सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने जूनियर वकीलों के बैठने का मुद्दा उठाया। उन्होंने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि हमारे सभी जूनियर्स रोजाना यहां हाथों में लैपटॉप पकड़े खड़े रहते हैं। चीफ जस्टिस ने कोर्ट मास्टर से कहा कि वे जूनियर वकीलों के लिए स्टूल की व्यवस्था
कुछ देर बाद जब कोर्ट में स्टूल रख दिए गए तो CJI ने खुद उन पर बैठकर देखा कि वे आरामदायक हैं या नहीं और उन पर बैठने से जूनियर वकीलों को कोर्ट की सुनवाई देखने में परेशानी तो नहीं आएगी। इसे जेकर सॉलिसिटर जनरल ने CJI की तारीफ की। उन्होंने कहा कि चीफ जस्टिस उदारता का प्रतीक हैं। उन्होंने जो किया, वह सराहनीय है।
सॉलिसिटर जनरल की बात बीच में रोकते हुए बैठने की व्यवस्था का मुद्दा उठाया
यह वाकया तब हुआ जब CJI की अगुआई वाली नौ जजों की एक संवैधानिक बेंच 1990 के एक मामले को लेकर दाखिल की गई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता अपनी बात रख रहे थे, जब CJI ने उनकी बात काटते हुए जूनियर वकीलों के लिए बैठने की व्यवस्था पर बात शुरू की।
CJI की बात सुनकर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वे भी कई दिनों से इस बात पर गौर कर रहे हैं और उन्होंने कोर्ट में मौजूद वकीलों से अपील की है कि जो भी वकील इस केस से नहीं जुड़े हैं, वे जूनियर वकीलों के लिए अपनी कुर्सी खाली कर दें।
इसके जवाब में चीफ जस्टिस ने कहा कि दोपहर में कोर्ट मास्टर देखेंगे कि क्या इन सभी जूनियर वकीलों के लिए आपके पीछे बैठने की व्यवस्था की जा सकती है। मैंने कोर्ट मास्टर से कहा है कि वे देखें कि क्या वे कुछ स्टूल रख सकते हैं। हम जूनियर वकीलों के लिए स्टूल रखने की कोशिश करेंगे।
लंच के बाद कोर्ट में स्टूल रखे दिखाई दिए, CJI ने उन पर बैठकर देखा
लंच के बाद जब मामले की सुनवाई के लिए बेंच फिर बैठी, तो कोर्टरूम में वकीलों के लिए स्टूल रखे हुए थे। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के सोर्सेस ने बताया कि चीफ जस्टिस ने युवा वकीलों के बैठने के लिए इंतजाम करने के निर्देश दिए थे।
कोर्ट शुरू होने के पहले ही CJI ने बैठने की व्यवस्था का जायजा लिया। वे कोर्ट में उस जगह आए जहां जूनियर वकील खड़े थे और खुद स्टूल पर बैठकर देखा कि सब ठीक है या नहीं। उन्होंने ये भी देखा कि वहां बैठकर वकीलों को मामले की सुनवाई देखने में कोई परेशानी तो नहीं आएगी या सॉलिसिटर जनरल के लिए कोई बाधा तो नहीं बनेगी।
सॉलिसिटर जनरल बोले- अपने जूनियरों की चिंता करना CJI की उदारता दिखाता है
इस वाकये के बारे में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चीफ जस्टिस उदारता का प्रतीक हैं। आज उन्होंने जो किया वह न सिर्फ अनोखा था, बल्कि सभी कोर्ट को इसका पालन करना चाहिए। न्यायिक क्रम के सबसे ऊंचे शिखर पर बैठा व्यक्ति बिना किसी के बताए जूनियर वकीलों की परेशानी को लेकर चिंता करता है, ये सराहनीय बात है। जूनियर वकीलों के पास CJI का शुक्रिया कहने के लिए शब्द नहीं थे। मैं खुद भावनाओं से भरा हुआ हूं।
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