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पूर्व पति का दावा- स्वाति मालीवाल की जान खतरे में:केजरीवाल के PA ने किसी के कहने पर बदसलूकी की, संजय सिंह को सब पता है

पूर्व पति का दावा- स्वाति मालीवाल की जान खतरे में:केजरीवाल के PA ने किसी के कहने पर बदसलूकी की, संजय सिंह को सब पता है

नई दिल्ली1 घंटे पहले
स्वाति मालीवाल और पूर्व AAP नेता नवीन जयहिंद ने 2020 में तलाक ले लिया था।

दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और AAP राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के पूर्व पति नवीन जयहिंद ने दावा किया कि स्वाति की जान खतरे में है। स्वाति के साथ जो भी हुआ उसकी प्लानिंग की गई थी। नवीन ने कहा कि स्वाति सामने आएं और अपना पक्ष रखें।

इसके अलावा उन्होंने AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को लेकर कहा, ‘मैं संजय सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस सुन रहा था और मैं उन्हें यह बताना चाहता हूं कि उन्हें कैमरे के सामने एक्टिंग बंद कर देनी चाहिए, क्योंकि उन्हें पूरा मामला पता था।’

राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले को लेकर बीजेपी की महिला कार्यकर्ताओं ने CM हाउस के पास प्रदर्शन और नारेबाजी की।

दरअसल, संजय सिंह ने मंगलवार (14 मई) को कबूल किया था कि मुख्यमंत्री आवास पर स्वाति मालीवाल के साथ अभद्रता हुई। उन्होंने मीडिया से कहा- 13 मई को बहुत ही निंदनीय घटना घटित हुई। सुबह अरविंद केजरीवाल से मिलने स्वाति मालीवाल उनके आवास पर पहुंची थीं। ड्रॉइंग रूम में केजरीवाल का इंतजार कर रही थीं। इस बीच मुख्यमंत्री के पीए बिभव कुमार वहां पहुंचे और उनके साथ अभद्रता और बदतमीजी की।

संजय सिंह ने बताया- इस पूरी घटना को दिल्ली के CM ने संज्ञान में लिया है। वो इस मामले में सख्त कार्रवाई करेंगे। जहां तक स्वाति मालीवाल का सवाल है, उन्होंने देश और समाज के लिए बहुत काम किया है। वो सीनियर और पुराने नेताओं में से एक हैं। हम उनके साथ हैं।

संजय सिंह ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वाति मालीवाल के साथ हुई घटना के बारे में बताया।

नवीन बोले- किसी के कहने पर स्वाति के साथ बदसलूकी हुई
नवीन जयहिंद ने मंगलवार शाम को X पर वीडियो मैसेज पोस्ट कर कहा कि इस घटना के बारे में पूछने के लिए मेरे पास कई कॉल आ रहे हैं। सबसे पहली बात तो यह कि मेरा स्वाति से तलाक हो चुका है। मैं बीते चार साल से उनके साथ संपर्क में नहीं हूं। दूसरा, स्वाति के साथ जो भी हुआ उसकी प्लानिंग पहले से की गई थी और अब उसे डराया-धमकाया जा रहा है। स्वाति के साथ कुछ भी हो सकता है।

जिस व्यक्ति ने स्वाति के साथ बदसलूकी की, उसमें इतनी हिम्मत भी नहीं है कि वह अपनी आवाज उठा सके। उसने ये सब किसी के निर्देश पर किया है। स्वाति को भी सामने आना चाहिए और अपनी बात रखनी चाहिए। उन्हें किस बात का डर है। हम सब उनके साथ हैं। उनकी जिंदगी खतरे में है।

नवीन जयहिंद 2020 में हरियाणा में आम आदमी पार्टी के कन्वीनर थे। बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ दी।

पुलिस बोली- अब तक औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई
पुलिस के मुताबिक, स्वाति मालीवाल सोमवार को सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन आई थीं और मुख्यमंत्री के पर्सनल स्टाफ के खिलाफ शिकायत की। पुलिस को उनकी तरफ से औपचारिक रूप से शिकायत नहीं मिली।

DCP (नॉर्थ) मनोज मीना ने बताया, ‘हमें सुबह 9:34 बजे एक PCR कॉल मिली जिसमें कॉल करने वाले ने कहा कि उसके साथ CM आवास के अंदर मारपीट की गई है। उसके बाद स्थानीय पुलिस और SHO ने कॉल का जवाब दिया। कुछ समय बाद, सांसद स्वाति मालीवाल पुलिस स्टेशन सिविल लाइन्स आईं। इस मामले में उनकी ओर से कोई शिकायत नहीं दी गई है।’

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, CM हाउस से मालीवाल ने PCR कॉल की थी। कॉल के बाद दिल्ली पुलिस सिविल लाइंस स्थित CM हाउस पर पहुंची। हालांकि, मौके पर स्वाति नहीं मिलीं। जब पुलिस CM हाउस पहुंची तो स्वाति मालीवाल वहां से जा चुकी थीं।

स्वाति मालीवाल वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं। इससे पहले वे दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष रही थीं।

भाजपा बोली- दिल्ली के CM क्यों चुप हैं, स्वाति पर दबाव है
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा- AAP 36 घंटे से कहां थी? मुख्यमंत्री कहां हैं? बिभव कुमार को किसने उकसाया? इन तथ्यों की जांच होनी चाहिए। स्वाति मालीवाल चुप हैं। जहां तक उनके स्वभाव की बात है तो वे खुलकर बोलती हैं। अगर वे चुप हैं तो समझ लीजिए उन पर कितना दबाव होगा। देश में अगर किसी भी महिला के साथ अभद्रता होती है तो तुरंत उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसे दोषियों को छोड़ना नहीं चाहिए।

बिभव सरकारी कर्मचारी के साथ मारपीट के मामले में बर्खास्त हुए
मार्च 2024 में बिभव को CM के पर्सनल सेक्रेटरी के पद से बर्खास्त कर दिया गया था। स्पेशल सेक्रेटरी विजिलेंस वाईवीवीजे राजशेखर ने आदेश जारी कर कहा था कि बिभव की सेवाएं तत्काल प्रभाव से खत्म कर दी गई हैं। उनकी नियुक्ति के लिए निर्धारित प्रक्रिया और नियमों का पालन नहीं किया गया। इसलिए ये नियुक्ति अवैध और शून्य करार दी जाती है। राजशेखर ने ये आदेश 2007 के एक मामले के आधार पर दिया।

दरअसल, 2007 में बिभव पर एक सरकारी अधिकारी के साथ कथित तौर पर मारपीट का आरोप लगा था। नोएडा विकास प्राधिकरण में तैनात महेश पाल ने बिभव पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर शिकायतकर्ता (एक पब्लिक सर्वेंट) को उसकी ड्यूटी करने से रोका, उसे गाली और धमकी दी। महेश ने 25 जनवरी 2007 को नोएडा सेक्टर-20 के पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई थी। इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से भी एक्शन लिया गया था।

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