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सुप्रीम कोर्ट बोला-न्यूज क्लिक फाउंडर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी अवैध:कहा- पुलिस ने आधार नहीं बताया; चीन से फंडिंग के आरोप में अरेस्ट हुए थे

सुप्रीम कोर्ट बोला-न्यूज क्लिक फाउंडर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी अवैध:कहा- पुलिस ने आधार नहीं बताया; चीन से फंडिंग के आरोप में अरेस्ट हुए थे

नई दिल्ली3 घंटे पहले
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 3 अक्टूबर को न्यूजक्लिक के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और HR प्रमुख अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था।

एंटी टेरर लॉ केस में जेल में बंद न्यूज क्लिक के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ को रिहा किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उनकी गिरफ्तारी को अवैध बताया और रिहाई का आदेश दिया। प्रबीर और न्यूज क्लिक के एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को चीन से फंडिंग के आरोप में पिछले साल 3 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अमित सरकारी गवाह बन गए थे।

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस मेहता की बेंच ने कहा कि हमें यह कहते हुए कोई हिचकिचाहट नहीं है कि पुलिस ने गिरफ्तारी का आधार नहीं बताया। रिमांड ऑर्डर भी अवैध है। इसलिए प्रबीर को रिहा किया जाना चाहिए। न्यूज क्लिक की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलीलें रखी थीं।

गिरफ्तारी के आधार लिखित में बताना क्यों जरूरी

  • सुप्रीम कोर्ट ने पंकज बंसल बनाम भारत संघ मामले में दिए फैसले में कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 22 और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) की धारा 19(1) को सही अर्थ और उद्देश्य देने के लिए गिरफ्तारी के आधार की लिखित सूचना बिना किसी अपवाद के दी जानी चाहिए।
  • रियल एस्टेट समूह M3M के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंकज बंसल और बसंत बंसल को ईडी ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के समय ED अधिकारी ने गिरफ्तारी के आधार मौखिक रूप से बताए थे। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि आरोपी को गिरफ्तारी के आधार सिर्फ पढ़कर सुनाने या उसे पढ़ने के लिए देने से कॉन्सिटिट्यूशनल और लीगल प्रोटेक्शन का उद्देश्य पूरा नहीं होता।
  • कोर्ट के मुताबिक जमानत पाने के लिए आरोपी को यह साबित करना होता है कि उसकी गिरफ्तारी उचित आधार पर नहीं हुई है। इसके लिए जरूरी है कि गिरफ्तार व्यक्ति गिरफ्तारी के आधार से पूरी तरह अवगत हो। मतलब जब व्यक्ति को गिरफ्तारी का आधार पता होगा तभी वह जमानत के लिए अदालत में दलील देने की स्थिति में होगा।
  • सेंसिटिव केसेज के लिए कोर्ट ने यह भी कहा अगर गिरफ्तारी के आधार में किसी तरह की संवेदनशील जानकारी है, जिससे जांच प्रभावित हो सकती है तो उस हिस्से को हटाकर गिरफ्तारी के आधारों की एडिटेड कॉपी दी जानी चाहिए। इससे जांच की शुचिता की रक्षा की जा सकेगी।
  • सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ठीक उसी दिन यानी 3 अक्टूबर 2023 को आया था, जिस दिन प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती की गिरफ्तारी हुई थी।

प्रबीर पर आरोप क्या थे
दिल्ली पुलिस की FIR के मुताबिक, न्यूज क्लिक पर चीनी प्रोपगैंडा फैलाने और देश की संप्रभुता को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया था। इसके अलावा पुरकायस्थ पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म के साथ साजिश रचने का आरोप है।

न्यूजक्लिक का पूरा मामला सिलसिलेवार पढ़ें…

5 अगस्त 2023: न्यूयॉर्क टाइम्स में एक रिपोर्ट छपी। इसमें बताया गया कि ब्रिटेन और अमेरिका में कुछ ग्रुप चीन के प्रोपेगैंडा को प्रमोट करने में जुटे हैं। इन संगठनों की जांच की गई तो सामने आया कि अमेरिकन मिलियनेयर नेविल रॉय सिंघम इसकी फंडिंग कर रहे हैं। टाइम्स के मुताबिक नेविल रॉय उन संस्थाओं के साथ जुड़े हैं, जो दुनिया में चीन की उपलब्धियों का बखान करती हैं।

न्यूयॉर्क टाइम्स की इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि सिंघम के साथ मैसाचुसेट्स में एक थिंक टैंक, मैनहटन की संस्था, दक्षिण अफ्रीका में एक राजनीतिक दल, भारत और ब्राजील में न्यूज ऑर्गेनाइजेशन सहित कई ग्रुप जुड़े हैं। इनके पास अरबों डॉलर के साधन हैं। सिंघम शिकागो में सॉफ्टवेयर कंसल्टेंसी कंपनी थॉटवर्क्स चलाते हैं। इससे एक भारतीय न्यूज वेबसाइट भी जुड़ी है। 69 साल के सिंघम शंघाई में बैठते हैं। वहां उनका नेटवर्क यूट्यब पर एक शो चलाता है। इसके लिए शंघाई का प्रोपेगैंडा विभाग भी कुछ पैसा देता है।

7 अगस्त 2023: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में न्यूयॉर्क टाइम्स रिपोर्ट का हवाला देकर न्यूजक्लिक को मिलने वाली चीनी फंडिंग का मुद्दा उठाया था। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि कांग्रेस, चीन और विवादित न्यूज वेबसाइट न्यूजक्लिक एक ही गर्भनाल से जुड़े हैं। राहुल गांधी की ‘नकली मोहब्बत की दुकान’ में पड़ोसी सामान साफ देखा जा सकता है। चीन के प्रति उनका प्रेम नजर आ रहा है। वे भारत विरोधी अभियान चला रहे हैं।

17 अगस्त 2023: न्यूयॉर्क टाइम्स के रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली पुलिस ने न्यूजक्लिक के खिलाफ केस दर्ज किया। इनके खिलाफ IPC की धारा 153 (ए) (धर्म, जाति के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के साथ-साथ UAPA की कई धाराएं (13, 16, 17, 18 और 22) भी लगाई गई हैं। धारा 16- आतंकी मामलों से जुड़ी, धारा 17- आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग जुटाना, धारा 18- षड्यंत्र की सजा, धारा 22 सी- कंपनियों द्वारा किए गए अपराध की सजा है।

22 अगस्त 2023: दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यूजक्लिक के एडिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ को नोटिस दिया था। यह नोटिस दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंसेस विंग (EOW) की याचिका पर दिया गया था। पुलिस ने याचिका में कोर्ट के अंतरिम आदेश को वापस लेने की अपील की थी, जिसमें न्यूज साइट के खिलाफ सख्त एक्शन लेने पर रोक लगाई गई थी।

दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने 7 जुलाई 2021 को प्रबीर पुरकायस्थ को गिरफ्तार न करने का आदेश दिया था। हालांकि कोर्ट ने कहा था कि पुरकायस्थ को अधिकारियों के निर्देशों के मुताबिक जांच में सहयोग करना होगा। दिल्ली पुलिस की याचिका के बाद कोर्ट ने पुरकायस्थ से इस मामले में जवाब तलब किया था।

3 अक्टूबर 2023: दिल्ली पुलिस ने न्यूजक्लिक से जुड़ी 30 से ज्यादा लोकेशंस पर छापेमारी की थी। पुलिस ने बताया कि 9 महिलाओं समेत 46 लोगों से पूछताछ की गई। इनमें पत्रकार उर्मिलेश, औनिंद्यो चक्रवर्ती, अभिसार शर्मा, प्रांजय गुहा के अलावा इतिहासकार सोहेल हाशमी भी शामिल हैं। करीब 6 घंटे की पूछताछ के बाद इन्हें छोड़ दिया गया। प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

4 अक्टूबर 2023: प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को 4 अक्टूबर को कोर्ट में पेश किया गया, जहां ट्रायल कोर्ट ने दोनों को 7 दिन (11 अक्टूबर) की पुलिस रिमांड में भेज दिया। उधर, पुलिस ने न्यूजक्लिक के ऑफिस को भी सील कर दिया।

6 अक्टूबर 2023 : प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से अर्जेंट हियरिंग की अपील की थी। उन्होंने दोनों की गिरफ्तारी और 7 दिन की पुलिस कस्टडी को चुनौती दी। कोर्ट से प्रबीर और अमित को अंतरिम राहत के रूप में तत्काल रिहाई देने की मांग की थी। 6 अक्टूबर को याचिका पर सुनवाई हुई, तब कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

9 अक्टूबर 2023: हाईकोर्ट में प्रबीर और अमित के वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किलों की गिरफ्तारी और रिमांड को कई कानूनी आधारों पर बरकरार नहीं रखा जा सकता है। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उन्हें वजह नहीं बताई थी। ट्रायल कोर्ट में प्रबीर और अमित के वकील की अनुपस्थिति में रिमांड का आदेश जारी किया गया था। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस तुषार राव गेडेला ने आदेश सुरक्षित रख लिया।

10 अक्टूबर 2023 : न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

11 अक्टूबर 2023 : CBI ने प्रबीर पुरकायस्थ के घर की तालाशी ली और पुरकायस्थ की पत्नी से पूछताछ की।

18 अक्टूबर 2023 : सुप्रीम कोर्ट में पुरकायस्थ और अमित ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई हुई। दो जजों की बेंच ने इसे अगले दिन फिर से सुनवाई करने के लिए टाल दिया।

19 अक्टूबर 2023: सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी को लेकर दूसरे दिन की सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया।

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