कश्मीर के सोपोर जिला स्थित मालपोरा गांव में दान किए गए एक अंडे से 2 लाख रुपए का चंदा जुटाया गया। दरअसल, गांव में मस्जिद बनाने के लिए चंदा इकट्ठा किया गया था। इसी दौरान गांव के एक युवक ने एक अंडा दान किया था।
अंडा सहित दान में मिली कुछ कीमती चीजों की नीलामी की गई। लोग बोली लगाकर अंडा खरीदते और पैसा चुकाने के बाद अंडा वापस मस्जिद कमेटी को लौटा देते। ताकि अंडे की फिर से नीलामी की जा सके। इस तरह 3 दिनों तक अंडे की नीलामी चली और 2.27 लाख रुपए इकट्ठा किए गए।
युवक के पास अंडे के अलावा देने को कुछ नहीं था
मस्जिद कमेटी ने बताया कि रमजान के दौरान कमेटी के लोग चंदा इकट्ठा कर रहे थे। गांव के लोग रुपयों के अलावा दूसरे सामान भी दान कर रहे थे। कुछ लोगों ने ईंट, सीमेंट, लकड़ी भी दान की।
इस दौरान जब मस्जिद कमेटी के लोग उस युवक के घर पहुंचे तो उसने अंडा दान किया। युवक गरीब है और अपनी विधवा मां के साथ रहता है। उसके पास अंडे के अलावा देने के लिए और कुछ नहीं था। कमेटी ने युवक का नाम नहीं बताया।
ईद के दिन हुई अंडे की नीलामी
11 अप्रैल को ईद के दिन दान में मिले सामानों की नीलामी की गई। ईद का दिन इसलिए चुना गया, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग नीलामी में हिस्सा ले सकें। जब लोगों को अंडे के पीछे की कहानी पता चली, तो कई लोगों ने इसकी बोली लगाई।
लगातार दो दिनों तक चली नीलामी में अंडे से 1 लाख 57 हजार रुपए जुटाए गए। तीसरे दिन 13 अप्रैल को पड़ोसी गांव वारपोरा के रहने वाले दानिश अहमद ने अंडे की बोली लगाई। उन्होंने 70 हजार रुपए में अंडा खरीदा।
इस तरह अंडे से कुल 2.27 लाख रुपए इकट्ठा किए गए। दानिश अंडा खरीदने वाले 60वें व्यक्ति थे। वे 12वीं में पढ़ते हैं और अपने गांव में सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरणों का व्यवसाय करते हैं।
गांव में करीब 250 घर, सेब के बगीचों में काम करते हैं लोग
दानिश ने बताया कि गांव में बहुत बड़ी मस्जिद बनाई जानी है। इसके लिए अच्छी-खासी रकम की जरूरत थी। मैं अमीर नहीं हूं, लेकिन मस्जिद बनाने के लिए मैं कुछ करना चाहता था। इसलिए मैंने 70 हजार रुपए देकर अंडा खरीदा।
दानिश ने कहा कि अंडा खरीदने के बाद मेरी मां ने मुझे गले लगाया और कहा कि तुमने अच्छा किया है। हमारे गांव में करीब 250 घर हैं। सभी सेब के बगीचों में कड़ी मेहनत करके घर चलाते हैं, लेकिन गांव के लोग मस्जिद की छत बनवाने के लिए अपनी हैसियत से बढ़कर दान कर रहे हैं।