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13 राज्यों की 88 सीटों पर वोटिंग कल:2019 में भाजपा 50, कांग्रेस 21 और NDA के सहयोगी दलों ने 8 सीटें जीती थीं

13 राज्यों की 88 सीटों पर वोटिंग कल:2019 में भाजपा 50, कांग्रेस 21 और NDA के सहयोगी दलों ने 8 सीटें जीती थीं

नई दिल्ली56 मिनट पहले
चुनाव आयोग के कर्मचारी EVM और VVPAT लेकर हेलिकॉप्टर से छत्तीसगढ़ के संवेदनशील मतदान केंद्र गरियाबंद जाते हुए।

2024 लोकसभा चुनाव के सेकेंड फेज में शुक्रवार (26 अप्रैल) को 12 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की 88 सीटों पर वोटिंग होगी।

पहले इस फेज में 89 सीटों पर वोटिंग होनी थी, लेकिन मध्य प्रदेश की बैतूल सीट पर बसपा प्रत्याशी के निधन के बाद इस सीट पर अब 7 मई को चुनाव होंगे।

2019 में इन सीटों पर सबसे ज्यादा भाजपा को 50 और NDA के सहयोगी दलों ने 8 सीटें जीती थीं। कांग्रेस के खाते में 21 सीटें गईं थीं। अन्य को 9 सीटें मिली थीं।

चुनाव आयोग के मुताबिक, इलेक्शन के दूसरे फेज में 1,198 कैंडिडेट्स मैदान में हैं। इनमें 1,097 पुरुष और 100 महिला उम्मीदवार हैं। एक प्रत्याशी थर्ड जेंडर है।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) ने 1,192 उम्मीदवारों के हलफनामे में दी गई जानकारी पर एक रिपोर्ट तैयार की। इनमें से 21% यानी 250 उम्मीदवार पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं।

390 यानी 33% उम्मीदवार करोड़पति हैं। इनके पास एक करोड़ या उससे ज्यादा की संपत्ति है। 6 उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति शून्य बताई है, जबकि तीन के पास 500 से 1,000 रुपए की संपत्ति है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हेमा मालिनी जैसे चेहरे

167 कैंडिडेट्स पर हत्या, किडनैपिंग, 21 पर हेट स्पीच का मामला
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, 14 फीसदी यानी 167 ऐसे उम्मीदवार हैं, जिन पर गंभीर मामले दर्ज हैं। गंभीर मामलों में हत्या, किडनैपिंग जैसे अपराध शामिल होते हैं। 3 उम्मीदवारों पर हत्या और 24 पर हत्या की कोशिश के मामले दर्ज हैं। 25 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं। इनमें से एक पर रेप का मामला भी दर्ज है। वहीं, 21 कैंडिडेट्स पर हेट स्पीच से जुड़े मामले दर्ज हैं।

केरल के 3 कैंडिडेट्स पर सबसे ज्यादा क्रिमिनल केस
केरल के भाजपा अध्यक्ष और वायनाड सीट से उम्मीदवार के. सुरेंद्रन पर सबसे ज्यादा 243 आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, राज्य की ही एर्नाकुलम सीट से भाजपा कैंडिडेट डॉ. के.एस. राधाकृष्णन पर 211 आपराधिक मामले दर्ज हैं। तीसरे नंबर पर इडुक्की सीट से कांग्रेस उम्मीदवार डीन कुरियाकोस पर 88 आपराधिक मामले दर्ज हैं।

33 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति
ADR के मुताबिक, सेकेंड फेज में 1,192 उम्मीदवारों में से 390 यानी 33 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। इनके पास एक करोड़ या उससे ज्यादा की संपत्ति है। कैंडिडेट्स के पास औसत संपत्ति 5.17 करोड़ रुपए है। 6 उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति शून्य बताई है, जबकि तीन के पास 300 से 1,000 रुपए की संपत्ति है।

महाराष्ट्र के नांदेड़ से निर्दलीय उम्मीदवार लक्ष्मण नागोराव पाटिल के पास कुल संपत्ति 500 रुपए है। केरल के कासरगोड़ से राजेश्वरी केआर ने 1000 रुपए और महाराष्ट्र के अमरावती से पृथ्वीसम्राट मुकींद्राव दीपवंश ने 1,000 रुपए की कुल संपत्ति घोषित की है।

सेकेंड फेज की 12 हॉट सीटों पर नजर…

1. वायनाड, केरल

केरल की वायनाड सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है। 2019 में राहुल गांधी यहां से पहली बार चुनाव लड़े और जीते। हालांकि, वे अपनी परंपरागत सीट अमेठी से भाजपा की स्मृति ईरानी से हार गए। इस बार राहुल गांधी के खिलाफ I.N.D.I. ब्लॉक की एक और पार्टी CPI (M) ने महिला प्रत्याशी ऐनी राजा को उतारा है। वहीं भाजपा ने केरल के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन को टिकट दिया है।

ऐनी राजा CPI महासचिव डी राजा की पत्नी हैं। एनी राजा राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने के फैसले को वामपंथी पार्टियों को कमजोर करने की साजिश करार देती हैं। वहीं सुरेंद्रन सबरीमाला आंदोलन का प्रमुख चेहरा थे। उस दौरान उन्हें 21 दिन तक जेल में भी रहना पड़ा था। सुरेंद्रन पर 243 मामले दर्ज हैं।

2. तिरुवनंतपुरम, केरल

तिरुवनंतपुरम सीट पर तीन बार से कांग्रेस सांसद शशि थरूर के सामने भाजपा ने केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को टिकट दिया है। राजीव 2006 से राज्यसभा के सदस्य हैं। 2018 में उन्हें तीसरी बार राज्यसभा के लिए चुना गया और 2021 में केंद्रीय मंत्री बनाया गया। उनका पैतृक घर त्रिशूर जिले में है, हालांकि उनका जन्म अहमदाबाद में हुआ था।

शशि थरूर ने करीब 29 साल तक UN में काम कर चुके हैं। भारत सरकार ने शशि का नाम UN महासचिव पद के लिए रखा था। चुनाव में वे दूसरे स्थान पर रहे। इसके बाद उन्होंने UN से इस्तीफा दे दिया और 2009 में राजनीति में आ गए। वे मनमोहन सिंह सरकार में विदेश राज्य मंत्री और मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री रहे हैं।

3. कोटा, राजस्थान

कोटा से भाजपा के उम्मीदवार 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला हैं। वे पिछले दो बार से जीत रहे हैं। इससे पहले कोटा दक्षिण से तीन बार विधायक भी रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने दो बार भाजपा विधायक रहे प्रह्लाद गुंजल को उतारा है। वे 21 मार्च को ही भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। वसुंधरा राजे के करीबी गुंजल कोटा-बूंदी, भीलवाड़ा, टोंक-सवाई माधोपुर से टिकट मांग रहे थे। टिकट न मिलने पर वे कांग्रेस में आ गए।

4. जोधपुर, राजस्थान

भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह चुनाव मैदान में हैं। वे पिछले दो बार से जीतते आ रहे हैं। यहां की आठ विधानसभा सीटों में से सात पर भाजपा का कब्जा है। जोधपुर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह नगर है। वे यहां से पांच बार सांसद रहे हैं, लेकिन 2019 के चुनाव में उनके बेटे वैभव यहां से हार गए थे। कांग्रेस ने इस सीट पर करण सिंह उचियारड़ा को उतारा है। वे राज राजेश्वरी आशापूर्णा मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। वे जोधपुर बिल्डर्स एंड डेवलपर्स एसोसिशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

5. बाड़मेर, राजस्थान

बाड़मेर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी मैदान में हैं। वे 2019 में यहां से पहली बार संसद पहुंचे थे। वहीं, कांग्रेस ने उम्मेद राम बेनीवाल को टिकट दिया है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) प्रमुख हनुमान बेनीवाल के करीबी रहे उम्मेद राम बेनीवाल करीब 1 महीने पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए हैं। तीसरी ओर रविंद्र सिंह भाटी भी निर्दलीय ताल ठोंक रहे हैं।

6. मेरठ, उत्तर प्रदेश

भाजपा ने मेरठ सीट से अरुण गोविल को मैदान में उतारा है। ‘रामायण’ सीरियल में भगवान राम की भूमिका निभाने वाले अरुण को तीन बार से सांसद राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काट कर प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं, सपा की ओर से सुनीता वर्मा को मैदान में उतारा गया है। वे पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी हैं। दो बार टिकट बदलने के बाद सपा ने इन्हें फाइनल किया। इनमें से एक सरधना से विधायक अतुल प्रधान नामांकन तक दाखिल कर चुके थे। नामांकन के आखिरी दिन टिकट बदलकर सुनीता को दिया गया।

7. मथुरा, उत्तर प्रदेश

मथुरा से दो बार की सांसद और प्रसिद्ध अभिनेत्री हेमा मालिनी को भाजपा ने तीसरी बार टिकट दिया है। स्थानीय संगठन और जनता की नाराजगी के बावजूद पार्टी ने यह कदम उठाया है। वहीं, बसपा ने कमलकांत उपमन्यु का टिकट बदलकर सुरेश सिंह को टिकट दिया है। सुरेश जांच एजेंसी ED के डिप्टी डायरेक्टर रह चुके हैं और कुछ दिन CBI में भी तैनात रहे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में काफी मजबूत पकड़ रही है। विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष रहे सुरेश 2014 से ही भाजपा का टिकट मांग रहे थे। 2014 के चुनाव में उनकी टिकट कट गई थी।

8. राजनांदगांव, छत्तीसगढ़

इस सीट पर 1999 से ही भाजपा का कब्जा है। सिर्फ 2007 में उपचुनाव के बाद कांग्रेस के देवव्रत सिंह 2 साल सांसद रहे। कांग्रेस ने इस बार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को यहां से उतारा है। यूथ कांग्रेस से राजनीति शुरू करने वाले भूपेश पाटन से पांच बार के विधायक हैं। वे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।

वहीं, भाजपा ने वर्तमान सांसद संतोष पांडे को दोबारा टिकट दिया हैे। 2019 में इन्हें पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे और तत्कालीन सांसद अभिषेक सिंह का टिकट काटकर मौका दिया गया था।

9. टीकमगढ़, मध्य प्रदेश

भाजपा ने टीकमगढ़ से केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक को उतारा है। वे छह बार सांसद रह चुके हैं। 2009 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई सीट पर खटीक लगातार जीतते आ रहे हैं। यह सीट बुंदेलखंड में आती है और पूरे टीकमगढ़, निमाड़ जिले समेत छतरपुर का भी कुछ हिस्सा आता है।

कांग्रेस ने यहां से पंकज अहिरवार को उतारा है। वे एससी मोर्चा के उपाध्यक्ष हैं। 2023 विधानसभा चुनाव में उन्होंने जतारा से टिकट मांगा था लेकिन कांग्रेस ने किरण अहिरवार पर भरोसा जताया था। इसके चलते नाराज चल रहे पंकज को पार्टी ने बड़ा मौका दिया है।

10. पूर्णिया, बिहार

बिहार की इस सीट पर कांग्रेस में अपनी पार्टी विलय कर चुके राजेश रंजन यानी पप्पू यादव निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। कारण यह है कि ये सीट गठबंधन के तहत लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के खाते में चली गई। दूसरी तरफ RJD ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) छोड़कर आईं बीमा भारती को मैदान में उतारा है। वहीं, NDA खेमे से JDU ने दो बार से जीत रहे सांसद संतोष कुमार कुशवाहा फिर से टिकट दिया है।

11. मांड्या, कर्नाटक

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