सूचना के अधिकार (RTI) के तहत दायर आवेदन से खुलासा हुआ है कि मोदी सरकार के बीते 10 साल में रोज 7.41 किमी रेलवे ट्रैक बना। इसमें नई लाइन निर्माण के साथ-साथ मौजूदा लाइनों का दोहरीकरण, तिहरीकरण और गेज परिवर्तन भी शामिल हैं। RTI के तहत ये आवेदन मध्य प्रदेश के चंद्रशेखर गौर ने लगाया था।
वहीं, 2 फरवरी 2024 को रेल भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि 2014 में रोज महज 4 किमी रेलवे ट्रैक बनता था, अब 15 किमी बन रहा है।
रेलवे ने बताया- 10 साल में 27 हजार किमी रेलवे ट्रैक बना
रेल मंत्रालय द्वारा दिए डेटा के मुताबिक, 2014-15 से 2023-24 के बीच कुल 27057.7 किमी रेलवे ट्रैक बना। इसमें नई लाइन का निर्माण, ट्रैक का दोहरीकरण और तिहरीकरण के साथ मीटर गेज का ब्रॉड गेज में बदलना भी शामिल है।
चंद्रशेखर गौर के मुताबिक, जब मैंने इसे कैलकुलेट किया तो 10 साल में रेलवे ने औसतन रोज 7.41 किमी ट्रैक बिछाया।
10 साल में 4838.47 किमी नई रेलवे लाइन डली, एक दिन में 1.32 किमी बिछाई गई
अफसरों का कहना है कि साल 2022-23 रेलवे के लिहाज से अभूतपूर्व रहा। इस दौरान रेलवे के इतिहास में सबसे ज्यादा किमी के ट्रैक्स बने। एक अफसर का कहना है कि अश्विनी वैष्णव ने जुलाई 2021 में रेल मंत्री का कार्यभार संभाला था। रेलवे ने ऐतिहासिक 3901 किमी पटरियां बिछाईं यानी रोज करीब 10.68 किमी रेलवे ट्रैक बना।
वहीं, गौर का कहना है कि रेलवे के काम में तरक्की हुई है, इसके बावजूद विभाग मोमेंटम बनाए रखने में नाकाम रहा। 2022-23 में जहां 3901 किमी ट्रैक बिछाया गया, जबकि 2023-24 में 2966 किमी यानी रोज 8.12 किमी ट्रैक बना।
गौर के मुताबिक, बीते 10 साल में नई रेलवे लाइन का काम धीमा रहा। 10 साल में 4838.47 किमी नई रेलवे लाइन डाली गईं। इस लिहाज से एक दिन औसत 1.32 किमी रेलवे ट्रैक बिछाया गया।