आगर कोतवाली थाने में पदस्थ दो हेड कॉन्स्टेबल पर शिकायत दर्ज करने के एवज में 3 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं। इसकी जानकारी जब भाजपा विधायक मधु गेहलोत को लगी तो उन्होंने समर्थकों के साथ गुरुवार रात एसपी कार्यालय का घेराव कर दिया। जिसके बाद एसपी विनोद कुमार सिंह ने हेड कॉन्स्टेबल नरेंद्र सिंह भाटी और हेड कॉन्स्टेबल राधेश्याम विश्वकर्मा को निलंबित कर मामले की जांच सीएसपी को सौंप दी।
दरअसल, एक जमीन के सौदे में विक्रय पत्र संपादित होने के बाद पैसों के लेनदेन को लेकर हुए विवाद में एक पक्ष ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद दूसरे पक्ष ने भी शिकायती आवेदन दे दिया। केस दर्ज करने के एवज में 28 अप्रैल को दोनों हेड कॉन्स्टेबल को 3 लाख रुपए रिश्वत दी गई। 1 मई को धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया। इस पूरे मामले की जानकारी विधायक मधु गेहलोत को 16 मई को लगी।
विधायक गेहलोत ने कहा, जिले की पुलिस भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है। इस तरह की रिश्वतखोरी करने से सरकार बदनाम होती है। जो रिश्वतखोरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो सबको हिला कर रख दूंगा। चाहे 100 गाड़ी ले कर जाना पड़े, सीएम हाउस पर धरने पर बैठूंगा। विधानसभा में ऐसे भ्रष्ट लोग नहीं चाहिए। मैं भ्रष्ट हुआ तो काट दो मेरा टिकट, मैं इस्तीफा दे दूंगा।
झूठी शिकायत के खिलाफ की थी कार्रवाई की मांग
आवेदनकर्ता डॉ. नरेन्द्र सिंह ठाकुर और गिरीराज बंसिया ने बताया, झलारा में एजाज एहमद से 1 करोड़ 75 लाख रुपए में जमीन का सौदा किया था। उसे 52 लाख रुपए नकद दिए थे। बाकी की राशि चेक से दी, लेकिन उसने बाहर जाने की बात कही और चेक वापस कर दिया। इसके बाद हमने बची हुई राशि उसके खाते में आरटीजीएस और दलाल के माध्यम से जमा कराई।
सौदे की पूरी राशि देने के बाद भी उसने झूठी शिकायत कर वकील के जरिए नोटिस भेजा और 75 लाख रुपए की मांग की। जिस पर हमने कोतवाली थाना में आवेदन दिया। यहां केस दर्ज करने के एवज में दोनों हेड कॉन्स्टेबल ने तीन लाख की मांग की। हमने राशि भी दे दी। इसके बाद भी केस दर्ज नहीं किया गया। दबाव बनाने पर तीन दिन बाद एजाज खान के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया।
मामले में प्रधान आरक्षक राधेश्याम विश्वकर्मा ने सभी आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि किसी तरह की कोई रिश्वत नहीं ली है। वहीं, प्रधान आरक्षक नरेंद्र सिंह भाटी से संपर्क नहीं हो पाया है।