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ओवैसी बोले- INDIA ब्लॉक वाले मुसलमानों को टिकट नहीं देते:कांग्रेस की रैली में मुस्लिम लीडर नहीं दिखते, हमारा काम सिर्फ जिंदाबाद

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ओवैसी बोले- INDIA ब्लॉक वाले मुसलमानों को टिकट नहीं देते:कांग्रेस की रैली में मुस्लिम लीडर नहीं दिखते, हमारा काम सिर्फ जिंदाबाद बोलना

हैदराबाद1 घंटे पहले

‘मैं मुल्क को देखकर खामोश हूं। अगर दिमाग फिर गया तो फिर पूरा फिर जाएगा। कब तक आप ये जुबान इस्तेमाल करेंगे। वे MP साहिबा, महाराष्ट्र से आकर, छोटे-छोटे कर रही हैं। अरे छोटे को रोककर रखा हूं। जिस दिन मैं छोटे को बोला, मैं आराम करता हूं, तुम संभाल लो, तो तुम संभालो फिर। छोटा क्या है, तुम्हें नहीं पता।’

ये बात कहने वाले असदुद्दीन ओवैसी हैं। जिन मोहतरमा से कह रहे हैं, वे अमरावती से BJP कैंडिडेट नवनीत राणा हैं। और छोटे, यानी असदुद्दीन के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी। असदुद्दीन ओवैसी नवनीत राणा के बयान पर भड़के हुए हैं। उन्होंने कह दिया था कि 15 सेकेंड दे दो, पता नहीं चलेगा, दोनों ओवैसी भाई कहां से आए और कहां गए।

ओवैसी की पार्टी AIMIM ने तेलंगाना के अलावा महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात में भी कैंडिडेट उतारे हैं। हैदराबाद में तो कोई भी चुनाव हो, ओवैसी परिवार के बिना पूरा नहीं होता। वे BJP नेताओं के निशाने पर रहते हैं। BJP और RSS को निशाने पर रखते हैं। कहते हैं, हर दाढ़ी वाला, जो टोपी पहनता है, BJP को खतरा लगता है।

हैदराबाद सीट 40 साल से ओवैसी परिवार के पास है। यहां आज, यानी 13 मई को चुनाव हैं। इस दौरान दैनिक भास्कर ने असदुद्दीन ओवैसी से बात की। पढ़िए और देखिए ओवैसी क्या बोले…

इलेक्शन में मुसलमानों की भागीदारी पर
महाराष्ट्र में 48 सीट हैं। खुद को सेक्युलर बोलने वाले अलायंस ने एक भी मुसलमान को टिकट नहीं दिया है। INDIA ब्लॉक ने महाराष्ट्र में टिकट नहीं दिया, मध्यप्रदेश में नहीं, राजस्थान में नहीं, छत्तीसगढ़ में नहीं, दिल्ली में नहीं, मणिपुर, नगालैंड में नहीं, ऐसे कई स्टेट हैं, जहां एक मुसलमान को टिकट नहीं दिया। इससे आप क्या मैसेज देना चाहते हो।

एक बात तो इस इलेक्शन से साबित हो गई कि भविष्य में भी लोकसभा चुनाव में मुसलमान को टिकट नहीं देंगे। हमारा काम सिर्फ वोट देना है, बाजा बजाना है, जिंदाबाद बोलना है, घर में बैठना है। आप टिकट देंगे, तब एम्पावरमेंट की बात करेंगे न।

आप देखेंगे कि कांग्रेस की रैली में भी कोई मुस्लिम लीडर नजर नहीं आता। ये हाल करके रख दिया है। इतना डर रहे हैं BJP से कि वोट चाहिए, लेकिन आप सामने मत आइए। खामोशी से कीजिए।

प्रचार में अडाणी-अंबानी का नाम आने पर
हैदराबाद में 80% इलेक्टोरल बॉन्ड बनाए गए। BJP को 7 हजार करोड़ मिले, कांग्रेस को करीब 1300 करोड़ मिले, BRS को 1200 करोड़, TMC को 1300 करोड़ रुपए। सबको मिले, पर हैदराबाद के जेम्स बॉन्ड को एक भी इलेक्टोरल बॉन्ड नहीं मिला। फिर भी आप हमें B टीम बोलते हैं।

BJP कैंडिडेट माधवी लता पर
हम उन्हें 4 महीने से फॉलो कर रहे हैं। इनका ताल्लुक इंदरीश कुमार से है। RSS का एक ऑर्गेनाइजेशन है फैंस इंडिया। इनका ताल्लुक उसी से है। वे BJP के नहीं हैं। इंदरीश कुमार के फैंस इंडिया में हैदराबाद के रिटायर्ड DGP दिनेश कुमार भी हैं। बहुत बड़े-बड़े लोग हैं उसमें।

INDIA ब्लॉक के साथ आने पर
हम कभी साथ आए ही नहीं। उन्होंने मुझे साथ लेने की कोशिश नहीं की, तो हम क्या करें। वे बिल्कुल ओल्ड स्कूल बॉयज नेटवर्क जैसे हैं।

बिहार के पॉलिटिकल सिनैरियो पर
बिहार में NDA की बहुत कम लीड रहने वाली है। यहां नीतीश कुमार को 17, पासवान को 5, मांझी और कुशवाह को 1-1 सीट मिली हैं। कुल मिलाकर 23-24 सीट ही मिल रही हैं। ये नहीं पता कैसे मिलेंगी। अब दीवार अपनी चमक खो चुकी है। अगर वो रिवर्स स्विंग कर जाए, तो अलग बात है।

यूनिफॉर्म सिविल कोड पर
उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है, मुझे नहीं पता कि आपमें से कितने लोगों ने इसे पढ़ा है। उसमें लिखा है कि मुस्लिम निकाह सेरेमनी के तहत शादी नहीं कर सकते, जो शादी के लिए बेसिक जरूरत है।

वे कहते हैं कि आप जाकर स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी करो। हम स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी क्यों करें, जबकि ये गैर धार्मिक है। मैं तो इनमें से दोनों ही काम नहीं कर सकता। उत्तराखंड में पास हुए कानून में लिखा है कि अगर आप इसका पालन नहीं करेंगे, तो आपके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।

आप हिंदू रिवाजों को प्रोटेक्ट कर रहे हैं, जो भी कानून हैं, उन्हें प्रोटेक्ट कर रहे हैं। हमारे धर्म की बात आती है, तो हमारी शादी या तलाक के तौर-तरीकों को लेकर आप कहते हैं कि हम ऐसा नहीं कर सकते।

BJP की जीत और आरक्षण के कनेक्शन पर
मेरे लोकसभा क्षेत्र में दलित ये मानकर चल रहे हैं कि 400 पार गया, तो मतलब है कि आरक्षण भी चला जाएगा। ये हमें जमीन पर साफ दिख रहा है।

BJP नेता नवनीत राणा पर
वे आकर कहती हैं कि अगर आप AIMIM को वोट दे रहे हैं, तो मतलब पाकिस्तान को वोट दे रहे हैं। अब क्या बोलें इस पर।

मुस्लिम कम्युनिटी पर
उन्हें महसूस होने लगा है कि वे हमारी कम्युनिटी के लोगों को टिकट नहीं देने वाले हैं और न हम इलेक्शन जीतने वाले हैं। हम सिर्फ वोट कर सकते हैं। इसीलिए आपने देखा होगा कि वोटिंग से पहले आखिर के 4-5 शुक्रवार मुस्लिम लीडर कम्युनिटी से ये अपील कर रहे थे कि बड़ी संख्या में जाकर वोट करो और BJP को हराओ।

राजनीति में धर्म के इस्तेमाल पर
धर्म हमेशा राजनीति में अहम रोल निभाता है। हिंदू वोट बैंक हमेशा रहेगा, लेकिन मुस्लिम वोट बैंक जैसा कुछ नहीं है। अगर मुस्लिम वोट बैंक जैसा कुछ होता तो भला नेहरू क्यों मौलाना अबुल कलाम आजाद को रामपुर से चुनाव लड़ने के लिए कहते। वे उन्हें किसी और सीट से लड़ा सकते थे।

सिर्फ 1980 में ही ऐसा हुआ, जब पार्लियामेंट में मुस्लिम मेंबर्स की संख्या 50 के पार हुई, इसके बाद ऐसा हुआ। मेरा कहने का मतलब है कि धर्म भारतीय राजनीति में हमेशा एक अहम रोल निभाता है।

ग्राफिक से जानिए हैदराबाद सीट के कैंडिडेट और रिजल्ट

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