोषणा हो चुकी है और कोड ऑफ कंडक्ट भी लागू हो चुका है। लेकिन विपक्षी नेताओं के खिलाफ एजेंसियों की कार्रवाई जारी है। यह जानबूझकर किया जा रहा है।

TMC नेता सागरिका घोष ने कहा- केंद्रीय जांच एजेंसियां भाजपा की एजेंसी जैसी काम कर रही हैं। हम उनके काम करने के तरीके का विरोध कर रहे हैं। हमने चुनाव आयोग से मिलकर मांग रखी है कि वे चुनाव प्रक्रिया के दौरान इस तरह की कार्रवाई पर रोक लगाए।

टीएमसी नेताओं ने NIA के डीजी, ED और CBI के डायरेक्टर को तुरंत हटाने को लेकर पोस्टर भी लहराए।

पुलिस ने क्या कहा
दिल्ली पुलिस के DCP देवेश कुमार महला ने कहा- कल TMC प्रतिनिधिमंडल को बिना अनुमति विरोध-प्रदर्शन करने के लिए हिरासत में लिया गया था। उन्हें मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया लेकिन बाद में रिहा कर दिया गया था। उन्हें सूर्यास्त से पहले इस बारे में बताया गया था लेकिन वे अपनी मर्जी से अभी भी वहां रुके हुए हैं।

धरना देने वालों में ये नेता शामिल
धरना देने वालों में TMC के 5 सांसद डेरेक ओ’ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, साकेत गोखले और सागरिका घोष शामिल रहे। वहीं, तीन पूर्व सासंद अर्पिता घोष, शांतनु सेन और अबीर रंजन विश्वास मौजूद हैं। इसके अलावा विधायक विवेक गुप्ता और टीएमसी नेता सुदीप राहा भी धरना दे रहे हैं।

प्रदर्शन करने वालों में TMC सांसद डोला सेन भी शामिल थी। पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में लिया।

पुलिस हिरासत में बोले डेरेक- हमारी लड़ाई जारी रहेगी
दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने पर डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा, हम यहां लड़ने के लिए आए हैं। हम अपना शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। यह 100% तानाशाही है। आज शाम 4:30 बजे हम चुनाव आयोग से मिले और शाम 5:45 बजे जब हम शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर बैठे थे। पुलिस वाले हमें उठा कर ले गए।

अभिषेक बोले- सबूत के बावजूद नहीं हटाए जा रहे NIA डायरेक्टर
टीएमसी के जनरल सेक्रेटरी अभिषेक बनर्जी ने कहा, चुनाव आयोग सारे सबूत होने के बावजूद NIA डायरेक्टर और NIA एसपी को क्यों नहीं हटाता? ..अगर सिर्फ बीजेपी नेताओं की शिकायत पर पश्चिम बंगाल के डीजी को बदला जा सकता है तो फिर NIA डायरेक्टर को क्यों हटाया जा रहा है?

TMC के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रॉयन को पुलिस उठाकर ले गई।

अभिषेक बनर्जी गर्वनर राज्यपाल आनंद बोस से मिले
टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी देर रात पश्चिम बंगाल के गर्वनर राज्यपाल आनंद बोस से मिले। बनर्जी ने कहा- हमारा प्रतिनिधिमंडल आज चुनाव आयोग से मिलने गया। जिस तरह से महिला सांसदों को घसीटा गया और हिरासत में लिया गया, वह लोकतंत्र की हत्या है और इस हत्या के पीछे मुख्य कारण चुनाव आयोग है।

अब जानिए पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों के बीच दो बड़े विवाद…
पिछले चार महीनों में पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्रीय एजेंसियों के बीच दो बड़े विवाद चर्चा में रहे। 5 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के भूपतिनगर में NIA टीम पर हमला हुआ था। वहीं इससे पहले 5 जनवरी को संदेशखाली में ED टीम पर हमला हुआ था।

पहला मामला- 5 अप्रैल: पश्चिम बंगाल के भूपतिनगर में NIA टीम पर हमला, अफसर चोटिल हुए

5 अप्रैल को भूपतिनगर में लोगों ने NIA की गाड़ी पर पथराव किया।

पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर ईस्ट के भूपतिनगर में शुक्रवार 5 अप्रैल की रात NIA की टीम पर हमला हुआ। इस दौरान एक अफसर को चोटें भी आई हैं। भूपतिनगर में NIA टीम के सामने लोग लाठी-डंडे लेकर अड़ गए। टीम ने जब आरोपियों को ले जाने की कोशिश की, तो लोगों ने उनका विरोध किया। लोगों ने NIA की गाड़ी पर पथराव किया।

कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर NIA टीम भूपति नगर में 2022 में हुए बम धमाके की जांच करने पहुंची थी। पुलिस ने 3 लोगों- बोलाई मैती, समय मैती, और मानव दत्त जाना को गिरफ्तार किया है।

ममता बनर्जी ने क्या कहा
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि NIA के अफसरों पर हमला नहीं हुआ है, बल्कि उन्होंने ही महिलाओं पर हमला किया। NIA अफसरों ने रात में रेड क्यों की? क्या उनके पास पुलिस की परमिशन थी? लोगों ने वैसे ही बर्ताव किया, जैसा रात में किसी भी अनजान व्यक्ति के आने पर किया जाता।

दक्षिण दिनाजपुर में ममता ने कहा कि NIA इलेक्शन से पहले लोगों को गिरफ्तार क्यों कर रही है? क्या भाजपा को लगता है कि वे हर बूथ एजेंट को गिरफ्तार कर लेंगे। NIA की मदद लेकर भाजपा गंदी राजनीति कर रही है।

2022 में हुए था बम ब्लास्ट, तीन लोगों की जान गई थी

बम का धमाका इतना भीषण था कि खपरैल की छत वाला मिट्‌टी का घर तहस-नहस हो गया।

भूपतिनगर में 3 दिसंबर 2022 को एक घर में बम ब्लास्ट हुआ था, जिसमें घर की छत उड़ गई थी। हादसे में तीन लोगों की जान गई थी। पिछले महीने NIA ने इस मामले में पूछताछ के लिए तृणमूल कांग्रेस के आठ नेताओं को समन भेजकर 28 मार्च को न्यू टाउन में NIA ऑफिस बुलाया था।

वहीं, TMC ने इस ब्लास्ट के लिए भाजपा को दोषी ठहराया था। TMC प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा था भाजपा ने TMC नेताओं की एक लिस्ट NIA को दी है। इसके आधार पर NIA इन नेताओं को गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है।

दूसरा मामला- 5 जनवरी: संदेशखाली में ED टीम पर हमला हुआ था
पश्चिम बंगाल के साउथ 24 परगना जिले में 5 जनवरी को ED और CRPF की टीम TMC नेता के घर रेड करने पहुंची थी। इस दौरान भीड़ ने जानलेवा हमला कर दिया। करीब 200 लोगों ने जांच एजेंसी के दो वाहनों में तोड़फोड़ की। इसमें कुछ अफसरों के सिर में चोट आई थीं। ED ने बताया था कि भीड़ ने अधिकारियों के मोबाइल फोन, लैपटॉप, नकदी और बटुए छीन लिए।

5 जनवरी को ED की टीम संदेशखाली में शाहजहां शेख के घर रेड डालने पहुंची थी। तब भीड़ ने टीम पर हमला कर दिया था, जिसमें ED अधिकारी घायल हो गए थे।

ED पर हमले के केस में शेख शहाजहां गिरफ्तार हुआपूर्व TMC नेता शाहजहां शेख को 29 फरवरी को बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया था। शेख की गिरफ्तारी ED पर हमले के केस में हुई थी। बंगाल पुलिस ने कहा था कि शेख ED अफसरों पर हुए हमले के मुख्य आरोपियों में शामिल था।

हमले के बाद शेख 55 दिन तक फरार था। गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट ने 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा था। इसके बाद कोलकाता पुलिस ने जांच क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) को सौंप दी। शेख शाहजहां अब भी CBI की हिरासत में है।

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