:मोदी-राहुल के चुनावी भाषणों पर नोटिस; खड़गे ने फिर मोदी से समय मांगा; SC बोला- स्त्रीधन पर पति का अधिकार नहीं
नमस्कार,
कल की बड़ी खबर चुनाव आयोग की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी को जारी किए गए नोटिस की रही। एक खबर सुप्रीम कोर्ट की रही, जिसमें स्त्रीधन (विवाह के समय मिले गहने और अन्य सामान) के अधिकार पर फैसला सुनाया गया।
लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर…
- PM मोदी पं. बंगाल के मालदा उत्तर में जनसभा करेंगे। फिर बिहार के अररिया और मुंगेर जाएंगे। इसके बाद UP के बरेली में रोड शो करेंगे।
- लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 13 राज्यों की 88 सीटों पर वोटिंग होगी।
- कोलकाता और पंजाब के बीच IPL मुकाबला। यह मैच कोलकाता में खेला जाएगा।
अब कल की बड़ी खबरें…
1. PM मोदी-राहुल के चुनावी भाषणों पर EC का नोटिस, BJP-कांग्रेस के अध्यक्षों से जवाब मांगा
चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है। आयोग ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से 29 अप्रैल सुबह 11 बजे तक जवाब मांगा है।
पार्टी अध्यक्ष से जवाब क्यों मांगा: यह पहली बार है जब चुनाव आयोग ने स्टार प्रचारक की जगह पार्टी अध्यक्षों को नोटिस जारी किया है। PM मोदी भाजपा और राहुल गांधी कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं। इस लिहाज से इनके भाषणों के लिए EC ने पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार माना है।
किस आधार पर नोटिस दिया: मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में 21 अप्रैल को कहा था कि कांग्रेस आपकी संपत्ति ज्यादा बच्चे वालों में बांट देगी। कांग्रेस ने इस बयान को विभाजनकारी, दुर्भावना से भरा और समुदाय विशेष को टारगेट करने वाला बताया। वहीं राहुल ने 18 अप्रैल को केरल के कोट्टयम में कहा था कि देश में गरीबी बढ़ गई है, जिसे भाजपा ने झूठा दावा बताया।
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2. मोदी बोले- इंदिरा की प्रॉपर्टी बचाने के लिए राजीव ने कानून बदला, राहुल फिर लाना चाहते हैं
PM मोदी ने UP, MP और राजस्थान में जनसभाएं की। उन्होंने MP के मुरैना में कहा, ‘कांग्रेस सरकार में आई तो विरासत टैक्स लगाएगी। जब इंदिराजी नहीं रहीं तो उनके बेटे राजीव को ये प्रॉपर्टी मिलनी थी, लेकिन प्रॉपर्टी को बचाने के लिए उस समय के PM राजीव गांधी ने इनहेरिटेंस कानून को समाप्त किया। अब कांग्रेस सत्ता पाने के लिए वही कानून ज्यादा कड़ाई से वापस लाना चाहती है।’
क्या भारत में विरासत टैक्स था: केंद्र सरकार ने 1953 में एस्टेट ड्यूटी ‘डेथ टैक्स’ एक्ट पास किया था। इसके मुताबिक, संपत्ति के मालिक के निधन के बाद किसी व्यक्ति को दी गई संपत्ति पर टैक्स लगाया जाता था। इनमें कृषि की जमीन समेत चल और अचल संपत्तियां भी शामिल थीं। यह कानून तभी लागू होता था, जब संपत्ति के मालिक की वयस्क उम्र (18+) में मृत्यु हो जाती थी।
एस्टेट ड्यूटी विरासत में मिली उन संपत्तियों पर लागू होता था, जिसका मूल्य तय सीमा से अधिक था। एक लाख रुपए की संपत्ति पर 7.5% और 20 लाख रुपए से ऊपर की संपत्तियों पर 85% तक टैक्स लगता था। संपत्ति की कीमत मार्केट वैल्यू के हिसाब से आंकी जाती थी। इस कानून को 1985 में राजीव गांधी सरकार ने खत्म कर दिया। भाजपा 2014 में विरासत कर को फिर से लागू करने पर विचार कर रही थी, लेकिन तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे खारिज कर दिया था।
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3. खड़गे ने मोदी से मिलने का वक्त मांगा, कहा- आपको कांग्रेस मैनिफेस्टो समझाना चाहता हूं
खड़गे ने 4 दिन में दूसरी बार PM मोदी से मिलने का वक्त मांगा। उन्होंने PM को चिट्ठी लिखी। इसमें कहा कि वे PM को कांग्रेस का न्याय पत्र (मैनिफेस्टो) समझाना चाहते हैं, ताकि वे प्रधानमंत्री के तौर पर गलत बयान न दें। खड़गे ने चिट्ठी में कहा- आपके सलाहकार आपको उन चीजों के बारे में गलत जानकारी दे रहे हैं, जो हमारे न्याय पत्र में हैं भी नहीं। इसलिए मुझे आपसे व्यक्तिगत तौर पर मिलकर मैनिफेस्टो समझाने में खुशी मिलेगी।
मेनिफेस्टो में विरासत टैक्स का जिक्र नहीं: कांग्रेस ने विरासत टैक्स को लेकर PM मोदी के बयान पर स्पष्टीकरण दिया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘हमारे मैनिफेस्टो में कहीं भी विरासत टैक्स का जिक्र नहीं है। अरुण जेटली और जयंत सिन्हा जैसे भाजपा नेताओं ने विरासत टैक्स के पक्ष में वकालत की है। वास्तव में यह हमारा नहीं, भाजपा का एजेंडा है।’
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4. SC बोला- स्त्रीधन पर पति का अधिकार नहीं, महिला को इसे अपनी मर्जी से खर्च करने का हक
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्त्रीधन (विवाह के समय मिले गहने और अन्य सामान) महिला की पूर्ण संपत्ति है, उसे अपनी मर्जी से खर्च करने का पूरा अधिकार है। अदालत ने कहा- पत्नी के स्त्रीधन पर पति का कंट्रोल नहीं हो सकता। पति मुसीबत के समय स्त्रीधन का इस्तेमाल तो कर सकता है, लेकिन बाद में उसे लौटाना उसका नैतिक दायित्व है।
किस मामले में फैसला दिया: केरल की महिला ने दावा किया कि शादी के समय उसके परिवार ने उसे सोने के सिक्के उपहार में दिए थे। विवाह के बाद पिता ने उसके पति को 2 लाख रुपए का चेक भी दिया। महिला के मुताबिक, शादी की पहली रात पति ने उसके सारे गहने अपने कब्जे में ले लिए। कहा कि इसे सुरक्षित रखेंगे, लेकिन बाद में उसने अपनी मां को सौंप दिया। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि महिला का पति उसके खोए हुए गोल्ड के बदले में 25 लाख रुपए का भुगतान करे।
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5. भारत ने अमेरिकी रिपोर्ट को नकारा, इसमें मानवाधिकारों के उल्लंघन, CAA का जिक्र था
भारत ने मानवाधिकारों के उल्लंघन पर जारी की गई अमेरिकी रिपोर्ट को नकार दिया है। अमेरिका ने इस रिपोर्ट में मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए वहां मानवाधिकारों का हनन होने का दावा किया था। रिपोर्ट में अतीक अहमद की हत्या और CAA का भी जिक्र है। भारत ने 80 पन्नों की इस रिपोर्ट को गलत और भेदभावपूर्ण बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा- रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत को लेकर अमेरिका की समझ ठीक नहीं है।
रिपोर्ट में क्या कहा गया: इसमें दावा किया गया कि मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों में फैली जातीय हिंसा में मानवाधिकारों का हनन हुआ है, भारत में तानाशाही बढ़ी है। BJP सरकार मुसलमानों के साथ भेदभाव कर रही है। भारत में अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों में भी इजाफा हुआ है। लोगों को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने नहीं दिया जा रहा है।