दिल्ली में कांग्रेस नेता ओमप्रकाश बिधूड़ी ने गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़ने के कई कारण हैं। उनमें सबसे बड़ा कारण दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) का गठबंधन है। कांग्रेस के हजारों वर्कर्स इस गठबंधन से खुश नहीं है।
बिधूड़ी ने कहा, “आम आदमी पार्टी कांग्रेस और उनके नेताओं को भ्रष्टाचारी और चोर कहकर सत्ता में आई है। AAP के साथ गठबंधन कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं के खिलाफ है। बिधूड़ी ने कहा कि फिलहाल उनकी किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होने की कोई योजना नहीं है।
ओमप्रकाश बिधूड़ी करीब 30 सालों से कांग्रेस में रहे हैं। वे साल 2013 में तुगलकाबाद विधानसभा सीट से विधायक का चुनाव लड़ चुके हैं। वह प्रदेश कांग्रेस में महासचिव के पद पर भी रह चुके हैं।
AAP से गठबंधन को लेकर दो दिन में 3 नेताओं का इस्तीफा
बिधूड़ी पिछले दो दिन में AAP से गठबंधन पर नाराज होकर कांग्रेस छोड़ने वाले तीसरे नेता हैं। उनसे पहले (बुधवार) 1 मई को पूर्व विधायक नीरज बसोया और नसीब सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने भी 28 मई को अपने पद से इस्तीफा दिया था। लवली ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्ठी लिखी थी। 4 पेज की चिट्ठी में उन्होंने लिखा- दिल्ली कांग्रेस उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ है, जो पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के आधार पर बनी थी।
दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में से 4 पर AAP, 3 पर कांग्रेस लड़ रही
दिल्ली में लोकसभा की 7 सीटें हैं। गठबंधन के तहत AAP इनमें से 4 और कांग्रेस 3 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस ने चांदनी चौक से जेपी अग्रवाल, उत्तर-पूर्वी दिल्ली से कन्हैया कुमार और उत्तर-पश्चिम दिल्ली से उदित राज को मैदान में उतारा है। दिल्ली में 25 मई को छठे फेज में वोटिंग होगी।
2019 में भाजपा ने सातों सीटें जीती थीं
2019 लोकसभा चुनाव में दिल्ली में भाजपा ने सातों सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा के सभी उम्मीदवारों को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस दूसरे नंबर पर और सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी तीसरे स्थान पर खिसक गई थी।
त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा प्रत्येक सीट पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से बड़े वोटों के अंतर से आगे रही थी। भाजपा को 56 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस को 22.5 प्रतिशत और AAP को 18.1 प्रतिशत वोट मिले थे। 2014 में बीजेपी को 46.4 फीसदी वोट मिले थे।