शूटर्स से खत्म कराया बड़े भाई का परिवार:रात में घर का गेट खोल बदमाशों को अंदर बुलाया; सीतापुर में 6 लोगों के कातिल का कबूलनामा
100 बीघा खेत, 50 लाख की सालाना कमाई और लखनऊ में 1 करोड़ का फ्लैट…। यही प्रॉपर्टी सीतापुर के पालापुर गांव में रहने वाले अनुराग और उसके परिवार के लिए काल बन गई। बड़े भाई के पास इतनी दौलत और छोटे भाई अजीत पर सिर्फ किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) का ही 35 लाख का कर्ज। अजीत को अपने भाई की रईसी रास नहीं आ रही थी।
उसने लखनऊ से भाड़े पर हत्यारे हायर किए। फिर मां, भाई-भाभी और उसके 3 बच्चों का बेरहमी से कत्ल करा दिया। पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि अजीत का अपने बड़े भाई से प्रॉपर्टी को लेकर झगड़ा रहता था। बात इस हद तक पहुंच गई कि उसने अनुराग की पूरी फैमिली को ही खत्म करने की साजिश रच दी।
पढ़िए पुलिस के सामने अजीत ने जो कुछ कबूल किया
मैं पैसे से ज्यादा मजबूत नहीं था। मेरी पत्नी हाउसवाइफ थी। मेरे ऊपर कर्ज भी था। अनुराग अच्छा पैसा कमाता था। मां भी उसका साथ देती थी। भाभी भी अच्छी नौकरी कर रही थी। बच्चे बड़े स्कूल में पढ़ रहे थे। ये सब मुझे इतना चुभता था कि मैंने मां, बड़े भाई और उसके परिवार को खत्म करने की प्लानिंग की।
मां से मुझे पता चला कि प्रियंका बच्चों के साथ घर आने वाली है। इस पर सबसे पहले अपनी पत्नी और बच्चों को उसके मायके बाराबंकी छोड़ा। लखनऊ में अपने किसी करीबी के बताए ऐसे बदमाशों से मिला, जो सुपारी लेकर हत्या करते हैं। उनके साथ बैठकर हत्याकांड को कैसे अंजाम देना है, ये प्लान बनाया। फिर भाभी के सीतापुर आने का इंतजार करने लगा।
भाभी शुक्रवार (10 मई) को बच्चों के साथ घर आई। फिर मैंने बदमाशों को शनिवार रात घर आने का समय बता दिया। मगर, उन लोगों को कुंडी खटखटाने से मना कर दिया। इसके बाद रात में घर में मौजूद सभी लोगों के गहरी नींद में सोने का इंतजार करने लगा। रात 2-3 बजे के बीच मैंने घर का मेन गेट खोल दिया और बदमाशों को घर के अंदर बुला लिया। उसके बाद घर में खूनी खेल शुरू हो गया। हम लोगों जो जहां मिला, वहीं पर खत्म कर दिया।
40-45 मिनट में सभी की हत्या करने के बाद हम सभी लोगों ने मिलकर घर से खून के निशान साफ किए। फिर बदमाशों को घर से भेज दिया। इसके बाद मैंने अपने खून से सने कपड़े धोए और उनको छिपा दिया। उसके बाद अपने कमरे में जाकर सो गया।
सुबह जब पड़ोसी प्रभाकर चिल्लाते हुए घर पहुंचा, तब मैंने घटना से अनजान होने का नाटक किया। मैं चाहता था, भतीजी-भतीजे मर जाएं, इसलिए अस्पताल ले जाने के लिए अपनी गाड़ी भी नहीं दी। डर था, इनमें से कोई बच गया, तो मेरा नाम सामने आ जाएगा। अनुराग का मानसिक बीमार होना और भाभी से झगड़ा मेरी बनाई हुई कहानी थी। जिस रात हत्याकांड हुआ, उस दिन घर में कोई लड़ाई-झगड़ा नहीं हुआ था। सभी लोग खाना खाने के बाद सोने चले गए थे।
अनुराग की पत्नी यूपी के पूर्व सीएम वीर बहादुर सिंह की नातिन थी
11 मई 2024, सीतापुर का पालापुर गांव…एक घर में 6 कत्ल होते हैं। बुजुर्ग मां, बेटे, बहू की और उनके तीन छोटे-छोटे बच्चों को बेरहमी से मारा जाता है। पुलिस मौका-ए-वारदात पर आती है और छानबीन के बाद कहती है कि इनमें से 5 लोगों कत्ल हुआ है, छठे शख्स ने कत्ल करने के बाद खुदकुशी कर ली। वजह बताई गई कि बेटा दिमागी तौर पर परेशान था। लगा मामला सुलझ गया है। लेकिन जब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आती है, तो खुलासा होता है छठे शख्स ने अपने सिर में दो गोली मारी थी। उससे पहले हथौड़े से खुद के सिर पर हमला भी किया था। मामला उलझ जाता है, पुलिस की थ्योरी गलत साबित हो जाती है।
अब पुलिस का सीधा शक घर के एकमात्र बचे सदस्य अनुराग के भाई अजीत पर जाता है। उसे हिरासत में लेकर नए सिरे से पुलिस जांच शुरू करती है। तभी पुलिस को यह भी पता चलता है कि मृतक अनुराग की पत्नी प्रियंका सिंह यूपी के पूर्व सीएम वीर बहादुर सिंह की नातिन थी।
मृतक अनुराग के साले और प्रियंका के छोटे भाई आदित्य सिंह ने दैनिक भास्कर से बताया, हमारा ननिहाल गोरखपुर में है। पूर्व सीएम वीर बहादुर सिंह मेरे नाना और पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह मेरे मामा थे। मामला हाई प्रोफाइल होने पर मंगलवार को लखनऊ से STF की टीम सीतापुर पहुंची। पूरे हत्याकांड को रिक्रिएट किया गया। अनुराग के छोटे भाई अजीत को घर के कोने-कोने में ले जाकर जांच की गई। इसके बाद चौंकाने वाले खुलासे हुए।
हत्याकांड में घर के कुछ और लोगों के शामिल होने की आशंका
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि अनुराग के अपने बहनोई अलकेंद्र से संबंध अच्छे नहीं थे। अलकेंद्र अनुराग को उसके पिता की मौत का जिम्मेदार बताता था। अलकेंद्र कहता था, तुम्हारे शराब पीने की आदत से परेशान होकर मेरे ससुर मर गए। इसको लेकर अलकेंद्र और अनुराग में मारपीट भी हुई थी। वहीं, अलकेंद्र हत्याकांड में पुलिस की पूरी जांच को भी प्रभावित करने का प्रयास कर रहा था। पुलिस ने उसे भी हिरासत में लिया है।
पुलिस ने अजीत और अलकेंद्र के अलावा अजीत की पत्नी, अनुराग के चाचा आरपी सिंह, उनके दोनों बेटों आशुतोष, अमित समेत अजीत के घर के दो नौकरों वीरेश और सर्वेश को पूछताछ के लिए उठाया है।
बाद में चाचा को पुलिस ने घर भेज दिया। पुलिस सभी से बारी-बारी से पूछताछ कर कड़ियां जोड़ने का प्रयास कर रही है। अजीत के हार्ट पेशेंट होने की वजह से पुलिस सख्ती से पूछताछ करने में परेशानी हो रही है।
अब पूरा केस STF की टीम देख रही
इस मामले में सीओ दिनेश शुक्ला का कहना है, अजीत ने इस पूरे हत्याकांड को किन लोगों के साथ मिलकर अंजाम दिया, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। अजीत उन लोगों का नाम नहीं बता पा रहा। इसके अलावा जिन लोगों से भी अनुराग के संबंध खराब थे, उन सबसे पूछताछ की जा रही है। ये पूरा केस अब STF की टीम देख रही है। पूरे केस को रिक्रिएट किया गया है। जल्द ही पूरा खुलासा किया जाएगा।
11 मई को रामपुर के पालापुर में घर में मिले थे 6 शव
सीतापुर में शनिवार सुबह अनुराग सिंह (45) की उसके कमरे में लाश मिली थी। बताया गया कि मां सावित्री सिंह (62) और पत्नी प्रियंका (40) को गोली मारने के बाद अनुराग ने उनका सिर हथौड़े से कूच दिया। फिर तीनों बच्चों अरना (12), अरवी (7), आद्विक (8) को छत से फेंक दिया। उसके बाद खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया। पुलिस और आसपास के लोगों ने यह मान लिया कि अनुराग ने ही हत्या कर खुदकुशी की है।
अनुराग गांव में रहकर 100 बीघा जमीन पर खेती करता था। पत्नी प्रियंका लखनऊ में एक इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करती थी। वह तीनों बच्चों को लेकर अलीगंज में सरगम कॉम्प्लेक्स में रहती थी। उसके तीनों बच्चे CMS की अलीगंज ब्रांच में पढ़ते थे। शुक्रवार सुबह प्रियंका बच्चों को लेकर गांव पहुंची थी। शनिवार सुबह घर में सभी की लाशें मिली थीं।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने पलटी पूरी कहानी
इस हत्याकांड के 24 घंटे गुजरते-गुजरते पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई और पूरी कहानी ही पलट गई। जिस शख्स (अनुराग) पर अपने पूरे परिवार की हत्या कर खुदकुशी करने का आरोप था, उसने अपने सिर पर एक नहीं दो गोलियां मारी थीं। और तो और सिर पर हथौड़ा भी मारा था।
इसके बाद गांव वालों के साथ खुद पुलिस भी सकते में आ गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया, अनुराग के सिर पर दो गोली मारने के निशान मिले। एक गोली दायीं कटपटी से घुस कर बाएं गाल से बाहर निकल गई। दूसरी गोली बाईं कनपटी से अंदर गई और अंदर ही फंस गई। ऐसे में सवाल यही था कि आखिर कोई आदमी अपने सिर पर एक से ज्यादा गोली मार कर या फिर गोली के साथ अपने सिर पर हथौड़ा मार कर जान कैसे दे सकता है? यकीनन ये मामला मर्डर कम सुसाइड का नहीं, बल्कि सिर्फ और सिर्फ मर्डर का था, जिसे किसी और ने अंजाम दिया था।
प्रियंका के भाई अंकित ने पहले ही कहा था- पूरे परिवार की हत्या की गई
हत्याकांड सामने आने के बाद प्रियंका सिंह के भाई अंकित कुमार सिंह ने सभी 6 लोगों की हत्या का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी।
पुलिस को कैसे हुआ अजीत पर शक
- हत्या के बाद करीब 6 बार अपने बयान बदला।
- अचानक अपनी पत्नी और बच्चों को ससुराल छोड़ आया।
- अजीत का कहना था, हत्याकांड के समय मां ने उसको कमरे में बंद कर दिया था। फिर सुबह बाहर कैसे आया?
- घर में 4 गोली चलीं, फिर अजीत ने पुलिस को कॉल क्यों नहीं किया?
- अपने भतीजे-भतीजी को अस्पताल ले जाने के लिए कार की चाबी क्यों नहीं दी?