उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री धाम में हालात रविवार सुबह भी बिगड़े रहे। एक साथ 9 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचने से समुद्र तल से 10,797 फीट ऊपर जानकी चट्टी से यमुनोत्री मंदिर तक का 5-6 फीट चौड़ा और 4 किमी लंबा रास्ता बेहिसाब भीड़ में जाम हो गया।
यात्रा एक दिन स्थगित करने की भी योजना बनी, लेकिन प्लान बदलना पड़ा। इसके बाद श्रद्धालुओं को 45 किमी दूर बरकोट से आगे नहीं बढ़ने दिया गया। फिर जानकी चट्टी आने से पहले डामटा धरासू में भी श्रद्धालु रोके गए। इससे 15 किमी लंबा जाम लग गया।
जाम में फंसी महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों ने बिस्किट, नमकीन खाकर 7 घंटे गुजारे। बाद में तीर्थयात्रियों को बर्नीगाड़ से कुथनौर, पालीगाड़ होते हुए जानकी चट्टी भेजा गया। इससे जानकी चट्टी के लिए दो रास्ते खुले।
शाम करीब 5 बजे जब यमुनोत्री मंदिर से जानकी चट्टी तक रास्ता साफ हुआ, उसके बाद यात्रियों को आगे बढ़ाया गया। आखिर में पुलिस ने लोगों से अपील करनी पड़ी कि वे यमुनोत्री न आएं।
न होटल, न ढाबा…
शनिवार रात पालीगाड़ में 300 गाड़ियां रास्ते में फंस गईं। एसपी, कलेक्टर मौके पर थे, लेकिन वहां न होटल थे, न ढाबे, यात्रियों ने सड़क पर ही रात गुजारी।
बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले- मूर्ति पर लगा घी, कंबल नहीं सूखा यानी खुशहाली रहेगी
बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार सुबह 6 बजे 12 हजार लोगों की मौजूदगी में खुल गए। मुख्य रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी सबसे पहले गर्भगृह में गए। वहां उन्हें भगवान की मूर्ति पर पिछले साल लगाया गया घी और कंबल ठीक उसी अवस्था में मिला, जैसा कपाट बंद करते वक्त था। यह देखने के बाद परंपरानुसार भविष्यवाणी की गई कि इस साल देश में कहीं भी सूखा नहीं पड़ेगा और खुशहाली रहेगी। पढ़ें पूरी खबर…