छत्तीसगढ़ के कांकेर में मंगलवार को हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 29 नक्सलियों को मार गिराया है। इसे छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा नक्सल एनकाउंटर बताया जा रहा है। वहीं कांग्रेस ने इस पर संदेह जताते हुए जांच की मांग की है। पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जो लोग शहीद हुए और कुछ हमारे सुरक्षाकर्मी घायल हुए, उनके प्रति हमारी संवेदनाएं
वहीं पूर्व CM भूपेश बघेल का भी बयान सामने आया है। इसमें वे कह रहे हैं कि जब से भाजपा की सरकार बनी है, प्रदेश में फर्जी मुठभेड़ बढ़ गए हैं। हालांकि सियासी विवाद बढ़ने पर बघेल ने कहा कि, उन्होंने यह बयान एनकाउंटर की घटना से पहले दिया था, मुठभेड़ की जानकारी तो बाद में लगी।
भाजपा ने नाराजगी जताते हुए कांग्रेस नेताओं के बयानों को दुर्भाग्यजनक बताया है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, जिन दो जवानों से मिलकर आया हूं, उन्हें गोली लगी है, क्या वह फर्जी है? जो नक्सली मारे गए, वो वर्दीधारी थे। उनके पास से एसएलआर, एक-47, इंसास 303 जैसी बंदूकें मिली हैं, क्या यह गलत है?
पहले जानिए भूपेश बघेल ने क्या कहा? जिस पर विवाद
दरअसल, भूपेश बघेल चुनाव प्रचार के लिए कवर्धा पहुंचे थे। वहां उन्होंने कहा कि, बीजेपी के शासनकाल में फर्जी एनकाउंटर होता रहा है, गिरफ्तारियां हुई हैं। अभी 4 महीने में फिर से फर्जी एनकाउंटर में वृद्धि हुई है। नक्सली बताकर आदिवासियों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि, पुलिस के द्वारा आदिवासियों को डराया धमकाया जाने लगा है कि तुमको फलां केस में गिरफ्तार कर लेंगे। इस प्रकार की घटनाओं की वृद्धि हो रही है। हालांकि विवाद बढ़ने पर भूपेश बघेल ने इसे एनकाउंटर से पहले दिया बयान बताया।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने विवाद को हवा दी
भूपेश बघेल ने अपने कवर्धा वाले बयान पर सफाई दी, लेकिन उससे पहले ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने बुधवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डाली। बैज ने कहा कि, सरकार दावा कर रही है 29 नक्सली मारे गए। अगर नक्सली ओरिजनल हैं तो बड़ी कामयाबी है। अगर निर्दोष ग्रामीण है तो सरकार पर प्रश्न चिन्ह भी खड़ा होगा।
बैज ने कहा कि, इस मुठभेड़ की सत्यता जनता के सामने आनी चाहिए। मुठभेड़ में मारे गए 29 नक्सली है या निर्दोष ग्रामीण इसमें शामिल हैं। यह सरकार को स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासियों को सरकार लगातार मारने का काम कर रही है। आदिवासियों में भी आक्रोश बढ़ेगा।
पहले भी हुए हैं फर्जी मुठभेड़
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि, भूपेश जो भी बोलते हैं, सोच समझ कर बोलते हैं। अगर कोई जानकारी होगी, तो इससे इनकार नहीं कर सकते। भाजपा की सरकार आने के बाद कई फर्जी मुठभेड़ हुई है। कई आदिवासियों को नक्सली बताकर मार दिया गया है।
पिछले एक महीने कोयलीबेड़ा में हुई मुठभेड़ में आदिवासियों को मार दिया गया था। सरकार का स्टैंड इसमें आज भी क्लियर नहीं है। कांग्रेस ने इसमें प्रश्न चिन्ह लगाया, लेकिन अब तक भाजपा का स्पष्ट बयान नहीं आया है। इस मुठभेड़ को सरकार को स्पष्ट करना चाहिए।
अब जानिए प्रदेश के डिप्टी CM ने क्या कहा
भूपेश बघेल के बयान के बाद गृहमंत्री विजय शर्मा ने रायपुर में कहा कि, भूपेश बघेल कह रहे हैं कि एनकाउंटर फर्जी है। जो नक्सली मारे गए वो वर्दीधारी थे। सारे के सारे 29 के 29 वर्दीधारी नक्सली थे, क्या यह गलत है। उनके पास से हथियार मिले हैं। क्या यह गलत है?
गृहमंत्री ने कहा कि, कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में 250 सड़क बनाने के लिए कभी ध्यान नहीं दिया। 90 से अधिक पुल-पुलिया के लिए कभी ध्यान नहीं दिया। कभी ऑपरेशंस के लिए ध्यान नहीं दिया और जब भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्या होती रही, अन्य लोगों की हत्या होती रही तो घड़ियाली आंसू बहाते रहे।
अब इस तरह की बात कर रहे हैं यह बहुत दुर्भाग्य जनक है। यह बिल्कुल ऐसा नहीं होना चाहिए। झीरम को लेकर भूपेश बघेल कहते रहे कि सबूत मेरे जेब में है तो आज तक जेब में ही रखे हुए हैं क्या? निकालते क्यों नहीं हैं? पढ़ें पूरी खबर…
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छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में 16 अप्रैल को पुलिस और नक्सलियों के बीच करीब साढ़े 5 घंटे तक मुठभेड़ हुई। DRG और BSF के जवानों ने नक्सलियों के ठिकाने में घुसकर उनके 29 सदस्यों का एनकाउंटर कर दिया। मुठभेड़ के वक्त नक्सली दोपहर का खाना खाकर बेफिक्र होकर बैठे थे। यहां पढ़ें पूरी खबर…
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