जम्मू कश्मीर के बनिहाल में CRPF के काफिले पर आत्माघाती हमला हुआ था. ये मार्च 2019 की बात है. सुप्रीम कोर्ट में आज इस मामले पर एक अहम सुनवाई हुई. अदालत ने आदेश दिया कि इस केस में 6 हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी गुर्गों के खिलाफ मुकदमा चलेगा.
दरअसल, जम्मू कश्मीर के हाईकोर्ट ने इसके उलट मुकदमा न चलाने का आदेश दिया था. आज सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करते हुए मुकदमा चलाए जाने का रास्ता साफ कर दिया.
जजों ने क्या कहा?
जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी. फैसला सुनाते हुए दो सदस्यीय जजों की बेंच ने कहा कि इस मामले में प्रक्रिया की वजह से जो चूक हुई है, उसका इलाज संभव है.
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि संबंधित अधिकारियों को निर्धारित प्रक्रिया का पालन करके मुकदमा चलाने की इजाजत है. अदालत ने इस मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी यूएपीए कानून के तहत आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है.
सीआरपीएफ के काफिले पर ये असफल हमला मार्च 2019 में हुआ था. अगर ध्यान दें तो यह तारीख 14 मार्च 2019 के आस पास की है जब पुलवामा में एक आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों की जान चली गई थी.
30 मार्च 2019 की ये घटना है. हिजबुल मुजाहिद्दीन से संभावित ताल्लुक रखने वाले एक शख्स, आमिन ने 14 फरवरी की तर्ज पर एक बारूद से भरे सैंट्रो कार के जरिये सीआरपीएफ के काफिले पर हमला करने की कोशिश की. ये कोशिश जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के बनिहाल इलाके में करने की कोशिश की गई.जिस पर शक है, वह साउथ कश्मीर का बताया जाता है.