कन्नौज से अब अखिलेश लड़ेंगे चुनाव:कल दोपहर में नामांकन करेंगे; 2 दिन पहले भतीजे तेज प्रताप को दिया था टिकट
कन्नौज से अब अखिलेश यादव का चुनाव लड़ना तय हो गया है। गुरुवार दोपहर वह नामांकन करेंगे। अखिलेश ने 2 दिन पहले भतीजे तेज प्रताप को इस सीट से टिकट दिया था। तेज प्रताप को लेकर स्थानीय नेताओं में भारी विरोध था। इसे देखते हुए और सीट बचाने के लिए अखिलेश ने खुद मैदान में उतरने का निर्णय लिया है। पार्टी की तरफ से इसका अभी तक अधिकृत ऐलान नहीं किया है।
बुधवार को इटावा पहुंचे अखिलेश ने कन्नौज से चुनाव लड़ने का संकेत भी दे दिया। मीडिया ने उनसे पूछा-कन्नौज से आपके चुनाव लड़ने की चर्चा है। आप लड़ेंगे या तेज प्रताप? अखिलेश ने कहा-जब नॉमिनेशन होगा तो आपको खुद पता लग जाएगा। हो सकता है नॉमिनेशन से पहले ही आपको जानकारी हो जाए। अखिलेश ने इस दौरान भतीजे तेज प्रताप का नाम तक नहीं लिया।
सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने भी मीडिया से बातचीत में अखिलेश के चुनाव लड़ने की पुष्टि की। उन्होंने कहा-कोई कंफ्यूजन नहीं है। गुरुवार को 12 बजे अखिलेश कन्नौज से नामांकन करेंगे। वहीं, पार्टी के एक अन्य सीनियर लीडर ने भी अखिलेश से कन्नौज से चुनाव लड़ने की पुष्टि की।
सपा ने कल 7 सेट में खरीदा था नामांकन पत्र
कन्नौज सीट के लिए मंगलवार को सपा के 4 कार्यकर्ताओं ने 7 सेट में नामांकन पत्र खरीदा था। सूत्रों ने बताया कि इसमें अखिलेश यादव के नाम का भी पर्चा था। आमतौर पर एक प्रत्याशी 4 सेट में ही नामांकन पत्र खरीदता है। ऐसे में वहां से 7 सेट खरीदने के बाद अखिलेश के चुनाव लड़ने की चर्चा शुरू हो गई थी।
मंगलवार देर रात अखिलेश ने लखनऊ में कन्नौज के लोकल नेताओं की एक मीटिंग बुलाई। इसमें तेज प्रताप को लेकर फीडबैक लिया। सामने आया कि तेज प्रताप को लोकल नेताओं का सपोर्ट नहीं मिल रहा है। ऐसे में परिवार की इस सीट पर पेंच फंस सकता है। अखिलेश ने इसके बाद खुद वहां से उतरने का फैसला किया।
1999 में मुलायम ने लड़ा चुनाव, तब से सिर्फ 2019 का चुनाव हारा
कन्नौज सीट सपा का गढ़ रही है। यहां 1999 में मुलायम सिंह से चुनाव लड़ा था। 2019 तक यह सीट सपा के पास ही रही। मुलायम सिंह के बाद अखिलेश ने 2000 का उपचुनाव, 2004 और 2009 लोकसभा चुनाव जीता। 2009 में हुए उपचुनाव में यहां से डिंपल यादव ने चुनाव लड़ा और संसद पहुंचीं। 2014 में भी मोदी लहर में भी डिंपल यादव ने यहां से चुनाव जीता। 2019 में भाजपा के सुब्रत पाठक से डिंपल यादव 12 हजार वोट से हार गईं।
अखिलेश ने बुधवार को इटावा में जनसभा की। पढ़िए…उसमें क्या-क्या कहा?
जिनकी शादी हुई है, वह मंगलसूत्र के महत्व को समझ सकते हैं
वहीं, अखिलेश यादव ने मंगलसूत्र पर कहा- जिनकी शादी हो चुकी है, वह लोग उसके महत्व को समझ सकते हैं। मंगलसूत्र से बड़ी बात नौकरी है। लोगों को नौकरी दे दें, ताकि उनकी भी शादी हो जाए। भाजपा के लोग जनता को गुमराह करके कोर्ट के अधिकार को भी छीनना चाहते हैं। उनके अंदर निराशा है।
अग्निवीर की तरह खाकी की नौकरी भी 3 साल की होने जा रही
विकास, किसान की आय, किसी पर नहीं बोल रहे हैं। आपको एक बात और बताता हूं। अग्निवीर की तरह खाकी की नौकरी भी 3 साल की होने जा रही है। किसी को पता था कि अग्निवीर, किसी को पता था कि नोटबंदी हो जाएगी, इसलिए पुलिसवाले भी समाजवादियों का साथ देने जा रहे हैं।
हर वर्ग के लोगों को BJP ने धोखा दिया
इससे पहले चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा- ED, CBI, इनकम टैक्स ने वसूली की है। वैक्सीन वाली कंपनी से भी चंदा ले लिया है। सभी ने वैक्सीन लगवाई, हमने नहीं लगवाई है। बीमारी भगाने के लिए ताली-थाली बजवा दी। हर वर्ग के लोगों को BJP ने धोखा दिया है।
अखिलेश यादव ने कहा- PDA ने NDA का होश उड़ा दिया है। पहले चरण से गठबंधन का भविष्य दिख रहा है। बीजेपी जल्द इतिहास बनने जा रही है। चुनावी बॉन्ड के नाम पर अवैध वसूली की गई है।
सरकार संविधान बदलना चाहती है
अखिलेश ने कहा- बीजेपी के लोगों ने जो चंदा लिया है, उसे चंदा कहना ही गलत होगा, वो वसूली की है। ये सरकार संविधान बदलना चाहती है, संविधान है तो हमारा मान और सम्मान रहेगा। संविधान हमारी संजीवनी है।
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