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डीपफेक वीडियो सर्कुलेशन केस:दिल्ली HC बोला- चुनाव के दौरान हम कोई निर्देश नहीं दे सकते, इसे आयोग पर छोड़ते हैं

लोकसभा चुनाव के दौरान नेताओं के डीपफेक वीडियो के सर्कुलेशन के खिलाफ याचिका पर 2 मई को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन सिंह ने कहा कि चुनाव के बीच में कोर्ट कोई निर्देश नहीं दे सकता। इसलिए हम इसे चुनाव आयोग पर छोड़ते हैं। हमें उन पर भरोसा है।

हाईकोर्ट वकीलों के एक संगठन की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इसमें इलेक्शन कमीशन को निर्देश दिए जाने की मांग की गई थी कि वह चुनाव के दौरान फेक वीडियो के सर्कुलेशन पर रोक लगाए।

यह याचिका गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो को लेकर दिल्ली पुलिस में FIR दर्ज होने और तेलंगाना के मुख्यमंत्री समेत कई लोगों को पूछताछ के लिए समन देने के बाद लगाई गई थी।

कोर्ट ने संगठन से कहा कि चुनाव आयोग में जाएं और अपना पक्ष रखें। आयोग 6 मई तक इस पर निर्णय लेगा और उचित कदम उठाएगा।

आयोग बोला- फेक वीडियो हटा दिए गए, FIR भी दर्ज
सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि अमित शाह, राहुल गांधी, आमिर खान और रणवीर सिंह के वीडियो हटा दिए गए हैं और FIR भी दर्ज की गई हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि जिन अकाउंट्स से बार-बार फर्जी वीडियो पोस्ट हो रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए और उनके नाम भी सार्वजनिक किए जाने चाहिए।

अमित शाह ने 30 अप्रैल को असम के गुवाहाटी में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फेक और ओरिजिनल वीडियो प्ले किए।

याचिकाकर्ता ने कहा था- सोशल मीडिया 48 घंटे में फेक वीडियो पर एक्शन लेता है
एडवोकेट जयंत मेहता ने कहा था कि हम इस मामले में जल्दी सुनवाई की अपील इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि आम चुनाव चल रहे हैं और बड़ी संख्या में डीपफेक वीडियो सर्कुलेट हो रहे हैं। इस मामले में हमने इलेक्शन कमीशन को भी प्रतिनिधि बनाया है।

एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की बेंच ने कहा कि अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के पास शिकायत का निवारण करने वाले अधिकारी हैं, क्या याचिकाकर्ताओं ने उनसे बात की है?

इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि वे जो कर सकते थे उन्होंने किया। ऐसे मामलों में रिस्पॉन्स 24 से 48 घंटों में मिलता है। जब तक एक्शन लिया जाता है और ऐसे वीडियो को प्लेटफॉर्म से हटाया जाता है, तब तक नुकसान हो जाता है। इसके बाद बेंच सुनवाई को तैयार हो गया था।

सोशल मीडिया पर फेक वीडियो के दो मामले

1. गृहमंत्री का फेक वीडियो कई अकाउंट्स ने शेयर किया: 27 अप्रैल को सोशल मीडिया पर अमित शाह का एक फेक वीडियो वायरल हुआ। इसे तेलंगाना कांग्रेस और CM रेवंत रेड्डी ने शेयर किया था। इसमें वे SC-ST और OBC के आरक्षण को खत्म करने की बात करते दिख रहे हैं।

PTI की फैक्ट चैक यूनिट ने कहा कि मूल वीडियो में अमित शाह ने तेलंगाना में मुसलमानों के लिए असंवैधानिक आरक्षण हटाने की बात कही थी। इस मामले को लेकर 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को समन जारी किया।

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