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सलमान खुर्शीद की भतीजी मुसलमानों से बोलीं- वोट जिहाद करो:फर्रुखाबाद में कहा-अगर हम एक नहीं हुए तो नामोनिशान खत्म हो जाएगा

सलमान खुर्शीद की भतीजी मुसलमानों से बोलीं- वोट जिहाद करो:फर्रुखाबाद में कहा-अगर हम एक नहीं हुए तो नामोनिशान खत्म हो जाएगा

फर्रुखाबाद2 मिनट पहले
मारिया ने मंगलवार को फर्रुखाबाद में एक कार्यक्रम में मुसलमानों से वोट जिहाद की अपील की।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की भतीजी मारिया आलम खां ने मुसलमानों से वोट जिहाद की अपील की है। फर्रुखाबाद में मारिया ने एक जनसभा में कहा-अल्पसंख्यक समुदाय के सामने मौजूदा हालात में वोट जिहाद जरूरी है। अगर हम अभी एक नहीं हुए तो समझ लेना यहां से नामो निशान खत्म हो जाएगा। संघी सरकार हमें मिटाने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने आगे कहा-मुझे बहुत शर्म आती है, जब मैंने यह सुना कि कुछ मुसलमानों ने यहां भाजपा सांसद मुकेश राजपूत की मीटिंग कराई। मुझे लगता है समाज को उनका हुक्का-पानी बंद कर देना चाहिए।

मारिया पूर्व विधायक इजहार आलम खां की बेटी हैं। आलम खां सलमान खुर्शीद के चचेरे भाई हैं। मारिया दिल्ली में रहती हैं। सलमान खुर्शीद के साथ ही मीटिंग-रैलियों में जाती हैं। वह फर्रुखाबाद में सपा की जिला उपाध्यक्ष हैं।

मंगलवार को मारिया सलमान खुर्शीद के साथ फर्रुखाबाद से सपा प्रत्याशी डॉ. नवल किशोर शाक्य के समर्थन में एक जनसभा में शामिल हुई। भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद मुकेश राजपूत को टिकट दिया है।

मारिया आलम बोलीं- हमें मिटाने के लिए यह संघी सरकार कोशिश कर रही है।

मारिया ने कहा- हम सिर्फ वोटों का जिहाद कर सकते हैं
मारिया ने कहा-इंसान को हैसियत और औकात सबसे पहले समझनी चाहिए। अब हम जिताने के रह गए और हराने के रह गए। अभी एक नहीं हुए तो यह समझ लेना यहां से नामो निशान खत्म हो जाएगा। संघी सरकार को तुम कामयाब करने का काम करोगे। उसके मंसूबों को कामयाब करने का काम करोगे। इसलिए बहुत अकलमंदी के साथ बिना भावुक हुए खामोशी के साथ एक साथ होकर वोटों का जिहाद करो। क्योंकि हम सिर्फ वोटों का जिहाद कर सकते हैं। इस संघी सरकार को भगाने का काम कर सकते हैं।

मारिया बोलीं-इस बार बहुत होश से वोट दो, हम आपके लिए संघर्ष कर रहे हैं
मारिया ने कहा-आज कितने लोग CAA और NRC में जेलों में बंद हैं। सलमान खुर्शीद साहब उनके केस फ्री में लड़ रहे हैं। हम आपके लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन अगर आप साथ नहीं दोगे तो हम कुछ नहीं कर सकते हैं।

लोग कह रहे हैं कि संविधान खतरे में है। लोकतंत्र खतरे में है। लेकिन सच ये है कि आज इंसानियत खतरे में है। अब इंसानियत पर हमले हो रहे हैं। अगर आप लोग अपने मुल्क को बचाना चाहते हो, अपने मुल्क की खूबसूरती को बचाना चाहते हो, गंगा-जमुनी तहजीब को बचाना चाहते हो तो इस बार बहुत होश से वोट दो। किसी के बहकावे में मत आओ। क्योंकि हमारी अकलमंदी ही हमारे मुल्क को बचा पाएगी।

सलमान खुर्शीद भी जनसभा में पहुंचे थे।

मारिया ने रैली में एक शायरी सुनाई….
जलने वालों ने हमारे मुंह के निवाले देखें हैं। कौन है जिसने मेरे पैरों के छाले देखे।
एक समय में अंधेरों से लड़ा हूं तन्हा, तब कहीं जाकर जमाने ने यह उजाले देखें।

मारिया ने कहा कि अगर आज की बात की जाए तो आज यह कुर्बानी जरूरी है। हमें भी बुरा लगता है। हमें भी तकलीफ होती है। लेकिन हम उस जगह पहुंच चुके हैं जहां न हम अकेले जीत सकते हैं और न अकेले हार सकते हैं।

दिल्ली में रहती हैं मारिया आलम
मारिया आलम के पिता पूर्व विधायक स्वर्गीय इजहार आलम खां सपा के कद्दावर नेताओं में शुमार थे। साल 2022 में उनका निधन हो गया था। साल 1991 के मध्यावधि चुनाव में जनता दल के टिकट पर इन्होंने चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए। बाद में ये सपा में शामिल हो गए थे। मारिया तीन बहनें हैं। सबसे बड़ी बहन अंदलीब हाउस वाइफ हैं। तीसरी बेटी हुमरा आलम खां हैं जो एक निजी टीवी चैनल में न्यूज एंकर हैं।

भाजपा बोली-कांग्रेस-सपा बौखला गई है
मारिया के बयान पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा- सलमान खुर्शीद के परिजन आज वोट जिहाद की बात कर रहे हैं। मुसलमानों के हुक्का पानी बंद करने की बात कर रहे हैं, जो बीजेपी के पक्ष में जाएंगे। यह पूरी तरह से ध्रुवीकरण है। आज सपा और कांग्रेस बौखला गई है। आज सभी समाज और सभी वर्गों के लोग पीएम मोदी के साथ खड़े हैं।

क्या है वोट जिहाद, इसका जिक्र क्यों?
सीनियर जर्नलिस्ट हसीब सिद्दीकी ने कहा कि जिहाद का मतलब धर्म और सच्चाई के लिए लड़ना होता है। राजनीतिक और आतंकी गतिविधियों में जिहाद शब्द का इस्तेमाल बिल्कुल गलत है। यह बिल्कुल उसी तरह जैसे आपने यूपी में लव जिहाद, उत्तराखंड में लैंड जिहाद जैसे शब्द सुने हैं। इनके कोई मायने नहीं होते हैं। यह सिर्फ लोगों को उकसाने के लिए हल्की बयानबाजी है।

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