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मणिपुर में कुकी और मैतेई गुट के बीच फायरिंग:19 अप्रैल के बाद राज्य में पहली बड़ी घटना, किसी के हताहत होने की खबर नहीं

मणिपुर में कुकी और मैतेई गुट के बीच फायरिंग:19 अप्रैल के बाद राज्य में पहली बड़ी घटना, किसी के हताहत होने की खबर नहीं

इंफाल16 मिनट पहलेलेखक: एम मुबासिर राजी
मंगलवार को सेकमाई में कुकी और मैतेई गुट के बीच गोलीबारी का फुटेज। - Dainik Bhaskar
मंगलवार को सेकमाई में कुकी और मैतेई गुट के बीच गोलीबारी का फुटेज।

मणिपुर के लुवांगसनोल सेकमाई में मंगलवार को कुकी और मैतेई गुट के बीच गोलीबारी हुई। 19 अप्रैल को पहले फेज के लोकसभा चुनाव के दौरान इनर मणिपुर लोकसभा सीट पर हुई फायरिंग के बाद ये मणिपुर में फायरिंग की पहली घटना है। फिलहाल किसी की जान जाने की खबर नहीं है। हालांकि, गोलीबारी की वजह से आसपास के गांवों के लोग परेशान नजर आए।

कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (CoTU) ने इसे मैतेई गुट और अरामबाई टैन्गोल का कुकी-जो पर हमला बताते हुए इसकी निंदा की है। CoTU के मीडिया सेल कॉर्डिनेटर लुन किपगेन ने बताया कि अरामबई टैन्गोल और मैतेई उग्रवादियों ने लोकसभा चुनाव के पहले फेज की वोटिंग के दौरान उपद्रव किया था। अब इन गुटों ने अपनी इमेज सुधारने के लिए फाइलेंग-लुवांगसांग्गोल गांव में कुकी-जो पर हमला किया है।

इलाके में हो रही फायरिंग का फुटेज।

14 अप्रैल के हमले में दो कुकी-जो वॉलंटियर्स की जान गई थी
किपगेन ने बताया कि 14 अप्रैल को फाइलेंग मोल में हालिया समय का सबसे बुरा मानवाधिकार उल्लंघन हुआ था। इस दिन मैतेई और अरामबाई टैन्गोल ने जो हमला किया था, उसमें दो कुकी-जो वॉलंटियर्स की जान चली गई थी। किपगेन ने ये भी कहा कि अब तक प्रशासन ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है।

किपगेन ने कहा कि संबंधित प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई न होने की वजह से मैतेई उग्रवादी और अरामबाई टैन्गोल पहले से ज्यादा प्रभावी हो गया है। इसी वजह से फाइलेंग मोल में कुकी-जो समुदाय के दो लोगों की हत्या के एक हफ्ते के बाद ही दूसरा हमला कर दिया गया।

किगपेन ने कहा कि अब बहुत हो गया है। इस इलाके में शांति बनाए रखने के लिए हमें और कितना बलिदान देना होगा? केंद्र सरकार को इस मामले में दखल देना चाहिए और एन बीरेन सिंह को निर्देश देना चाहिए कि वे कुकी-जो समुदाय के लोगों पर हो रहे इन हमलों को रोकें। बिरेन सिंह को देखना चाहिए कि उनकी वजह से उनके अपने समुदाय और कुकी-जो लोगों को कितनी बर्बादी सहनी पड़ी है। उन्हें शांति से इस्तीफा दे देना चाहिए।

कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (CoTU) के मीडिया सेल कॉर्डिनेटर लुन किपगेन (बाएं) ने घटना के बारे में बताया।

चुनाव वाले दिन मणिपुर में पोलिंग बूथ पर गोलीबारी में 3 घायल
लोकसभा चुनाव के फर्स्ट फेज के दौरान 19 अप्रैल को बिष्णुपुर जिले के थमनपोकपी में एक मतदान केंद्र पर गोलीबारी हुई। इसमें 3 लोग घायल हो गए। वहीं, इंफाल ईस्ट के थोंगजू के एक बूथ पर EVM में तोड़फोड़ की खबर सामने आई। हालांकि हमला किसने किया, इसकी जानकारी नहीं है।

राज्य की दो सीटों- इनर मणिपुर और आउटर मणिपुर सीट पर 19 अप्रैल को वोटिंग हुई थी। आउटर सीट के हिंसा प्रभावित इलाकों के कुछ बूथ पर 26 अप्रैल को भी वोटिंग होगी। राज्य में पिछले साल 3 मई से कूकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसा चल रही है।

कुकी संगठनों ने कुछ दिन पहले लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया था। उन्होंने न्याय नहीं तो वोट भी नहीं का नारा लगाया है। राज्य में अब तक हुई हिंसा की घटनाओं में 200 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 65 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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मणिपुर में फिर हिंसा, फायरिंग में 2 लोगों की मौत:दोनों कुकी समुदाय के; लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद पहली घटना

मणिपुर में 11 महीने (पिछले साल मई से) उपद्रव जारी है। 13 अप्रैल को एक बार फिर हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई। पूर्वी इम्फाल और कांगपोकपी जिले के बीच मोइरंगपुरेल इलाके में हथियारबंद दो समूहों के बीच गोलीबारी हुई।

बताया गया है कि जिन लोगों की मौत हुई, वे दोनों कुकी समुदाय से हैं। मरने वालों के नाम कम्मिनलाल लुफेंग (23), कामलेंगसैट लुंकिम (22) दोनों की कांगपोकपी जिले के रहने वाले थे। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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